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ओम नमो नारायण


Friday, 19 March 2021
ओम नमो नारायण

ओम नमो नारायण

ब्रह्मा, विष्णु, महेश त्रिदेव शक्ति हैं।  यह शक्तियां  पूरे संसार में सर्वोपरि मानी जाती है। हम आपको आज त्रिदेव में से एक भगवान विष्णु की महिमा के बारे में बताने जा रहे हैं। भगवान विष्णु की महिमा गीता और वेद पुराणों में बताई गई है। इनकी भक्ति करने वाला मनुष्य बड़ा ही धन्य होता है। जो इनकी भक्ति करता है उसे मरणोपरांत बैकुंठ में वास मिलता है। यदि आप भी भगवान विष्णु की भक्ति करना चाहते हैं तो आज हम आपको उनकी भक्ति का बड़ा ही आसान मार्ग दिखाने जा रहे हैं। जी हां, हम आपको एक ऐसे मंत्र के बारे बताएंगे जिसका जाप करने से भगवान विष्णु की भक्ति का वरदान मिल सकता है। आइए जानते हैं।

भगवान विष्णु की भक्ति करने के लिए मात्र आपको ओम नमो नारायण मंत्र का जाप करना होगा। इस मंत्र के  जाप का बड़ा प्रभाव है। दरअसल, हर एक मनुष्य को सकारात्मक रहने की आवश्यकता है मगर जीवन की उलझनों में उलझने के कारण नकारात्मकता का भाव बढ़ता ही जाता है। जिसे दूर करने के लिए यह मंत्र बड़ा ही उपयोगी है। आइए जानते हैं इस मंत्र का महत्व और इस मंत्र को जपने का तरीका

भगवान विष्णु के मंत्र का प्रभाव
इस मंत्र के जपने से मन को शांति मिलती है और परिवार में सुखद माहौल रहता है। मन अध्यात्म के पथ की ओर बढ़ता है।

जो लोग कभी भी धर्म के कार्य में रुचि नहीं रहता यदि वह भी इस मंत्र का जाप कर ले तो वह भगवान विष्णु का भक्त हो जाता है।

मन बड़ा ही विचलित है लेकिन भगवान श्री कृष्ण ने कहा है कि इसे अभ्यास से स्थिर किया जा सकता है और मन को स्थिर करने के लिए सबसे उत्तम ओम नमो नारायण मंत्र है।

भगवान कृष्ण का स्वभाव बड़ा ही चंचल और शांत है। जो भक्त इनकी भक्ति करता है उसका स्वभाव भी इसी की तरह हो जाता है।

विद्यार्थियों को इस मंत्र का अवश्य जाप करना चाहिए। यदि विद्यार्थी इस मंत्र का निरंतर जाप करते हैं तो उनका पढ़ाई में मन लगता है और उन्हें सफलता प्राप्त होती है।

इस मंत्र के अलावा भगवान विष्णु के कई मंत्र हैं। जिन्हें जपने से भगवान विष्णु प्रसन्न होकर भक्तों को मनोवांछित फल देते हैं।

कई और मंत्र इस प्रकार हैं
ओम नमो नारायण भगवते वासुदेवाय नमः

त्वमेव माता च पिता त्वमेव।

त्वमेव बन्धुश्च सखा त्वमेव।।

त्वमेव विद्या द्रविणं त्वमेव।

त्वमेव सर्व मम देवदेव।।

 

ओम नारायणाय विद्महे।

वासुदेवाय धीमहि।

तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।


मंत्र को जपने की विधि
किसी भी मंत्र को जपने के लिए मन का पवित्र होना आवश्यक है इसलिए हर सुबह नहा धोकर भगवान विष्णु का इस मंत्र का जाप करें।

इस मंत्र का जाप तुलसी की माला से ही करना चाहिए क्योंकि भगवान विष्णु को तुलसी बड़ी प्रिय होती है।

जब भी मंत्र का जाप करें तो मन को एकाग्र करके भगवान विष्णु का ध्यान रखते हुए ही मंत्र पढ़े।

मन का शुद्ध उच्चारण ना किया जाए तो वह मंत्र उपयोगी नहीं रहता।

विष्णु की पूजा करने वाले लोगों को कभी किसी की निंदा नहीं करनी चाहिए। इस मंत्र को जपने के लिए गीता में बताए हुए नियमों का पालन करते हुए। अपने जीवन को सकारात्मक की ओर ले जाने का प्रयास करना चाहिए।

विष्णु की पूजा करने वाले लोगों को धूम्रपान और मदिरा आदि का पान करना निषेध होता है।

यदि शादीशुदा व्यक्ति अपनी पत्नी के साथ इस मंत्र का जाप करें तो उसका वैवाहिक जीवन सदा सुखमय रहता है और घर में सुख शांति का निवास होता है।

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