प्रॉपर्टी खरीद मुहूर्त 2021
प्रॉपर्टी को जीवन के महत्वूर्ण मूलभूत आवश्यकताओं में से एक माना जाता है। पौराणिक कथाओं में कहा भी जाता है कि सर छुपाने के लिए एक छत का होना आवश्यक है। इस छत का आश्य प्रॉपर्टी से ही है। वैसे तो हर किसी नए कार्य की शुरुआत मुहूर्त देखकर करना चाहिए। मुहूर्त देखकर करने से कार्य सफल होते हैं तथा ईश्वर की कृपा प्राप्त होती है। इसी महत्व को हिंदू पांचाग में भी दर्शाया गया है। इसके महत्व को समझते हुए माना जाता है कि प्रॉपर्टी खरीदने वक्त सही मुहूर्त का होना आवश्यक है।
प्रॉपर्टी खरीद का शुभ मुहूर्त
दिनांक |
आरंभ काल |
समाप्ति काल |
रविवार, 03 जनवरी |
8:24:13 |
31:14:24 |
सोमवार, 04 जनवरी |
7:14:37 |
19:17:10 |
शुक्रवार, 08 जनवरी |
14:13:06 |
31:15:10 |
शनिवार, 09 जनवरी |
7:15:15 |
19:19:20 |
मंगलवार, 12 जनवरी |
12:24:29 |
31:15:20 |
रविवार, 17 जनवरी |
8:10:14 |
31:43:22 |
शुक्रवार, 29 जनवरी |
7:11:09 |
23:43:32 |
शनिवार, 06 फरवरी |
8:15:11 |
17:18:16 |
रविवार, 07 फरवरी |
16:15:13 |
28:49:34 |
मंगलवार, 16 फरवरी |
6:59:11 |
20:57:01 |
रविवार, 21 फरवरी |
15:43:44 |
30:54:45 |
सोमवार, 22 फरवरी |
6:53:49 |
10:58:12 |
मंगलवार, 23 फरवरी |
12:31:17 |
18:07:03 |
शुक्रवार, 26 फरवरी |
15:51:46 |
30:49:56 |
शनिवार, 27 फरवरी |
6:48:57 |
30:48:57 |
बुधवार, 03 मार्च |
25:36:21 |
30:44:49 |
गुरुवार, 04 मार्च |
6:43:46 |
22:00:58 |
रविवार, 07 मार्च |
16:49:05 |
30:40:32 |
सोमवार, 08 मार्च |
6:39:26 |
20:40:40 |
शनिवार, 13 मार्च |
6:33:52 |
24:22:37 |
मंगलवार, 23 मार्च |
10:08:43 |
22:45:50 |
बुधवार, 24 मार्च |
23:13:07 |
30:21:11 |
गुरुवार, 01 अप्रैल |
11:02:16 |
30:11:55 |
रविवार, 11 अप्रैल |
8:58:03 |
30:00:39 |
सोमवार, 12 अप्रैल |
5:59:32 |
11:29:59 |
शनिवार, 17 अप्रैल |
5:54:14 |
26:33:59 |
गुरुवार, 22 अप्रैल |
5:49:10 |
29:49:09 |
शुक्रवार, 23 अप्रैल |
5:48:11 |
21:50:04 |
मंगलवार, 27 अप्रैल |
20:09:10 |
29:44:24 |
शुक्रवार, 30 अप्रैल |
19:12:09 |
29:41:44 |
शनिवार, 01 मई |
5:40:51 |
29:40:51 |
गुरुवार, 06 मई |
10:32:38 |
29:36:47 |
शुक्रवार, 07 मई |
5:36:01 |
12:26:37 |
रविवार, 16 मई |
11:14:05 |
29:30:02 |
सोमवार, 17 मई |
5:29:28 |
13:22:00 |
शुक्रवार, 21 मई |
11:13:05 |
15:23:24 |
मंगलवार, 25 मई |
20:31:40 |
29:25:45 |
बुधवार, 26 मई |
5:25:23 |
25:16:10 |
शुक्रवार, 04 जून |
20:47:29 |
29:23:05 |
शनिवार, 05 जून |
5:22:57 |
23:28:20 |
गुरुवार, 10 जून |
11:44:42 |
29:22:34 |
शुक्रवार, 11 जून |
5:22:34 |
14:30:41 |
मंगलवार, 15 जून |
5:22:44 |
