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हिन्दू त्यौहार और पर्व के बारे में विस्तार से जानिए | All Hindu festival | All Hindu festival in Hindi


Wednesday, 22 September 2021
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हिन्दू त्यौहार और पर्व के बारे में विस्तार से जानिए | All Hindu festival | All Hindu festival in Hindi


 

All hindu festival | All hindu festival in Hindi-  हिंदू धर्म के अंदर बहुत सारे त्यौहार हर महीने आते हुए नजर आते हैं। हिंदू धर्म में सैकड़ों त्यौहार बताए गए हैं। त्यौहार के होने से हमारे जीवन में रंग आते हुए नजर आते हैं और जीवन सकारात्मक रहता हुआ नजर आता है। बिना त्यौहार के हमारा जीवन कुछ ऐसा हो जाएगा जैसे कि जीवन में सुख की कमी हो जाए। त्यौहार जीवन में सुख लेकर आने वाले साबित होते हैं। 

 

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धनतेरस, दीपावली, होली, नवरात्रि, दशहरा, महाशिवरात्रि, गणेश चतुर्थी, रक्षाबंधन, कृष्ण जन्माष्टमी, करवा चौथ, रामनवमी, छठ, वसंत पंचमी, मकर संक्रांति, दुर्गा पूजा, भाई दूज, उगादि, ओणम, पोंगल, लोहड़ी, हनुमान जयंती, गोवर्धन पूजा, काली पूजा, विष्णु पूजा, कार्तिक पूर्णिमा, नरक चतुर्थी, रथ या‍त्रा, गौरी हब्बा उत्सव, महेश संक्रांति, हरतालिका तीज, थाईपुसम, श्राद्ध, कुंभ, ब्रह्मोत्सव आदि ऐसे त्यौहार हर साल आते हुए नजर आते हैं। हमने ऊपर जो आपको त्यौहारों के नाम बताए हैं उनमें से कुछ त्यौहार हैं, कुछ पर्व हैं, कुछ व्रत हैं, पूजा है, उपवास हैं, इसलिए सभी में फर्क को समझना बेहद आवश्यक है।

 

भारत को यदि हम त्यौहारों का देश बोले तो यह गलत नहीं होगा। भारत हजारों सालों से ही त्यौहारों का देश रहा है। हिंदू त्यौहार कुछ खास ही महत्वपूर्ण रहे हैं। भारत में प्रत्येक राज्य, समाज और प्रांत के अलग-अलग त्यौहार, उत्सव, पर्व, परंपरा, रीति-रिवाज, सालों से हजारों सालों से चलती हुई नजर आ रही है। यह त्यौहार हम सभी को विरासत से ही प्राप्त होते हुए नजर आते हैं। एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में यह परिवर्तित होते हुए देखे गए हैं। यह लंबे काल और वंश परंपरा का ही परिणाम बोला जा सकता है। हिंदू धर्म भी अब धीमे-धीमे परिवर्तित हो रहा है और अब हिंदू धर्म ना सिर्फ हिंदू धर्म के त्यौहार बल्कि दूसरे धर्मों के त्यौहार भी मनाता हुआ नजर आ रहा है। वेदों की परंपरा में जो त्यौहार बताए गए हैं उससे थोड़ा सा विमुख होकर हिंदू वर्ग चल तो रहा है किंतु फिर भी आज भी हिंदू समाज की यही कोशिश होती है कि वह वेद शास्त्रों के अनुसार ही त्यौहार मनाता हुआ नजर आए किंतु इसके बावजूद भी हिंदू समाज में त्यौहारों के प्रति और खासकर अपने हिंदू त्यौहार और व्रत के प्रति रोचकता कम होती हुई नजर आ रही है। साथ में अपने संस्कार, परंपरा और नियमों के मुताबिक लोग चलते हुए नजर नहीं आ रहे हैं। जैसे कि कुछ त्यौहारों में मांस और मंदिरा का प्रयोग पूरी तरीके से नहीं करना बोला गया है लेकिन गणेश चतुर्थी जैसे त्यौहार में भी शराब और मंदिरा का प्रयोग किया जा रहा है। इसलिए अब समाज बदल रहा है और त्यौहारों के मायने भी बदलते हुए नजर आ रहे हैं। रात्रि के सभी कर्मकांड वेदों में मना किए गए हैं लेकिन इसके बावजूद भी त्यौहारों पर रात्रि की कर्मकांड भी किए जाते हुए नजर आते हैं।

