कुंडली के अंदर यदि चंद्र दोष, पित्र दोष और कालसर्प दोष होता है तो यह व्यक्ति को बहुत अधिक परेशान करने का काम करते हैं। व्यक्ति के काम बिगड़ते हुए नजर आते हैं और कोई भी काम नहीं बन पाता है। ऐसा व्यक्ति सदैव जीवन में धन के अभाव में और मानसिक अशांति से पीड़ित नजर आता है। घर में शांति नहीं रहती है और घर में लगातार होता हुआ क्लेश व्यक्ति के जीवन को बर्बाद करता हुआ नजर आता है।
(जांच करायें कुंडली की आपकी कुंडली में तो नहीं यह दोष)
इन दोष की सबसे अधिक बुरी बातें होती है कि मेहनत करने के बाद भी अच्छे फल प्राप्त नहीं हो पाते हैं। चंद्र दोष की वजह से व्यक्ति ही अशांत रहता हुआ नजर आता है और कई बार ऐसी परिस्थितियों में भी जातक नजर आया है कि वह चंद्र दोष के कारण पूरी तरीके से पागल होता हुआ नजर आता है।
इसके साथ यदि ही पित्र दोष की बात करें तो पितरों की वजह से लगा हुआ यह दोष भी काफी घातक होता है और नौकरी और व्यवसाय में बड़ी समस्याएं खड़ा करता हुआ नजर आता है। ऐसा व्यक्ति लगातार धन की समस्या से पीड़ित रहता है और उसको नौकरी में बरकत प्राप्त नहीं हो पाती है। व्यापार डूबता हुआ नजर आता है। कितनी भी मेहनत करने के बाद उसके जीवन में धन का अभाव खत्म नहीं हो पाता है। (जांच करायें कुंडली की आपकी कुंडली में तो नहीं यह दोष) इस स्थिति में पित्र दोष संबंधी उपाय करने होते हैं।
वहीं अब अगर दूसरी तरफ कालसर्प दोष को देखें तो यह दोष भी व्यक्ति के लिए घातक साबित होता है। यह स्वास्थ्य संबंधी बड़ी समस्याएं निर्माण करता हुआ नजर आता है। उसके साथ यह जीवन में अशांति बनाए रखता है। कालसर्प दोष भी व्यक्ति के धन के ऊपर प्रभाव डालता हुआ नजर आता है और कालसर्प दोष बड़े ही खतरनाक दोष बोला गया है।
चमत्कारी उपाय जो चंद्र दोष, कालसर्प दोष और पितृ दोष से राहत दिलाता है
समय पर यदि इनका इलाज न किया जाए तो यह दोष बड़ी समस्याएं खड़ी करते हैं। हम बात करते हैं कि किस तरीके से भगवान शिव की कृपा से इन तीनों दोष से राहत प्राप्त की जा सकती है। सही और सटीक उपाय के लिए आपको एस्ट्रो ओनली के एस्ट्रोलॉजर से बात करनी चाहिए। लेकिन यदि आप बात नहीं कर पा रहे हैं तो कुछ ज्योतिषाचार्य बोलते हैं कि एक सामान्य सा उपाय जो थोड़ी बहुत कुछ समय के लिए इन दोष में दे सकता है। वह यह है कि लगातार भगवान शिव के किसी प्रतिष्ठित मंदिर में शिवलिंग के ऊपर जल अभिषेक करते रहना चाहिए। भगवान शिव की कृपा से इन तीनों दोष में राहत प्राप्त होती हुई नजर आ सकती है। लेकिन यहां पर याद रखना है कि शिवलिंग के ऊपर सदैव अपने घर की मटकी में से ही जल लेकर जाना है। घर की मटकी का जल शिवलिंग के ऊपर अभिषेक करना चाहिए। इससे चंद्र दोष, पितृदोष, कालसर्प दोष में राहत प्राप्त होती हुई नजर आती है। यहां पर मटकी का इस्तेमाल इसलिए किया गया है क्योंकि चंद्रमा और पितरों के ऊपर मटके का विशेष प्रभाव पड़ता है और मटका मिट्टी का बना हुआ होना चाहिए।
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डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): यह लेख मान्यताओं पर आधारित है। इस खबर में शामिल सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए एस्ट्रो ओनली उत्तरदायी नहीं है।
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