29:22:44 |
बुधवार, 16 जून |
5:22:50 |
22:47:47 |
गुरुवार, 24 जून |
9:11:28 |
29:24:18 |
शुक्रवार, 25 जून |
5:24:34 |
21:01:16 |
मंगलवार, 29 जून |
25:02:24 |
29:25:47 |
बुधवार, 30 जून |
5:26:09 |
13:20:56 |
शुक्रवार, 09 जुलाई |
23:14:16 |
29:29:50 |
शनिवार, 10 जुलाई |
5:30:18 |
25:02:13 |
बुधवार, 14 जुलाई |
8:04:50 |
27:43:24 |
सोमवार, 19 जुलाई |
5:34:53 |
29:34:52 |
मंगलवार, 20 जुलाई |
5:35:24 |
19:19:22 |
बुधवार, 28 जुलाई |
5:39:50 |
10:45:51 |
गुरुवार, 29 जुलाई |
12:02:58 |
27:57:09 |
बुधवार, 04 अगस्त |
5:43:48 |
15:20:04 |
रविवार, 08 अगस्त |
9:19:25 |
29:46:02 |
सोमवार, 09 अगस्त |
5:46:35 |
18:58:26 |
मंगलवार, 17 अगस्त |
25:35:46 |
29:51:00 |
बुधवार, 18 अगस्त |
5:51:32 |
25:07:49 |
गुरुवार, 26 अगस्त |
17:16:26 |
22:29:36 |
बुधवार, 01 सितंबर |
5:58:47 |
12:35:07 |
गुरुवार, 02 सितंबर |
14:57:22 |
29:59:16 |
सोमवार, 06 सितंबर |
7:40:31 |
30:01:17 |
मंगलवार, 07 सितंबर |
6:01:46 |
17:05:36 |
शनिवार, 11 सितंबर |
11:23:07 |
30:03:43 |
रविवार, 12 सितंबर |
6:04:13 |
17:22:38 |
बुधवार, 15 सितंबर |
11:19:30 |
28:56:29 |
सोमवार, 20 सितंबर |
6:08:08 |
28:02:39 |
शनिवार, 02 अक्टूबर |
6:14:14 |
23:12:52 |
रविवार, 10 अक्टूबर |
6:18:37 |
14:44:31 |
सोमवार, 11 अक्टूबर |
12:56:04 |
23:52:30 |
मंगलवार, 19 अक्टूबर |
19:05:43 |
30:23:59 |
बुधवार, 20 अक्टूबर |
6:24:37 |
14:02:40 |
सोमवार, 25 अक्टूबर |
6:27:51 |
28:11:09 |
शनिवार, 30 अक्टूबर |
14:45:46 |
30:31:18 |
रविवार, 31 अक्टूबर |
6:31:59 |
30:31:59 |
सोमवार, 01 नवंबर |
6:32:43 |
12:53:28 |
शुक्रवार, 05 नवंबर |
6:35:38 |
23:17:23 |
सोमवार, 08 नवंबर |
13:18:51 |
30:37:53 |
मंगलवार, 09 नवंबर |
6:38:38 |
16:59:48 |
शनिवार, 13 नवंबर |
15:25:41 |
30:41:44 |
रविवार, 14 नवंबर |
6:42:30 |
16:31:59 |
बुधवार, 24 नवंबर |
6:50:28 |
16:29:25 |
गुरुवार, 25 नवंबर |
18:49:34 |
28:44:38 |
शुक्रवार, 03 दिसंबर |
16:58:21 |
30:57:30 |
सोमवार, 13 दिसंबर |
7:04:38 |
26:05:48 |
शनिवार, 18 दिसंबर |
13:48:34 |
31:07:43 |
रविवार, 19 दिसंबर |
7:08:17 |
16:52:19 |
गुरुवार, 23 दिसंबर |
18:29:58 |
31:10:22 |
शुक्रवार, 24 दिसंबर |
7:10:49 |
31:10:50 |
शनिवार, 25 दिसंबर |
7:11:17 |
20:12:05 |
बुधवार, 29 दिसंबर |
26:39:12 |
31:12:51 |
गुरुवार, 30 दिसंबर |
7:13:11 |
13:43:07 |
प्रॉपर्टी खरीद मुहर्त का महत्व