 

दरअसल त्यौहारों का महत्व या बोलें त्यौहार, व्रत, उत्सवों का महत्व एक तरफ जहां हमारे जीवन से जुड़ा हुआ है लेकिन उससे अधिक त्यौहारों का महत्व भारतीय समाज और संस्कार से अधिक जुड़ा हुआ बोला जा सकता है। जैसी ही त्यौहार को विधि विधान से पूरा किया जाएगा उसी तरीके से हम अपने संस्कार के साथ अधिक जुड़ते हुए नजर आएंगे। वैदिक धर्म ग्रंथ धर्मसूत्र और आचार संहिता में इस बात का विशेष उल्लेख किया गया है कि किस तरीके से व्रतों को मनाया जाना है। 

 

आज हम कुछ खास व्रत और त्यौहारों की बात करेंगे। हिंदू त्यौहारों को किस तरीके से मनाना चाहिए और इनका क्या महत्व होता है। 

 

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मकर संक्रांति | Makar Sankranti 

 

मकर संक्रांति, लगभग पूरे भारतवर्ष में एक जैसे रूपों में मनाई जाती है। इसके नाम अलग-अलग हो सकते हैं, इसका रंग रूप अलग हो सकता है लेकिन मकर संक्रांति पूरे देश में मनाई जाती है। लोग भगवान सूर्य का आशीर्वाद लेने के लिए मकर संक्रांति के दिन गंगा और प्रयाग जैसी पवित्र नदियों में डुबकी और स्नान करते हुए नजर आते हैं। इस दिन पतंग उड़ाई जाती है। कुछ राज्यों में गाय को चारा खिलाया जाता है। इस दिन तिल और गुड़ खाने का विशेष महत्व बताया गया है। 

 

जनवरी महीने में मकर संक्रांति के अलावा शुक्ल पक्ष में बसंत पंचमी का भी अपना विशेष महत्व देखा जाता रहा है।

 

सावन मास | Sawan Mash

 

सावन मास को कुछ जगहों पर श्रावण मास भी बोला जाता है। हिंदू धर्म के प्रमुख 3 देवताओं के लिए यह सावन का महीना विशेष महत्व रखता है। इनमें भी शिव भक्तों के लिए महाशिवरात्रि और सावन मास प्रमुख बताया गया है। शिव जी की पत्नी, पार्वती जी के लिए चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि प्रमुख बताई गई हैं। इसके अलावा शिव के पुत्र भगवान गणेश के लिए गणेश चतुर्थी का विशेष महत्व बोला गया है। गणेश चतुर्थी को गणेश महोत्सव रूप में भी जाना जाता है और यह भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को मनाई जाती है। 

 

कार्तिक मास | Kartik Mash

 

कार्तिक मास का महत्व भगवान विष्णु के लिए सबसे अधिक बताया गया है। इसके अलावा सभी एकादशी, चतुर्थी और ग्यारस को विष्णु भगवान के लिए व्रत रखे जाते हैं। देवोत्थान एकादशी इनमें एक प्रमुख एकादशी बोली गई है। आषाढ़ शुक्ल एकादशी को भगवान विष्णु शिरसागर में चार मास के लिए निंद्रा लीन हो जाते हैं। कार्तिक शुक्ल एकादशी को चतुर्मास संपन्न होता है और इसी दिन भगवान अपनी योग निद्रा से जागते हैं। भगवान के जागने की खुशी में ही देवोत्थान एकादशी का व्रत किया जाता हुआ नजर आता है। इसी माह में विष्णु जी की पत्नी लक्ष्मी जी के लिए दीपावली का प्रमुख त्यौहार भारतवर्ष में मनाया जाता हुआ नजर आता है। दीपावली का महत्व इसके अतिरिक्त यह भी है कि भगवान श्री राम जी जब अयोध्या वापस आए थे तो उस समय दिवाली यानी कि एक त्यौहार मनाया गया था जिसको कि दीपावली का नाम दिया गया।

 

पुरुषोत्तम मास | Purushotam Mash

 

