श्री राम भक्त हनुमान जी को कलयुग का देवता भी कहा जाता है। क्योंकि भगवान राम ने स्वयं इनके हाथों में पूरी पृथ्वी को सौंपा और राम अवतार के बाद विष्णु रूप में बैकुंड में वास करने लगे। भगवान हनुमान जी को कलयुग में सबसे ज्यादा पूजा जाता है। क्योंकि यहीं कलयुग की बुराईयों का सर्वनाश करने वाले देवता माने गए। श्री हनुमान जी के भारत में ऐसे विशाल मूर्ति वाले मंदिर स्थापित है जिनके दर्शन बहुत दूर से किए जा सकते है। उनमें से कई मंदिर तो आपने देखें भी होंगे तो आइए आज हम आपको हनुमान जी की विशालकाय प्रतिमा के बारे में बताएंगे।
महाराष्ट्र के नंदुरा में हनुमान जी का मंदिर स्थापित है। जिसमें बड़ी ही विशालकाय मूर्ति विराजमान है। यह मूर्ति 32 मीटर ऊंची है और दुनिया की बहुत-सी ऊंची मूर्तियों में इसे गिना जाता है। संकटमोचन हनुमान जी इस मंदिर में 30 फीट ऊंचा गदा लिए हुए हैं। यह बड़ा ही शक्तिशाली मंदिर है, जिसमें लाखों भक्तों का तांता लगा रहता है और हनुमान जी अपने भक्तों का उद्धार करते हैं।
आपने जरूर दिल्ली के करोलबाग के हनुमान जी के मंदिर के बारे में सुना होगा। इस मंदिर में भी 108 फुट ऊंची मूर्ति स्थापित की गई है। यह मंदिर करोल बाग मेट्रो स्टेशन के पास है। जो बड़ा ही अनोखा मंदिर है। इसमें भगवान अपने आराध्य श्री राम और माता सीता विराजमान है। यह काफी पुराना मंदिर है, जो 1994 में बनना शुरू हुआ था और 13 साल बाद 2007 तक इसका निर्माण कार्य पूर्ण हुआ था। यदि आप दिल्ली के आसपास ही रहते हैं तो करोल बाग स्थित हनुमान जी के मंदिर में जरूर जाएं और अपने संकटों को श्री हनुमान जी से कहकर आए। वो हर कष्ट को दूर करेंगे।
देश के बड़े ही सुंदर शहर शिमला में श्री हनुमान जी की ऊंची प्रतिमा स्थापित है। इस प्रतिमा की लंबाई 35 मीटर है। एशिया की सबसे ऊंची मूर्ति मानी गई है। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि जाखू मंदिर में श्री हनुमान जी की मूर्ति 8,500 फुट की ऊंचाई पर स्थित है। स्पष्ट रूप से इस मूर्ति के दर्शन लोग दूर से ही कर लेते हैं।
पंजाब के अमृतसर में राम तीर्थ मंदिर में भी विशाल प्रतिमा है। संकटमोचन हनुमान का यह मंदिर अमृतसर से 12 किलोमीटर दूर वाल्मिकी परिसर में बनाया गया है। इस मंदिर में स्थापित प्रतिमा ऊंचाई 80 फीट है। इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यहां से 12 किलोमीटर दूर ही वाल्मिकी परिसर में लवकुश का जन्म हुआ था।
देश के लगभग हर राज्य में हनुमान जी की पूजा की जाती है। मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में सिमरिया कलां में हनुमान जी का मंदिर बनाया गया है। इस मंदिर में भी विशालकाय मूर्ति लगी हुई है। यह प्रतिमा 101 फीट ऊंची है। जहां पर लोग प्रतिमा की बड़े ही श्रद्धा भाव से पूजा करते हैं और भगवान जीवन के हर संकट को दूर करके भक्तों की मनोकामना पूर्ण करते हैं।
आंध्र प्रदेश में वीरा अभया अंजना के नाम से हनुमान जी का मंदिर स्थापित है, जिसमें 135 फीट ऊंची हनुमान जी की मूर्ति विराजमान हैं। इस मंदिर की स्थापना 2003 में की गई थी। कहा जाता है कि इसमें श्री हनुमान जी अपनी माता अंजना के साथ विराजे हैं।
हरियाणा के फरीदाबाद-गुड़गांव रोड पर त्रिवेणी हनुमान जी का मंदिर है। जिसमें 108 फुट ऊंची प्रतिमा लगी हुई है। यह काफी पुराना मंदिर है और इतनी ऊंची मूर्ति को लोग पास से नहीं देख सकते इसलिए दूर से ही भगवान हनुमान की जय जयकार करके उन्हें प्रणाम अर्पित करते हैं।
35 फीट ऊंची प्रतिमा आंध्र प्रदेश की विजयवाड़ा के परिताला शहर में भी स्थित है। दूर-दूर से लोग आकर यहां पर हनुमान जी के दर्शन करते हैं और मनचाहा वरदान पाते हैं। कहा जाता है कि जो भी लोग हनुमान जी के साथ-साथ राम जी का नाम लेते हैं। उनके काम जल्दी ही बन जाते हैं।
आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम में 175 फुट ऊंची हनुमान प्रतिमा है। जो विशालकाय मंदिरों में गिनी जाती है। इस शक्तिशाली मंदिर में भी श्री राम भक्त हनुमान कभी भी अपने भक्तों को निराश नहीं करते हैं। यदि आप हनुमान भक्त है तो आप जिस राज्य में रहते हैं उसमें भी हनुमान मंदिर स्थापित होगा और वहां पर हनुमान जी के दर्शन कर सकते है।
मध्यप्रदेश के इंदौर में अंजनी लाल का विशालकाय मंदिर है जिसमें मूर्ति 51 फुट की स्थापित है। यह मूर्ति इंदौर के पितृ पर्वत पर स्थापित है इसलिए इसे पितेृश्वर हनुमान जी मंदिर कहा गया है। यह प्रतिमा सोना, चांदी, प्लेटिनम, पारा, एंटोमनी, जस्ता, सीसा और रांगा अष्ट धातु से निर्मित है। इस मूर्ति का वजन 108 टन है। जो दुनिया की सबसे बड़ी धातु प्रतिमा है।
हमने आपको 10 शक्तिशाली और सबसे विशालकाय प्रतिमा वाले मंदिरों के बारे में बताया है। आप किसी भी मंदिर में जाकर भगवान से प्रार्थना करके अपने जीवन को सफल बना सकते हैं। साथ ही आपको बता दें कि यदि आप हनुमान जी को खुश करना चाहते हैं तो उसके लिए आपको श्री राम जाप करना चाहिए। ऐसा करने से आप हनुमान जी को बहुत जल्दी पा लेंगे। ये सत्य है कि राम भक्त हनुमान सबसे ज्यादा प्रसन्न तब होते हैं। जब उनके आराध्य को उनके भक्त पूजते हैं। दरअसल, राम जी और हनुमान जी के बीच एक अटूट रिश्ता है। यह रिश्ता एक भक्त और एक भगवान का है। जो भक्त श्री राम जी से प्यार करता है उसे हनुमान जी अपनी जान से भी ज्यादा चाहते हैं और कभी भी उसके जीवन पर किसी भी प्रकार की बाधा को नहीं आने देते और उसका जीवन सुखमय बना देते हैं।
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