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फाल्गुन पूर्णिमा


Wednesday, 17 March 2021
फाल्गुन पूर्णिमा

    हिंदू मान्यताओं के अनुसार, पूर्णिमा को अत्यधिक शुभ और सौभाग्यशाली दिन माना जाता है। यह पूनम तथा पूर्णिमा जैसे विभिन्न नामों से पूरे देश में मनाया जाता है। भक्त आमतौर पर इस विशेष दिन व्रत रखते हैं और चन्द्र भगवान और भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। जबकि हिंदू कैलेंडर के अनुसार, जब शुक्ल पक्ष के दौरान फाल्गुन माह की पूर्णिमा होती है तो उस विशेष पूर्णिमा को फाल्गुन पूर्णिमा कहा जाता है। यह दिन फरवरी या मार्च के महीने में ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार आता है। कई अन्य त्यौहार हैं जो फाल्गुन माह में मनाए जाते हैं जैसे होली, महा शिवरात्रि और वसंत पंचमी। इस पूर्णिमा लोग व्रत रखते है।

फाल्गुन पूर्णिमा का महत्व क्या है?

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, फाल्गुन पूर्णिमा को अंतिम पूर्णिमा माना जाता है, जिस दिन होली का त्योहार मनाया जाता है। इस विशेष दिन पर, विभिन्न स्थानों पर, लोग लक्ष्मी जयंती भी मनाते हैं, जो देवी लक्ष्मी की जयंती है, अर्थात जिन्हें हम धन की देवी मानते है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, जो लोग फाल्गुन पूर्णिमा का व्रत रखते हैं और इस दिन भगवान विष्णु और भगवान चंद्रमा की पूजा करते हैं, उन्हें देवता का दिव्य आशीर्वाद प्राप्त होता है और उनके वर्तमान और पिछले पापों से भी छुटकारा मिलता है। इस लिए फाल्गुन की इस पूर्णिमा के दिन व्रत रखना बहुत शुभ माना जाता है और हजारों लोग रखते है।

फाल्गुन पूर्णिमा के अनुष्ठान क्या हैं?

फाल्गुन पूर्णिमा के दिन, भक्तों को सुबह जल्दी उठना चाहिए और पवित्र नदियों में पवित्र स्नान करना बहुत आवश्यक माना जाता है क्योंकि ऐसा करना बहुत शुभ और भाग्यशाली माना जाता है।


पवित्र स्नान करने के बाद, भक्तों को मंदिर में या कार्यशाला या घर में भगवान विष्णु जी और चंद्रमा की पूजा अर्चना करनी चाहिए।


भक्तों को विष्णु पूजा के अनुष्ठान के बाद सत्यनारायण कथा का पाठ करना चाहिए।


जबकि भक्त लोगों को भगवान विष्णु के किसी भी पास के मंदिर में जाना चाहिए और उनकी पूजा करनी चाहिए। इसके बाद व्रत तोड़ सकते है।


गायत्री मंत्र और “ओम नमो नारायण” मंत्र का लगातार 1008 बार जाप करना बहुत ही शुभ और लाभकारी माना जाता है। 


लोगों को फाल्गुन पूर्णिमा की पूर्व संध्या पर जितना संभव हो सके उतना दान करना चाहिए। दान में आप जिन्हें जरूरत है उन्हे आप भोजन, कपड़े और पैसे दान में दे सकते है।

इस प्रकार फाल्गुन माह की यह पूर्णिमा बहुत शुभ और सौभाग्यशाली मानी जाती है, इस कारण अनगिनत लोग व्रत रखकर भगवान विष्णु और चंद्रमा की पूजा करते है ताकि उन्हें पूर्व में किए गए पापों से छुटकारा मिल सके।

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