इसको अधिक मास भी बोला जाता है। धार्मिक संस्थान, पुराणों के अनुसार हर तीसरे साल अधिक मास यानी कि पुरुषोत्तम मास आता हुआ नजर आता है। इस मास में भगवान विष्णु का पूजन जप, तप, दान आदि किया जाता है और भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त करने का प्रयास किया जाता है। खासतौर पर भगवान कृष्ण, भगवत गीता, श्रीराम की आराधना कथा वाचन, विष्णु भगवान की उपासना इस माह भर में होती हुई नजर आती है और इसका भी हिंदू धर्म में विशेष महत्व बताया गया है और यह भी विशेष फल देने वाला एक माह बताया गया है। 

 

रामनवमी | Ram Navmi 

 

यह त्यौहार भगवान विष्णु के 7वे अवतार लेने के उपलक्ष्य में मनाया जाता हुआ नजर आता है। यह त्यौहार उत्तर भारत में अधिक हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। भगवान श्री राम जो चैत्र मास के नौवें दिन पैदा हुए थे। श्रीराम ने दानव राजा रावण को मारा था और यह त्यौहार अप्रैल महीने में आता हुआ नजर आता है।

 

कृष्ण जन्माष्टमी | Krishna Janmashtmi

 

कृष्ण जन्माष्टमी का त्यौहार कृष्ण जी के जन्मदिन के उपलक्ष में मनाया जाता हुआ नजर आता है। यह केवल भगवान कृष्ण के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है और यह अगस्त महीने में आता है। इस त्यौहार को भी उत्तर भारत में अधिक मनाया जाता रहा है। वृंदावन, मथुरा इत्यादि जगहों पर विशेष रूप से इस त्यौहार का महत्व देखा जाता रहा है।

 

हनुमान जयंती | Hanuman Jayanti

 

शास्त्रों में ऐसा बोला गया है कि चैत्र माह की पूर्णिमा पर भगवान राम की सेवा के उद्देश्य से भगवान शिव के 11 रुद्र अवतार ने अंजना के घर हनुमान के रूप में जन्म लिया था। इसी दिन हनुमान जयंती मनाई जाती है। इस दिन का हिंदू धर्म में सबसे अधिक महत्व बोला गया है। हनुमान जयंती पर हनुमान जी की विशेष रूप से पूजा उपासना इत्यादि की जाती है। हनुमान जी के ऊपर तेल भी चढ़ाया जाता हुआ नजर आता है।

 

श्राद्ध महीना | Sharad Months

 

पितरों की पूजा का विशेष महत्व हिंदू धर्म में बताया गया है इसीलिए श्राद्ध का भी अपना विशेष महत्व बोला गया है। पितरों के लिए श्रद्धा से किए गए मुक्ति क्रम को ही श्राद बोला गया है तथा इसके साथ-साथ पितरों को तृप्त करने की क्रिया देवताओं, ऋषियों या पितरों को तंडुल या तिल मिश्रित जल अर्पित करने की क्रिया को तर्पण कहते हैं। तर्पण करना ही पिंडदान बोला गया है। श्राद्ध पक्ष का हिंदू धर्म में विशेष महत्व होता है।

 

गुरु पूर्णिमा | Guru Purnima

 

जिस तरीके से हिंदू धर्म में देवी देवता, परमेश्वर, पितृ का विशेष महत्व बताया गया है उसी तरीके से हिंदू धर्म में गुरु का भी विशेष महत्व बोला गया है। आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा या व्यास पूर्णिमा आती हुई नजर आती है। भारत में यह पर्व बड़े ही श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। प्राचीन काल में भी जब विद्यार्थी गुरु के आश्रम में निशुल्क शिक्षा ग्रहण करते थे तो इसी दिन श्रद्धा भाव से वह गुरु पूजन करते थे और गुरु को गुरु दक्षिणा देते हुए नजर आते थे। यह त्यौहार पूरे भारत में मनाया जाता है। 

 

मौसम का हिंदू धर्म में महत्व | Hindu Masa | हिन्दू मास को जानिए

 

