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नाग पंचमी


Saturday, 20 March 2021
नाग पंचमी

नाग पंचमी
हिंदू धर्म में बहुत से व्रत और त्योहार मनाए जाते हैं। उन्हीं में से एक नाग पंचमी का व्रत है। जिसमें नाग देवता का पूजन किया जाता हैय़ आइए जानते हैं कि साल 2021 में नाग पंचमी कब है और इसका शुभ मुहूर्त का समय क्या है। साथ ही हम आपको बताएंगे कि नाग पंचमी का व्रत कैसे और क्यों किया जाता है

नाग पंचमी: 13 अगस्त, शुक्रवार
नाग पंचमी का त्यौहार सावन मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाया जाता है और इस बार सावन मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 13 अगस्त को है।   माना जाता है कि पंचमी तिथि नाग देवता की होती है और इस दिन नाग देवता को प्रसन्न करने के लिए व्रत पूजन आदि किया जाता है।

सावन का महीना भगवान शिव का होता है और भगवान भोलेनाथ को नाग देवता बहुत ही प्रिय हैं। भोलेनाथ को प्रसन्न करना चाहता है वह नाग पंचमी का व्रत जरूर रखता है।

नाग पंचमी पूजा मुहूर्त: सुबह 05.48 बजे से 8.27 बजे तक

क्यों किया जाता है नाग पंचमी का व्रत
यह पौराणिक कथा के अनुसार, माना जाता है कि सागर मंथन के समय नाग देवता ने अपनी माता की आज्ञा का उल्लंघन किया था। जिसके बाद उनकी माता ने नागों को श्राप दिया कि वह राजा जनमेजय की यज्ञ में जलकर भस्म हो जाएंगे। श्राप सुनने के बाद नाग देवता बहुत घबरा गए और वह इस बात का समाधान खोजने के लिए भगवान ब्रह्मा जी के एक शरण में पहुंचे। उन्होंने ब्रह्मा जी से सारी बात कही और मदद माँगते हुए कहा कि से मुक्ति का कोई उपाय बताइए। तब ब्रह्मा जी ने उनकी विनती सुनकर कहा कि नागवंश में जरत्कारु के पुत्र आस्तिक होंगे और आस्तिक ही सावन मास की पंचमी के दिन सभी नागों की रक्षा करेंगे। जिसके बाद आस्तिक मुनि ने नागों ऊपर दूध डालकर उन्हें जलने से बचाया और कहा कि आज सावन की पंचमी के दिन नाग देवता की दूध डालकर रक्षा की गई है और अब से जो भी सावन मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन नाग देवता को दूध अर्पित करके उनका व्रत और पूजन करेगा। उसे कभी भी नागदंश का भय नहीं रहेगा।  इस प्रकार तब से आज तक पंचमी तिथि पर नाग पंचमी मनाई जाती है।

माना ये भी जाता है कि सावन की पंचमी के दिन ही भगवान श्री कृष्ण ने कालिया नाग पर विजय प्राप्त की थी इसलिए भगवान श्री कृष्ण की विजय के खुशी में नाग पंचमी मनाई जाती है।

नाग पंचमी व्रत की पूजा विधि
इस दिन स्नान आदि करके भगवान नाग देवता का मन में स्मरण करें और व्रत करने का संकल्प लें।

पूजा घर में नाग देवता की पीतल या तांबे की मूर्ति को दूध से स्नान कराएं और इसके बाद शुद्ध जल से स्नान कराकर गंध, पुष्प, धूप, दीप से पूजन करें।

पूजा करते समय नीचे दिए गए मंत्र का कम से कम 51 बार जाप करें और नाग पंचमी की कथा सुनाएं।

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उसके बाद नाग देवता की आरती करके सफेद मिठाई का भोग लगाएं।

नाग देवता के साथ-साथ भगवान भोलेनाथ की भी पूजा अर्चना करें और भगवान भोलेनाथ की आरती करके उन्हें भोग लगाएं।

नाग पंचमी व्रत का महत्व
जो भी नाग पंचमी का व्रत करता है उसे कभी भी नाक से डसने का भय नहीं रहता।

माना जाता है कि नागों को दूध से स्नान कराने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।

नाग पंचमी का व्रत करने से भगवान भोलेनाथ प्रसन्न होकर मनवांछित भर देते हैं और नाग देवता भी हमेशा कृपा बरसाते रहते हैं।

व्रत की महिमा बड़ी सर्वश्रेष्ठ बताई गई है। कहा जाता है कि व्रत करने से घर परिवार नाग कृपा से सुरक्षित रहता है और कभी भी किसी प्रकार की परेशानी नहीं आती है।

मनवांछित वर पाने के लिए भी नाग पंचमी का व्रत किया जाता है और नाग देवता हर मनोकामना पूर्ण करते हैं

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