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Aaj Ka Panchang 01 मई का पंचांग: शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय


Saturday, 03 July 2021
Aaj Ka Panchang

01 मई 2021 का दैनिक पंचांग

Aaj Ka Panchang: पंचांग, हिंदुओं के जीवन से जुड़ी हुई एक महत्वपूर्ण चीज है। पंचांग के माध्यम से समय एवं काल की सटीक गणना की जाती है। पंचांग मुख्य रूप से 5 अंगों से मिलकर बना होता है इसलिए इसको पंचांग कहते हैं। पंचांग के अंदर तिथि नक्षत्र वार योग और कर्ण होते हैं। एस्ट्रो ओनली आपके लिए लेकर आया है पंचांग। आज के पंचांग में हम बात करने वाले हैं कि आज का शुभ मुहूर्त, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्रमा की ग्रह स्थिति और साथ में हिंदू मांस एवं पक्ष की पूरी जानकारी आपको देने वाले हैं। आइए जानते हैं आज का शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय।

 

01 मई 2021 का दैनिक पंचांग | 01 मई 2021 का दैनिक पंचांग 


तिथि- पंचमी-16:47 तक

नक्षत्र- मूल-10:12 तक

करण- कौवाला 05:51 तक/ तैतिल-  16:47 तक

पक्ष- कृष्ण

वार- शनिवार  

योग- सिद्ध 16:47 तक

सूर्योदय-05:44  

सूर्यास्त-18:52  

चंद्रमा- धनु राशि में  

राहुकाल- 09:01 − 10:39  

विक्रमी संवत्- 2078  

शक सम्वत 1942  

मास- वैशाख  

शुभ मुहूर्त-अभिजीत,11:52−12:44 

 

पंचांग के पांच अंग 

हिंदू कैलेंडर जिसको कि पंचांग बोला गया है उसके अंदर पांच बातें मुख्य रुप से ध्यान करने योग्य हैं या फिर बोल सकते हैं कि 5 चीजों को मिलाकर पंचांग का निर्माण होता है और यह पांच चीजें हैं तिथि, वार, नक्षत्र, योग और करण तो आइए पंचांग के अंगों के बारे में जानते हैं किस तरीके से यह काम करते हैं और इनको किस तरीके से पंचांग में इस्तेमाल किया जाता है।

 

तिथि

चंद्रमा की एक कला को तिथि कहते हैं। चंद्रमा और सूर्य के अंतरको राशि के मान 12 अंशों का होने से एक तिथि का निर्माण होता है। जब अंतर 180 अंशु का होता है तो उस समय पूर्णिमा बोली जाती है और जब यह अंतर जीरो या 360 अंशों का होता है तो उस समय को अनावश्यक बोला जाता है। एक मास में लगभग 30 तिथि होती हैं जिसमें कि  15 कृष्ण पक्ष की और 15 तिथि शुक्ल पक्ष की, इनके नाम हैं 1 प्रतिपदा, 2 द्वितीया, 3 तृतीया, 4 चतुर्थी, 5 पंचमी, 6 षष्ठी, 7 सप्तमी, 8 अष्टमी, 9 नवमी, 10 दशमी, 11 एकादशी, 12 द्वादशी, 13 त्रयोदशी, 14 चतुर्दशी और 15 पूर्णिमा, यह शुक्ल पक्ष कहलाता है। इसी तरीके से 14 तिथि कृष्ण पक्ष में होती हैं अंतिम तिथि पूर्णिमा के स्थान पर अमावस्या बोली जाती है। 

 

वार

एक सूर्योदय से दूसरे दिन के सूर्योदय तक की जो अवधि होती है उसे उभार कहते हैं यानी कि दिन कहते हैं जबकि वार सात होते हैं, रविवार, सोमवार, मंगलवार, बुधवार, गुरुवार, शुक्रवार और शनिवार।

 

नक्षत्र

तारों का जो एक समूह होता है उसे नक्षत्र बोला जाता है जिनको संख्या 27  हैं। प्रत्येक नक्षत्र के चार चरण होते हैं और 9 चरणों के मिलने से एक राशि बनती है। 27 नक्षत्रों के नाम अलग-अलग है जो कि इस प्रकार से हैं 1। अश्विनी 2। भरणी 3। कृत्तिका 4। रोहिणी 5। मृगशिरा 6। आद्र्रा 7। पुनर्वसु 8। पुष्य 9। अश्लेषा 10। मघा 11। पूर्वाफाल्गुनी 12। उत्तराफाल्गुनी 13। हस्त 14। चित्रा 15। स्वाती 16। विशाखा 17। अनुराधा 18। ज्येष्ठा 19। मूल 20। पूर्वाषाढ 21। उतराषाढ 22। श्रवण 23। घनिष्‍ठा 24। शतभिषा 25। पूर्वाभद्रपद 26। उत्तराभाद्रपद 27। रेवती। 

 

योग

पंचांग में योग का निर्माण सूर्य और चंद्रमा के सहयोग से होता है और यह  27 प्रकार के होते हैं ,इनके नाम इस प्रकार से हैं 1। विष्कुम्भ, 2। प्रीति, 3। आयुष्मान, 4। सौभाग्य, 5। शोभन, 6। अतिगण्ड, 7। सुकर्मा, 8।घृति, 9।शूल, 10। गण्ड, 11। वृद्धि, 12। ध्रव, 13। व्याघात, 14। हर्षल, 15। वङ्का, 16। सिद्धि, 17। व्यतीपात, 18।वरीयान, 19।परिधि, 20। शिव, 21। सिद्ध, 22। साध्य, 23। शुभ, 24। शुक्ल, 25। ब्रह्म, 26। ऐन्द्र, 27। वैघृति। 