त्यौहारों का मौसम के साथ विशेष रूप से महत्व रखा गया है। हर मौसम के अनुसार ही त्यौहार मनाए जाते हुए नजर आते हैं। शास्त्रों के अंदर प्रकृति को ही ईश्वर का साक्षात रूप माना गया है। इसके अलावा आसमान में तारे और आकाश मंडल की पूजा करके उनसे रोग और शोक मिटाने की प्रार्थना हजारों सालों से चलती हुई नजर आई है। धरती और आकाश की प्रार्थना से हर तरफ सुख समृद्धि हो जाती है, ऐसा मानना हिंदू धर्म का शुरू से ही रहा है। इसलिए ऋषियों ने त्योहारों को मौसम के साथ जोड़कर रखा है। जैसे ही रितु परिवर्तित होती है उसी तरीके से ही त्यौहार भी परिवर्तित होते हुए नजर आते हैं। ऋतु के परिवर्तित होने पर त्यौहारों को करने के अनुष्ठान भी बदलते हुए नजर आते हैं। इन त्यौहार और मौसम का एक विशेष महत्व रखा गया है। 

 

वर्ष में 6 ऋतुएं कौन सी होती हैं? | Hindu Masa 

 

1. शीत-शरद, 2. बसंत, 3. हेमंत, 4. ग्रीष्म, 5. वर्षा और 6. शिशिर। ऋतुओं ने हमारी परंपराओं को अनेक रूपों में प्रभावित किया है और हमारा जीवन भी इन्हीं के अनुसार आगे बढ़ता है। बसंत, ग्रीष्म और वर्षा देवी ऋतु हैं तो शरद, हेमंत और शिशिर पितरों की ऋतु है।

 

ऋतु का हमारे जीवन पर विशेष प्रभाव पड़ता हुआ नजर आता है। ऋतु से ही मन मस्तिष्क में भी परिवर्तन होता हुआ नजर आता है जिस तरीके से ऋतु में प्रकृति के तत्वों वृक्ष, पहाड़, पशु-पक्षी आदि विभिन्न नियमों का पालन करते हैं और एक जगह से दूसरी जगह पर पक्षी तो प्रवास करते हुए भी नजर आते हैं उसी तरीके से व्यक्ति, मनुष्य के जीवन में भी ऋतु से परिवर्तन होता हुआ नजर आता है और शास्त्रों में भी इसी तरीके का जिक्र आता है कि ऋतु परिवर्तन पर व्यक्ति को अपने जीवन में परिवर्तन लाना चाहिए।

 

अपने खान-पान, रहन-सहन इत्यादि सभी तरीकों में बदलाव लाने की सलाह वेद शास्त्रों में दी गई है। वसंत से नववर्ष की शुरुआत होती है। वसंत ऋतु और वैशाख माह अर्थात मार्च-अप्रैल में आती हुई नजर आती है। ग्रीष्म ऋतु की बात करें तो यह गर्मियों के दिन की तरफ इशारा करती है और यह ज्येष्ठ और आषाढ़ माह में मई-जून महीने में आती हुई नजर आती है। वर्षा ऋतु की बात करें तो वर्षा ऋतु अर्थात श्रावण और भाद्रपद अर्थात जुलाई से सितंबर के समय को वर्षा ऋतु का समय बोला गया है। शरद ऋतु, अश्विन और कार्तिक माह यानी कि अक्टूबर से नवंबर माह में आती है। हेमंत ऋतु की बात करें तो यह मार्गशीर्ष और पौष माह में अर्थात दिसंबर से 15 जनवरी के बीच में आती हुई नजर आती है और इसके बाद शिशिर ऋतु माघ और फाल्गुन का जो महीना होता है वह जनवरी से फरवरी के मध्य में आता है।


 

बसंत ऋतु | Basant Masa

 

हिंदू धर्म के पहले माह की शुरुआत चैत्र महीने से होती हुई दिखती है। प्राचीन समय से ही यह माह सभी सभ्यताओं में नव वर्ष यानी कि नए साल की शुरूआत का महीना देखा जाता रहा है। चैत्र और बैसाख में बसंत ऋतु अपनी शोभा भी बिखेरती हुई दिखती है। यह ऋतु अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार अगर देखें तो मार्च और अप्रैल का महीना होता है। इस ऋतु में होली दुलहंडी, रंग-पंचमी, बसंत पंचमी, नवरात्रि, रामनवमी, नव संवत्सर, हनुमान जयंती, गुरु पूर्णिमा, आदि मनाए जाते हैं। इनमें रंग पंचमी और बसंत पंचमी मौसम परिवर्तन की सूचना देने वाले त्योहार हैं तो वहीं नववर्ष के लिए नव संवत्सर का त्यौहार मनाया जाता है।

