अक्षरधाम मंदिर गांधीनगर
अहमदाबाद की शान अक्षरधाम मंदिर गांधीनगर इलाके में बना है। जो गुजरात का प्रमुख पर्यटन स्थल है। यहां पर बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं और इस विशाल मंदिर की इमारत को देखते हैं। अक्षरधाम मंदिर बहुत सुंदर, विशाल और आकर्षित है। यहां पर जो लोग एक बार जाते हैं। वो बार-बार जाना चाहते हैं। अक्षरधाम मंदिर में सबसे बेहतर वास्तुकला, अनुसंधान, प्रदर्शनों का जीता जागता उदाहरण देखने को मिलता है। आइए जानते हैं गांधीनगर के अद्भुत और विशाल अक्षरधाम मंदिर के बारे में...
अक्षरधाम मंदिर की स्थापना
दिल्ली के अक्षरधाम की तरह गांधीनगर का अक्षरधाम मंदिर भी स्वामीनारायण भगवान को अर्पित है। ये मंदिर स्वामीनारायण संप्रदाय के चौथे आध्यात्मिक उत्तराधिकारी योगीजी महाराज की प्ररेणा से बनाया गया और अक्षरधाम की स्थापना स्वामीनारायण संप्रदाय के पांचवे उत्तराधिकारी प्रमुख स्वामी महाराज ने 1992 में की गई थी। अक्षरधाम मंदिर को बनने में 13 साल से भी ज्यादा का समय लगा था। दरअसल ,नारायण संप्रदाय के संत प्रमुख स्वामी अयोध्या से गुजरात आए थे। वो हिमालय, कांची, श्रीरंगपुर, रामेश्वर यात्रा के लिए गए थे। जिसके बाद वो नासिक होते हुए गुजरात आए तब उनकी जीवनी को बड़ी ही सुंदरता के साथ उकेरा गया।
अक्षरधाम मंदिर की संरचना
यहां स्वामीनारायण जी की सोने की मूर्ति स्थापित है जो करीब 7 फीट ऊंची है। मंदिर को कारीगरों ने इतनी सुंदरता के साथ बनाया है कि देखने वाले दंग रह जाते हैं। मंदिर में नक्काशीदार गुलाबी पत्थर लगा है। जो सूर्य निकलते ही हीरे की तरह चमकने लगता है। मंदिर को स्वामीनारायण संप्रदाय द्वारा बनाया गया है।
मंदिर की संरचना की बात करें तो यह मंदिर 23 एकड़ में फैला है। मंदिर के निर्माण के लिए 6000 मेट्रिक टन गुलाबी पत्थर को राजस्थान से मंगवाया गया था। ये मंदिर 97 नक्काशीदार स्तंभ, 17 गुंबद, 8 बालकनी, 220 पत्थर के बीम और 264 मूर्तियां बनी हुई है। मंदिर की ऊंचाई 108 फीट, लंबाई 240 फीट और चौड़ाई 131 फीट है। इस मंदिर की खासियत यह है कि यहां पर किसी भी तरह के सीमेंट का इस्तेमाल नहीं हुआ है। अक्षरधाम मंदिर के प्रथम तल में स्थित हरी मंडप मंदिर का सबसे पवित्र स्थल माना जाता है। यहां पर दर्शन और घुमने के लिए देश ही नहीं बल्कि विदेश से भी पर्यटक आते हैं। अक्षरधाम मंदिर में एक बगीचा है जिसमें फुंवारा लगा हुआ है। मंदिर अपनी भव्यता और अद्भुत प्रबंधन के साथ इस्तेमाल के लिए जाना जाता है। स्वामीनारायण परिवार ने मानवता की सेवा के जरिए अपनी एक अलग पहचान बनाई है। मंदिर की टैगलाइन है कि... यह वह स्थान है जहां कला चिरयुवा है, संस्कृति असीमित और मूल्य कालातीत है। इस मंदिर में बच्चों को खेलने के लिए कई तरह के गेम्स है और अलग-अलग तरह की बहुत-सी प्रदर्शनियां है जिन्हें देखने के लिए टिकट लगाया जाता है। इस मंदिर में खाने की व्यवस्था भी बखुबी है। रेस्टोरेंट में पूरी सब्जी, स्वामीनारायण की खिचड़ी और बहुत से तरह के स्वादिष्ट और शुद्ध आहार मिलता है।
अक्षरधाम मंदिर का खुलने का समय- अक्षरधाम मंदिर सुबह 9.30 बजे से शाम 7.30 तक खोला जाता है। सुबह 10 बजे और शाम को 6.30 को आरती की जाती है। सोमवार के दिन मंदिर परिसर बंद रहता है।
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