 

करण 

तिथि के आधे भाग को करण कहते हैं यानी कि एक तिथि में इस प्रकार से दो करण होते हैं करण के नाम इस प्रकार हैं 1। बव, 2।बालव, 3।कौलव, 4।तैतिल, 5।गर, 6।वणिज्य, 7।विष्टी (भद्रा), 8।शकुनि, 9।चतुष्पाद, 10।नाग, 11।किंस्तुघन। 

 

पंचांग के अंदर शुभ मुहूर्त देखने का एक पुराने समय से रीति-रिवाज चलता हुआ आ रहा है और उसके अनुसार हर रोज हम पंचांग के अंदर शुभ मुहूर्त देखते हैं और इसी शुभ मुहूर्त की मदद से अपने काम करते हुए नजर आते हैं। पंचांग ही हमें बताता है कि आज कौन सा शुभ मुहूर्त लग रहा है। पंचांग के अंदर शुभ मुहूर्त का निर्माण करने के लिए पांच चीजों के ऊपर नजर रखी जाती है, यह पांच चीजें या पांच तत्व ही शुभ मुहूर्त का निर्माण करते हुए नजर आते हैं। किसी अच्छे समय का चयन करके कोई काम किया जाए तो उसको शुभ मुहूर्त में किया गया काम कहते हैं और मुहूर्त के बिना कोई भी काम अधूरा सा रह जाता है। पंचांग का अर्थ हमने जैसे कि आपको ऊपर बताया जिसमें 5 अंग होते हैं जैसे तिथि, वार, योग, नक्षत्र और करण इन्हीं से मिलकर पंचांग का निर्माण होता है। पंचांग में शुभ योग को दर्शाया जाता है जिसे मुहूर्त कहते हैं और मुहूर्त का निर्माण करने वाले पांच तत्व पंचांग में मौजूद होते हैं जिनके बारे में हम आपको बताने वाले हैं 

 

चंद्रमा और मुहूर्त

शुभ मुहूर्त के लिए चंद्रमा का विशेष महत्व रखा गया है कोई भी काम करने से पहले चंद्रमा के ऊपर विचार किया जाता है। चंद्रमा की स्थिति को जानने के लिए सामान्य से शब्दों में आप केवल यह देख लीजिए कि गोचर का चंद्रमा जातक की जन्म राशि से चौथा, आठवां और बारवा नहीं होना चाहिए यदि ऐसा होता है तो वह अशुभ माना जाता है और ऐसे समय में शुभ कार्य नहीं किए जाते। 

 

अमृत योग

रविवार- हस्त, सोमवार- मृगशिरा, मंगलवार- अश्विनी, बुधवार- अनुराधा, गुरुवार- पुष्य, शुक्रवार- रेवती, शनिवार- रोहिणी 

 

ऊपर आप वार देख रहे हैं और उसके साथ नक्षत्र लिखे हुए हैं यदि इसी तरीके से समान रूप से लिखे हुए नजर आए तो इसको अमृत योग बोला जाता है और  इस योग में कोई भी काम करना अति शुभ बोला गया है। 

 

रवि पुष्य योग 

रविवार को योग पुष्य नक्षत्र का संयोग रवि पुष्य योग का निर्माण करता है तो यह सबसे अच्छा योग बोला गया है इस समय में किसी भी तरीके के काम कर ली जाए वह शुभ फल देते हैं।

 

गुरु पुष्य 

यह योग गुरुवार के दिन होता हैं यदि पुष्य नक्षत्र गुरु पुष्य योग का निर्माण करता है तो यह योग व्यवसाय के लिए काफी अच्छा बताया गया है। 

 

चौघड़िया मुहूर्त

चौघड़िया मुहूर्त उस समय काम में लिया जाता है जब किसी भी तरीके का कोई अच्छा योग या विशेष योग नहीं बन रहा है और किसी काम को करना बेहद आवश्यक है तो उस स्थिति में चौघड़िया मुहूर्त  की मदद ली जाती है जो कि हमेशा डेढ़ घंटे का होता है इस दौरान राहुकाल का त्याग किया जाता है और लाभ अमृत शुभ चंचल यह चौघड़िया शुभ मुहूर्त माने जाते हैं। 

 

अभिजीत मुहूर्त

स्थानीय समय के अनुसार दोपहर के 11:00 बजकर  45 मिनट से 12:00 15 मिनट के मध्य यह मुहूर्त बनता हुआ नजर आता है और अभिजीत मुहूर्त भी उसी स्थिति में निकाला जाता है जब कोई विशेष संयोग नहीं बन रहा होता तो  इस मुहूर्त में सभी काम करने शुरू कर दिए जाते हैं।

 

एस्ट्रो ओनली  की इस पंचांग सेवा के अन्दर आप आज का पंचांग,  आज का शुभ मुहूर्त,  आज का वार,  आज का चौघड़िया,  आज का शुभ योग,  आज का राहुकाल, आज का शुभ होरा,  धर्म और त्योहार,  मासिक पंचांग  और सालाना पंचांग के बारे में आसानी से जानकारी ले सकते हैं। -

 

1। आज का पंचांग

 

2। आज का शुभ मुहूर्त

 

3। आज का वार

 

4। आज का चौघड़िया

 

5। आज का शुभ योग

 

6। आज का राहु काल

 

7। आज का शुभ होरा

 

8। पर्व और त्यौहार

 

9। मासिक पंचांग 

 

10। सालाना पंचांग

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