 

होली जहां पर भक्त प्रल्हाद की याद में मनाई जाती है तो नवरात्रि मां दुर्गा की पूजा का एक विशेष पर्व बताया गया है। दूसरी और रामनवमी, हनुमान जयंती और बुध पुर्णिमा व्रतों का भी आयोजन इस समय में होता है।

 

ग्रीष्म ऋतु | Grishm Masa

 

ग्रीष्म ऋतु की बात करें तो ग्रीष्म ऋतु को ज्येष्ठ और आषाढ़ माह के मध्य में आती हुई नजर आती है। ग्रीष्म ऋतु में सूर्य उत्तरायण की ओर बढ़ता हुआ दिख रहा होता है। बहुत अधिक गर्मी का यह मौसम होता है। प्राणी मात्र के लिए यह मौसम काफी कष्टकारी होता है। अंग्रेजी कैलेंडर में यह माह मई और जून में आता हुआ नजर आता है। ग्रीष्म समय में अच्छा भोजन बीच-बीच में व्रत करने का आयोजन होते हुए नजर आते हैं। 

 

इस माह में निर्जला एकादशी, वट सावित्री, व्रत लास्ट में निर्जला एकादशी, वट सावित्री व्रत, शीतलाष्टमी, देवशयनी एकादशी और गुरु पूर्णिमा आदि त्यौहार आते हुए नजर आते हैं। गुरु पूर्णिमा के बाद से ही श्रावण माह शुरू होता हुआ नजर आता है और तत्पश्चात वर्षा ऋतु का आगमन हो जाता है।

 

वर्षा ऋतु | Varsa Masa

 

वर्षा ऋतु की बात करें तो सावन और भादो के जो माह होते हैं वर्षा ऋतु बोले गए हैं। वर्षा नया जीवन लेकर आती है। नए हरे मौसम का शुभारंभ होता हुआ यहाँ से नजर आता है। जिस तरीके से वर्षा के पश्चात प्रकृति में चारों तरफ हरियाली नजर आती है उसी तरीके से इस समय में पड़ने वाले त्यौहार भी हमारे जीवन में हरियाली लेकर आने वाले साबित होते हैं। वर्षा ऋतु में सावन का महीना आता हुआ नजर आता है और इस समय में भगवान शिव की विशेष रूप से पूजा अर्चना उपासना करनी चाहिए तथा इसके साथ-साथ रक्षाबंधन, तीज, कृष्ण जन्माष्टमी के भी बड़े बड़े त्यौहार इस समय में आते हैं। अंग्रेजी महीनों के अनुसार जुलाई सितंबर में यह पड़ता है।

 

शरद ऋतु | Sharad Ritu

 

शरद ऋतु की बात करें तो यह ऋतु भी बहुत अधिक महत्वपूर्ण बताई गई है। आश्विन और कार्तिक के मास शरद ऋतु के माह बोले गए हैं। शरद ऋतु के प्रभाव से ही जीवन में नई चीजों का शुभारंभ होता हुआ नजर आता है। इस मौसम में श्राद्ध पक्ष, नवरात्रि, दशहरा, करवा चौथ आदि त्यौहार आते हुए नजर आते हैं। व्रत की बात करें तो छठ पूजा, गोपाष्टमी, अक्षय नवमी, देवोत्थान एकादशी, बैकुंठ चतुर्दशी, कार्तिक पूर्णिमा, उत्पन्ना एकादशी, विवाह पंचमी, स्कंद षष्ठी इस समय आते हैं, आषाढ़ शुक्ल एकादशी को भगवान विष्णु चार महीनों के लिए योगनिद्रा में लीन हो जाते हैं। इसके बाद कार्तिक शुक्ल एकादशी को चातुर्मास संपन्न होता है और इसी दिन भगवान अपनी योग निद्रा से जागते हैं।

 

हेमंत ऋतु | Hemant Ritu

 

