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रोशनी का त्योहार दिवाली


Saturday, 20 March 2021
रोशनी का त्योहार दिवाली

रोशनी का त्योहार दिवाली

दिवाली करती है दिलों को रोशन, दिवाली पर दीयों के जगमग से महकता है जीवन, अपनों को अपनों से मिलाती है दिवाली, अंधेरे से प्रकाश की ओर ले जाती है दिवाली। जी हां, हम भारत के सबसे प्रमुख त्योहार दिवाली की बात कर रहे हैं। दिवाली एक ऐसा त्योहार है जो सभी के जीवन को रोशनी से भर देती है। हर साल इस त्योहार को बड़े धूमधाम और उत्सुकता के साथ मनाया जाता है। इस त्योहार पर अपनों से मुलाकात करने का मौका मिलता है। हिंदू धर्म में यह त्योहार सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है और सबसे ज्यादा पसंद भी किया जाता है। इस त्योहार पर दीए जलाकर मिठाई बांटते हैं और जीवन में आ रहे अंधेरे को दूर करके जीवन को प्रकाशमान बनाते हैं। दीवाली पर माता लक्ष्मी का पूजन किया जाता है। माता लक्ष्मी धन की देवी है, जो मनुष्य के जीवन को धन-धान्य से परिपूर्ण कर देती है। आइए जानते हैं कि 2021 में दिवाली पूजन कब है और दिवाली को किस प्रकार से मनाया जाता है।

दिवाली 2021: सन् 2021 में दिवाली 4 नवंबर, गुरुवार के दिन है। दिवाली का पर्व कार्तिक मास की अमावस्या के दिन ही मनाया जाता है और ये अमावस्या प्रदोष काल की अमावस्या होती है।

दिवाली पूजन का शुभ मुहूर्त: शाम 06:10 से 0 8:06 तक यानी कि इस बार 1 घंटे 55 मिनट तक दिवाली का शुभ मुहूर्त है। इस दौरान और माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना की जाएगी।
प्रदोष काल: 17:34 से 20:10 तक
वृषभ काल: 18:10 से 20:06 तक

दीयों की रोशनी: दिवाली
दिवाली का पावन पर्व भारत में ही नहीं बल्कि कई और देशों में बड़ी ही उत्सुकता के साथ मनाया जाता है। जिसमें नेपाल में दिवाली को बिल्कुल भारत की तरह ही मनाया जाता है। दीवाली पर दीयों की रोशनी से पूरा देश जगमग हो जाता है। हर केवल उज्जवल प्रकाश की देखने को मिलता है। दीवाली के समय का नजारा देखने लायक होता है। दिवाली पर हर कोई दिए जलाता है। ऐसी परंपरा और प्रथा है। इस दिन माता लक्ष्मी, भगवान गणेश और मां सरस्वती की पूजा अर्चना की जाती है। इस दौरान बाजारों में बढ़ी रौनक में चार चांद लग जाते  हैं।

क्यों मनाते हैं दिवाली
दिवाली का पर्व भगवान श्री राम के अयोध्या लौटने के उपलक्ष में मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्री राम 14 वर्ष का वनवास पूरा करने के बाद अयोध्या लौटे थे। जिसके बाद अयोध्या में घर-घर मंगल छा गए थे और भगवान श्री राम की जय जयकार के साथ पूरा अयोध्या ज्योति जगमग कर दिया गया था। श्रीराम के अयोध्या वापस आने की खुशी में दिवाली का त्यौहार आज भी उसी दिन मनाया जाता है। भगवान श्रीराम को याद करते हुए लोग अपने घर पर दीपक जलाते हैं और माता लक्ष्मी उनके घर को धन की वर्षा करके भर देती हैं।

कैसे मनाते हैं दिवाली
दिवाली से पहले ही दीवाली की तैयारियां की जाती है। इस दौरान लोग घर की साफ सफाई करके घरों को सजाते हैं। घर में रंगोली बनाई जाती है। दिवाली पूजन के दौरान लोग नए कपड़े पहनते हैं। लोग एक दूसरे को गिफ्ट देकर दिवाली की बधाई देते हैं। दिवाली का त्यौहार 5 दिन तक मनाया जाता है, जिसमें सबसे पहले धनतेरस, उसके बाद छोटी दिवाली,  बड़ी दिवाली, गोर्वधन और भैया दूज का त्योहार मनाया जाता है। दिवाली के दिन लोग माता लक्ष्मी का पूजन करते हैं। सबसे पहले पूरे घर को दीपक से जगमग किया जाता है। उसके बाद परिवार के साथ मिलकर दिवाली का जश्न मनाते हैं। बच्चे पटाखे छूट आते हैं और खूब आतिशबाजी करते हैं।

कैसे करें दिवाली का पूजन
इस दिन भगवान गणेश, मां लक्ष्मी, सरस्वती और कुबेर की पूजा करते हैं। दिवाली के पूजन के लिए सबसे पहले सामग्री एकत्रित करें। माता लक्ष्मी के लिए लाल फूल लाल साड़ी, धूप, दीप, कपूर, लौंग,अगरबत्ती, 11 दिन माटी के दीपक, देसी घी या तेल, सफेद मिठाई, नारियल और चुनरी रखें।

दिवाली के दिन माता लक्ष्मी का पूजन शाम के समय किया जाता है। शाम को नए वस्त्र पहनकर पहले 11 दिए जलाएं और दीपक का पूजन करें। उसके बाद पूरे घर को रोशनी से जगमग करके माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना परिवार के साथ करें। सबसे पहले माता लक्ष्मी को वस्त्र चढ़ाएं और बाद में नारियल और चुनरी चढ़ाएं।

कपूर जलाकर महालक्ष्मी को लौंग के जोड़े अर्पित करें और बाद में फल फूल अर्पित करके कामना करें कि आपका जीवन प्रकाशमान रहे।

उसके बाद मां लक्ष्मी को फल फूल अर्पित करके उनकी आरती करें और प्रसाद का भोग लगाएं।

इस दौरान लोग अपने व्यवसाय में से कुछ बचत माता लक्ष्मी को भी चढ़ाते हैं ताकि हमेशा धन-धान्य से परिपूर्ण रहें।

दिवाली पर कैसे करें लाभ प्राप्त
दिवाली के त्योहार पर कुछ बातें जरूर ध्यान रखनी चाहिए।

 

दीवाली के पांचों दिन भगवान का विधिवत पूजन करें और मुहूर्त के हिसाब से समय पर पूजन करें और भगवान के लिए प्रसाद पूरी श्रद्धा के साथ बनाएं।

इन 5 दिनों में जितना आप से हो सके उतना गरीबों में अन्न दान करें। जिन लोगों को आपकी जरूरत है उनका पूरा साथ दें। गरीबों को वस्त्र, मिठाई और जरूरत का सामान दें।

दीवाली पर माता लक्ष्मी को मनाना बेहद आवश्यक है क्योंकि माता लक्ष्मी की कृपा से ही घर धन-धान्य से भरता है इसलिए माता लक्ष्मी की पूजा में कोई भी कोर कसर ना छोड़े। माता लक्ष्मी का नित्य नियम से ध्यान करें।

दिवाली के दिन पूजा के स्थान पर कुबेर का यंत्र अवश्य रखें क्योंकि कुबेर धन के देवता हैं।

दिवाली के दिन उपहार देते समय एक बात का ध्यान रखें कि इस दिन चाकू या चमड़े का कोई भी सामान ना दें।और घर के आसपास किसी भी कोने में गंदगी ना रहने दें क्योंकि माता लक्ष्मी स्वच्छता में ही निवास करती हैं।

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