हिन्दू पंचांग के अनुसार हर नए कार्य की शुरुआत शुभ मुहूर्त को देखकर ही करना चाहिए। प्रॉपर्टी के लिए यह और भी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि माना जाता है कि घर हमेशा ही अच्छे मुहूर्त में लेना चाहिए क्योंकि यह हमारे जीवन में अधिक महत्व रखती है। गलत मुहूर्त में संपत्ति लेने से जीवन में कई परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है। इन परेशानी का सामना न करना पड़े इसलिए मुहूर्त का महत्व अधिक हो जात है।
प्रॉपर्टी खरीद संस्कार मुहूर्त का लाभ
प्रॉपर्टी खरीदने का लाभ और हानि इसके मुहूर्त पर निर्भर करता है। इतना ही नहीं गृह प्रवेश का भी ध्यान रखना चाहिए।
प्रॉपर्टी योग और दशाओं को देखकर खरीदना चाहिए। इससे घर में सुख शांति बनी रहती है।
उचित समय पर संपत्ति प्राप्त करने के लिए कुंडली का चौथा भाव महत्वपूर्ण माना जाता है।
कब और किस प्रॉपर्टी में निवेश करने का कारण पता करने के लिए भी मूहुर्त लाभकारी होता है।
नैसर्गिक कारक ग्रह के रूप में मंगल ग्रह को जाना जाता है जो आपके रहने की भूमि की स्थिति को दर्शाता है।
सौहार्द और विलासिता का प्रतीक शुक्र ग्रह का भी अध्ययन करना पड़ता है ताकि परिवार में सौहार्द बना रहे।
शनि ग्रह को भूमि, प्रॉपर्टी तथा निर्माण का कारक माना जाता है इसलिए इसका अध्ययन भी अवश्यक होता है।
शुभ प्रॉपर्टी खरीद से संबंधित ध्यान रखने वाली महत्वपूर्ण जानकारी
प्रॉपर्टी खरीदने वाले व्यक्ति का चौथा भाव उचित होना चाहिए।
प्रॉपर्टी खरीदते समय व्यक्ति के मंगल की स्थिति का उच्च होना महत्वपूर्ण माना जाता है।
वही व्यक्ति प्रॉपर्टी खरीदने में सक्षम होता है जिसकी कुंडली में आरोही ग्रह का स्वामी चौथे भाव में स्थित हो।
अगर सिर्फ मंगल की उपस्थिति आपकी कुंडली के चौथे भाव में है तो संपत्ति की सुख की प्राप्ति के साथ ही आपको कानूनी मामलों में फंसना भी पड़ सकता है।
वही व्यक्ति संपत्ति पर अपना अधिकार प्राप्त करता है जिसकी दशा में मंगल और शनि का संबंध स्थापित हो रहा हो।
चौथे भाव का बारहवें भाव के साथ जुड़ना यह दर्शाता है कि आप दूर या विदेशों में प्रॉपर्टी को खरीदने या निवेश करने में सक्षम है।
मंगल, शुक्र तथा शनि की उपस्थिति अगर चतुर्थ भाव में बने तो प्रॉपर्टी खरीदने का यह सबसे उत्तम समय होता है।
ज्योतिष के क्षेत्र में शानदार सेवाओं के कारण एस्ट्रो ओनली एक तेजी से प्रगतिशील नाम है। एस्ट्रो केवल ज्योतिष के क्षेत्र में दिन-प्रतिदिन लोकप्रियता की नई ऊंचाइयों को प्राप्त कर रहा है। प्रामाणिक और सटीक भविष्यवाणियों और अन्य सेवाओं के कारण इस क्षेत्र में हमारा ब्रांड प्रमुख होता जा रहा है। आपकी संतुष्टि हमारा उद्देश्य है। अपने जीवन में सकारात्मकता और उत्साह को बढ़ाकर आपकी सेवा करना हमारा प्रमुख लक्ष्य है। ज्योतिष के मूल्यवान ज्ञान की मदद से हमें आपकी सेवा करने का मौका मिलने पर खुशी होगी।