हेमंत ऋतु की बात करें तो प्राचीन काल से ही हेमंत ऋतु का विशेष महत्व बताया गया है। शरद पूर्णिमा का इसी समय में आना भी और शरद पूर्णिमा का व्रत करना भी विशेष फलदाई बताया गया है। शरद पूर्णिमा से ही हेमंत ऋतु की शुरुआत होती है। हेमंत रितु को दो भागों में बांटा जा सकता है। हल्के गुलाबी हेमंत ऋतु और तीव्र आने वाली शिशिर ऋतु। इस समय में शरीर प्राय स्वस्थ रहता है। पाचन शक्ति बढ़ती हुई नजर आती है। 

 

हिंदू माह के मार्गशीर्ष और पौष मास, इसी समय में पड़ते हुए नजर आते हैं। कार्तिक मास में करवाचौथ, धनतेरस, दीपावली, गोवर्धन पूजा, भाई दूज आदि त्यौहार पड़ते हुए नजर आते हैं। 

 

शिशिर ऋतु | Shishir Ritu

 

शिशिर ऋतु हिंदू माह के माघ और फाल्गुन के महीने अर्थात पतझड़ माह में आती हुई नजर आती है। इस ऋतु में प्रकृति पर बुढ़ापा छा जाता है। वृक्षों से पत्ते गिरने लग जाते हैं। चारों तरफ कोहरा छाया रहता है। इस समय से ज्ञात होता है कि ऋतु अपना चक्र पूर्ण करने वाली है और फिर से नव वर्ष और जीवन में नई शुरुआत होती हुई नजर आएगी। 

 

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2022 Ka Calendar Hindi Mein | 2022 का कैलेंडर हिंदी में यहाँ देखे 


 

2022 में जनवरी के त्यौहार - 2022 January ka Calendar Hindi me

 

2022 ka Calendar Hindi mein

 

1 जनवरी, शनिवार- मासिक शिव रात्रि

 

2 जनवरी, रविवार- पौष अमावस्या

 

13 जनवरी, गुरुवार- पौष एकादशी

 

14 जनवरी, शुक्रवार- पोंगल, उत्तरायण, मकर संक्रांति

 

15 जनवरी, शनिवार- प्रदोष व्रत

 

17 जनवरी, सोमवार- पौष पूर्णिमा

 

21 जनवरी, शुक्रवार- संकष्टी चतुर्थी

 

28 जनवरी, शुक्रवार- षटतिला एकादशी

 

30 जनवरी, रविवार- मासिक शिवरात्रि



 

2022 में फरवरी के त्यौहार - 2022 February ka Calendar Hindi Me

 

1 फरवरी, मंगलवार- माघ अमावस्या

 

5 फरवरी, शनिवार- बसंत पंचमी

 

12 फरवरी, शनिवार- जया एकादशी

 

13 फरवरी, रविवार- प्रदोष व्रत (शुक्ल ),कुम्भ संक्रांति

 

16 फरवरी, बुधवार- माघ पूर्णिमा

 

20 फरवरी, रविवार- प्रदोष व्रत

 

27 फरवरी, रविवार- विजया एकादशी

 

28 फरवरी, सोमवार- प्रदोष व्रत (कृष्ण)  



 

2022 में मार्च के त्यौहार - 2022 March ka Calendar Hindi me

 

1 मार्च, मंगलवार- मासिक शिवरात्रि  (महाशिवरात्रि)

 

2  मार्च, बुधवार- फाल्गुन अमावस्या 

 

14 मार्च, सोमवार- आम्लिक एकदशी 

 

15 मार्च, मंगलवार- प्रदोष व्रत (शुक्ल ), मौन  संक्रांति

 

17 मार्च, गुरुवार- होलिका दहन 

 

18  मार्च, शुक्रवार- होली, फाल्गुन पूर्णिमा व्रत 

 

21 मार्च, सोमवार- संकष्टी चतुर्थी 

 

28 मार्च, सोमवार- पापमोचिनी एकादशी 

 

29 मार्च, मंगलवार- प्रदोष व्रत (कृष्ण)

 

30 मार्च, बुधवार- मासिक शिवरात्रि 



 

2022 में अप्रैल के त्यौहार - 2022 April ka Calendar Hindi me

 

1 अप्रैल, शुक्रवार- चैत्र अमावस्या 

 

2 अप्रैल, शनिवार -चैत्र नवरात्री, उगाडी, घटस्थापना, गुड़ी पाड़वा 

 

3 अप्रैल, रविवार- चैटी चण्ड 

 

10 अप्रैल, रविवार-  राम नवमी 

 

