गुप्त नवरात्रों का विशेष महत्व बताया गया है। साल के अंदर चार नवरात्रि आते हैं दो नवरात्रों के बारें में हम सभी जानते हैं और दो नवरात्रों को गुप्त नवरात्रि बोला गया है। साल के पहले नवरात्रि चैत्र में आते हैं। इन्हें प्रथम नवरात्रि बोला जाता है। इसके बाद आषाढ़ में दूसरे नवरात्रि आते हैं। अश्विन महीने में तीसरे नवरात्रे आते हैं और सबसे लास्ट में साल के 11 महीने में माघ महीने में चौथे नवरात्रि आते हैं जिनको सबसे प्रमुख माना गया है। मां भगवती की आराधना का पर्व नवरात्रों को बताया गया है। इन 9 दिनों में माता के नौ रूपों की भक्ति करने पर हर तरह की की मनोकामना पूरी होती हुई नजर आती है। नौ शक्तियों से मानव के मिलन को ही नवरात्रि बोला जाता है।
ऐसे में इस बार 2021 में आषाढ़ शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा 11 जुलाई 2021 से गुप्त नवरात्रि शुरू होने जा रहे हैं जो सोमवार 19 जुलाई तक चलते हुए नजर आएंगे। यह नवरात्र गुप्त सिद्धियां प्राप्त करने के लिए विशेष महत्व रखते हैं। शास्त्रों में ऐसा बताया गया है कि प्रतिपदा से नवमी तक महालक्ष्मी सरस्वती और दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। गुप्त नवरात्रों में 10 महाविद्याओं की साधना की जाती है।
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गुप्त नवरात्रों के अंदर वैसे तो एक सामान्य व्यक्ति माता के नौ रूपों की सामान्य नवरात्रों की तरीके से पूजा कर सकता है किंतु तंत्र-मंत्र साधना में विशेष शक्तियां प्राप्त करना चाहते हैं उनके लिए माता के नौ रूप गुप्त नवरात्रि में अलग बताए गए। आषाढ़ माह की गुप्त नवरात्रों के दौरान प्रलय और संहार की देवी महाकाल और महाकाली के उनकी गणिकाओं भूत-प्रेत, पिशाच, बेताल, डाकिनी, शाकिनी, शववाहिनी, आदि की साधना की जाती है, इसके अतिरिक्त यक्षिणी, योगिनी व भैरवी साधना का विशेष महत्व इन गुप्त नवरात्रों में बताया गया है।
मां काली, मां तारा देवी, ललिता मां / त्रिपुर-सुंदरी, मां भुवनेश्वरी देवी, माता छिन्नमस्ता / चित्रमस्ता, मां त्रिपुरी भैरवी, मां धूमावती, मां मांतगी, मां कमला, माता बग्लामुखी। माता के इन 10 रूपों का विशेष महत्व गुप्त नवरात्रों में बताया गया है। किंतु एक सामान्य व्यक्ति माता के सामान्य रूपों की पूजा करके भी अपने जीवन में सुख और समृद्धि की प्राप्ति कर सकता है।
आषाढ़ गुप्त नवरात्रि तिथि - रविवार,11 जुलाई 2021
प्रतिपदा तिथि का प्रारंभ - शनिवार,10 जुलाई 2021 सुबह 06:46 से
प्रतिपदा तिथि की समाप्ति: - रविवार,11 जुलाई 2021 के समय 07:47 तक
अभिजीत मुहूर्त: - रविवार,11 जुलाई, 11:36 AM से 12:31 PM तक
घट स्थापित- 11 जुलाई सुबह 05:52 से 07:47 तक
(अधिक जानकारी के लिए बात कीजिये पंडित चंद्रकांत सारस्वत जी से)
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