पूजा करने का सही समय क्या होना चाहिए और किस तरीके से भगवान की पूजा करनी चाहिए? यह सवाल हमेशा लोगों के मन में बना रहता है। आज एस्ट्रो ओनली आपके लिए लेकर आया है कि कृपात्री महाराज जी इस बारे में क्या मत रखा करते थे। महाराज जी हमेशा अपने भक्तों को सही समय पर पूजा करने की सलाह दिया करते थे। तो आइये जानते हैं कि महाराज जी के इस बारे में क्या मत थे-
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महाराज जी हमेशा अपने भक्तों को बोला करते थे कि किसी भी हालत में सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर ईश्वर की पूजा जरूर करनी चाहिए और इस समय पूजा करते समय ध्यान लगाना चाहिए। मंत्र की मदद से ध्यान लगाना व्यक्ति के जीवन के लिए और खासकर मानसिक स्थिति के लिए बहुत अच्छा लाभदायक होता है। सुबह उठकर किसी एक खास मंत्र का जाप करना और लगातार उसे अपनी दिनचर्या में शामिल करना चाहिए। इसलिए महाराज जी हमेशा ब्रह्म मुहूर्त की पूजा पर जोर दिया करते थे और इस समय मंत्र जाप को करने का तरीका लोगों को बताया करते थे।
इसके बाद सुबह की पूजा के ऊपर महाराज जी जोर दिया करते थे। नहाने के बाद अपने इष्ट देवी देवताओं के सामने बैठकर विधि-विधान तरीके से आरती और चालीसा के ऊपर महाराज जी जोर दिया करते थे। घर में बने हुए मंदिर के सामने बैठकर विधि विधान पूर्वक देवताओं को भोग लगाना और स्नान इत्यादि कराना यह सब करने पर जोर दिया करते थे। इसके बाद ही व्यक्ति को अपने व्यवसाय या नौकरी के लिए आगे जाना चाहिए।
महाराज जी इसके बाद बोला करते थे कि दोपहर में कुछ मिनट ही सही लेकिन अपने देवताओं को याद करना चाहिए। इस समय भी आप यदि ऑफिस में हैं या घर पर हैं किसी भी जगह पर हैं आप कुछ देर मंत्र की मदद से देवताओं को याद जरूर किया करें। कई बार महाराज जी ने ऐसा भी बोला है कि इस समय में गायत्री मंत्र का भी जाप किया जा सकता है। इससे मानसिक स्थिति अच्छी रहती है।
घर आने के बाद या फिर जो स्त्री पुरुष घर पर ही रहते हैं वह संध्या आरती जरूर किया करें। विधि-विधान तरीके से घर के मंदिर या फिर आसपास किसी मंदिर में जाकर देवताओं की आरती जरूर करनी चाहिए। तुलसा जी के सामने दिया जलाना और घर में स्थित मंदिर में दिया जलाना, इसके बारे में महाराज जी बताया करते थे।
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अंत में सोने से पहले कुछ देर व्यक्ति को मंत्र जाप जरूर करना चाहिए। आप जिस भी मंत्र का जाप करते हैं उसी मंत्र का कुछ मिनट या घंटे बैठकर जाप जरूर करना चाहिए। इससे जीवन में आने वाली बहुत सारी समस्याओं का समाधान मिलता हुआ नजर आता है।
तो इस तरीके से एक व्यक्ति को दिन में ईश्वर की पूजा करनी चाहिए। आप इस पूजा में यह ना देखें कि कितना समय लगेगा, आपके पास जो भी समय हो, जो भी समय आपके पास बन पाए, उसी समय के अनुसार आप देवताओं और ईश्वर की पूजा आराधना कर सकते हैं।
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