11 अप्रैल, सोमवार- चैत्र नव रात्रि पारणा 

 

12 अप्रैल, मंगलवार- कामदा एकादशी 

 

14 अप्रैल, गुरुवार- प्रदोष व्रत (शुक्ल), मेष संक्रांति 

 

16 अप्रैल, शनिवार- हनुमान जयंती , चैत्र पूर्णिमा व्रत 

 

19 अप्रैल, मंगलवार- संकष्टी चतुर्थी  

 

26 अप्रैल, मंगलवार- वरुधिनी  एकादशी 

 

28 अप्रैल, गुरुवार- प्रदोष व्रत (कृष्ण)

 

29 अप्रैल, शुक्रवार- मासिक शिवरात्रि 

 

30 अप्रैल, शनिवार- वैशाख अमावस्या 



 

2022 में मई के त्यौहार - 2022 May ka Calendar Hindi me

 

3 मई, मंगलवार- अक्षय तृतीया

 

12 मई, गुरुवार- मोहिनी एकादशी 

 

13 मई, शुक्रवार- प्रदोष व्रत (शुक्ल )

 

15 मई, रविवार- वृक्ष  सक्रांति 

 

16 मई, सोमवार- वैशाख पूर्णिमा 

 

19 मई, गुरुवार- संकष्टी चतुर्थी

 

26 मई, गुरुवार- अपरा एकादशी 

 

27 मई, शुक्रवार- प्रदोष व्रत (कृष्ण)

 

28 मई, शनिवार- प्रदोष व्रत (कृष्ण) 

 

30 मई, सोमवार- ज्येष्ठ अमावस्या 



 

2022 में जून के त्यौहार - 2022 me June Ka Calendar Hindi me

 

11 जून, शनिवार- निर्जला  एकादशी 

 

12 जून, रविवार- प्रदोष व्रत (शुक्ल )

 

14 जून, मंगलवार- ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत 

 

15 जून, बुधवार- मिथुन संक्रांति 

 

17 जून, शुक्रवार- संकष्टी चतुर्थी

 

24 जून, शुक्रवार- योगिनी एकादशी 

 

26 जून, रविवार- प्रदोष व्रत (कृष्ण) 

 

27 जून, सोमवार- मासिक शिवरात्रि 

 

29 जून, बुधवार- पआषाढ़ अमावस्या 



 

2022 में जुलाई के त्यौहार - 2022 July ka Calendar Hindi me

 

1 जुलाई, शुक्रवार- जगन्नाथ रथ यात्रा 

 

10 जुलाई, रविवार- देव शयनी एकादशी, आषाढ़ी  एकादशी  

 

11 जुलाई, सोमवार- प्रदोष व्रत (शुक्ल )

 

13 जुलाई, बुधवार-  गुरु पूर्णिमा व्रत , आषाढ़ पूर्णिमा व्रत 

 

16 जुलाई, शनिवार-  संकष्टी चतुर्थी, कर्क संक्रांति 

 

24 जुलाई, रविवार- कामिका एकादशी 

 

25 जुलाई, सोमवार- प्रदोष व्रत (कृष्ण) 

 

26 जुलाई, मंगलवार-  मासिक  शिव रात्रि 

 

28 जुलाई, गुरुवार- श्रवण अमावस्या 

 

31 जुलाई, रविवार-  हरयाली तीज 



 

2022 में अगस्त के त्यौहार - 2022 August ka Calendar Hindi Me

 

2 अगस्त, मंगलवार- नाग पंचमी

 

8 अगस्त, सोमवार- श्रावार् पुत्रदा एकादशी

 

9 अगस्त, मंगलवार- प्रदोष व्रत (शुक्ल )

 

11 अगस्त, गुरुवार- रक्षाबंधन

 

12 अगस्त, शुक्रवार- श्रावड़ पूर्णिमा व्रत

 

14 अगस्त, रविवार- कजरी तीज

 

15 अगस्त, सोमवार- संकष्टी चतुर्थी

 

17 अगस्त, बुधवार- सिंह संक्रांति

 

19 अगस्त, गुरुवार- जन्मष्टामी

 

23 अगस्त, मंगलवार- अजा एकादशी

 

24 अगस्त, बुधवार- प्रदोष व्रत (कृष्ण)

 

