संसार - दावानल - लीढ - लोक - त्राणाय कारुण्य - घनाघनत्वम् ।
प्राप्तस्य कल्याण - गुणार्णवस्य वन्दे गुरोः श्रीचरणारविन्दम् ॥ 1
महाप्रभोः कीर्तन - नृत्य - गीत - वादित्र - माद्यन् - मनसो रसेन ।
रोमांच - कम्पाश्रु - तरंग - भाजो वन्दे गुरोः श्रीचरणारविन्दम् ॥ 2
श्री - विग्रहाराधन - नित्य - नाना - श्रृंगार - तन् - मन्दिर - मार्जनादौ ।
युक्तस्य भक्तांश्च नियुजतोऽपि वन्दे गुरोः श्रीचरणारविन्दम् ॥ 3
चतुर्विध - श्रीभगवत् - प्रसाद - स्वाद्वन्न तृप्तान् हरि - भक्त - संधान ।
कृत्वैव तृप्तिं भजतः सदैव वन्दे गुरोः श्रीचरणारविन्दम् ॥ 4
श्रीराधिका - माधवयोरपार - माधुर्य - लीला - गुण - रुप - नाम्नाम् ।
प्रतिक्षणास्वादन - लोलुपस्य वन्द गुरोः श्रीचरणारविन्दम् ॥ 5
निकुंज - यूनो रति - केलि - सिद्धयै या यालिभिर् युक्तिर् अपेक्षणीया ।
तत्राति - दक्ष्याद् अति - वल्लभस्य वन्दे गुरोः श्रीचरणारविन्दम् ॥ 6
साक्षाद - धरित्वेन समस्त शास्त्रर् उक्तस् तथा भाव्यत एवं सद्भिः ।
किन्तु प्रभोर् यः प्रिय एवं तस्य वन्दे गुरोः श्रीचरणारविन्दम् ॥ 7
यस्य प्रसादाद् भगवत् प्रसादो यस्या प्रसादान् न गातिः कुतोऽपि ।
ध्यायन् स्तुवंस् तस्य यशस् त्रि - सन्ध्यं वन्दे गुरोः श्रीचरणारविन्दम् ॥ 8
- श्रील विश्वनाथ चक्रवर्ती ठाकुर रचित
ज्योतिष के क्षेत्र में शानदार सेवाओं के कारण एस्ट्रो ओनली एक तेजी से प्रगतिशील नाम है। एस्ट्रो केवल ज्योतिष के क्षेत्र में दिन-प्रतिदिन लोकप्रियता की नई ऊंचाइयों को प्राप्त कर रहा है। प्रामाणिक और सटीक भविष्यवाणियों और अन्य सेवाओं के कारण इस क्षेत्र में हमारा ब्रांड प्रमुख होता जा रहा है। आपकी संतुष्टि हमारा उद्देश्य है। अपने जीवन में सकारात्मकता और उत्साह को बढ़ाकर आपकी सेवा करना हमारा प्रमुख लक्ष्य है। ज्योतिष के मूल्यवान ज्ञान की मदद से हमें आपकी सेवा करने का मौका मिलने पर खुशी होगी।