25 अगस्त, गुरुवार- मासिक शिव रात्रि

 

27 अगस्त, शनिवार- भाद्रपद अमावस्या

 

30 अगस्त, मंगलवार- हरतालिका तीज

 

31 अगस्त, बुधवार गणेश चतुर्थी



 

2022 में सितम्बर के त्यौहार - 2022 September ka Calendar Hindi me

 

6 सितम्बर, मंगलवार- परिवर्तनी  एकादशी  

 

8 सितम्बर, गुरुवार- प्रदोष व्रत (शुक्ल )

 

9 सितम्बर, शुक्रवार- अनंत चतुर्दशी 

 

10 सितम्बर, शनिवार- भाद्रपद पूर्णिमा  व्रत 

 

13 सितम्बर, मंगलवार- संकष्टी चतुर्थी

 

17 सितम्बर, शनिवार- कन्या संक्रांति 

 

21 सितम्बर, बुधवार-  इन्दिरा एकादशी 

 

23 सितम्बर, शुक्रवार- प्रदोष व्रत (कृष्ण) 

 

24 सितम्बर, शनिवार- मासिक  शिव रात्रि

 

25 सितम्बर, रविवार- अश्विन अमावस्या 

 

26 सितम्बर, सोमवार- शरद नवरात्री 



 

2022 में अक्टूबर के त्यौहार - 2022 October ka Calendar Hindi me 

 

1 अक्टूबर, शनिवार- कल्पमभ 

 

2 अक्टूबर, रविवार- नव पत्रिका पूजा 

 

3 अक्टूबर, सोमवार- दुर्गा महाआष्ट्मी पूजा 

 

4 अक्टूबर, मंगलवार- दुर्गा महानवमी पूजा 

 

5 अक्टूबर, बुधवार- दुर्गा विसर्जन 

 

6 अक्टूबर, गुरुवार- पापांकुशा एकादशी 

 

7 अक्टूबर, शुक्रवार- प्रदोष व्रत (शुक्ल )

 

9 अक्टूबर, रविवार- अश्विन पृनिमा व्रत 

 

13 अक्टूबर, गुरुवार- करवा चौथ 

 

17 अक्टूबर, सोमवार- तुला संक्रांति, अहोई अष्टामी

 

21 अक्टूबर, शुक्रवार- रमा एकादशी 

 

22 अक्टूबर, शनिवार- प्रदोष व्रत (कृष्ण)

 

23 अक्टूबर, रविवार- मासिक शिवरात्रि, धनतेरस 

 

24 अक्टूबर, सोमवार- दीपावली 

 

26 अक्टूबर, बुधवार- भाई दूज 

 

30 अक्टूबर, रविवार- छठ पूजा 



 

2022 में नवंबर के त्यौहार - 2022 November ka Calendar Hindi me

 

4 नवंबर, शुक्रवार- देवउठान एकादशी 

 

5 नवंबर, शनिवार- प्रदोष व्रत (शुक्ल )

 

8 नवंबर, मंगलवार- कार्तिक  पूर्णिमा 

 

12 नवंबर, शनिवार- संकष्टी चतुर्थी

 

16 नवंबर, बुधवार- वृश्चिक संक्रांति 

 

20 नवंबर, रविवार- उत्पन्ना एकादशी  

 

21 नवंबर, सोमवार- प्रदोष व्रत (कृष्ण)

 

22 नवंबर, मंगलवार- मासिक  शिवरात्रि

 

23 नवंबर, बुधवार- मार्ग शीर्ष अमावस्या



 

2022 में दिसंबर के त्यौहार - 2022 December ka Calendar Hindi me

 

3 दिसंबर, शनिवार-  मोक्षदा एकादशी 

 

5 दिसंबर, सोमवार- प्रदोष व्रत (शुक्ल )

 

8 दिसंबर, गुरुवार- मार्ग शीर्ष पूर्णिमा व्रत 

 

11 दिसंबर, रविवार- संकष्टी चतुर्थी

 

16 दिसंबर, शुक्रवार- धनु संक्रांति 

 

19 दिसंबर, सोमवार- सफलता एकादशी 

 

21 दिसंबर, बुधवार- प्रदोष व्रत (कृष्ण),मासिक  शिवरात्रि

 

23 दिसंबर, शुक्रवार- पौष अमावस्या


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