रणकपुर जैन मंदिर, राजस्थान
रणकुपर जैन मंदिर राजस्थान के पाली जिले में स्थित है। ये मंदिर ऐसी खूबसूरती का उदाहरण है जो अरावली पर्वत की घाटियों के बीच रणकपुर में स्थित है। जैनियों के मंदिर ज्यादा विशाल ही बने होते हैं लेकिन ये विशालता में सबसे ऊपर है। रणकपुर जैन मंदिर चतुर्मुखी मंदिर है। ये चारों ओर जंगलों से घिरा है। रणकपुर में इस मंदिर की शोभा को देखने के लिए दूर-दूर से आते हैं। ये बड़ा पर्यटन स्थल है जो विश्व भर में प्रसिद्ध है। आइए जानते हैं रणकपुर जैन मंदिर की खास बातें
मंदिर का इतिहास
रणकपुर जैन मंदिर का निर्माण 15वीं शताब्दी में राणा कुंभा ने कराया था। राणा कुंभा के शासनकाल में इस मंदिर का निर्माण हुआ इसलिए इसे रणकपुर नाम दिया गया। ऋषभदेव को समर्पित यह मंदिर काफी प्राचीन है। कहा जाता है कि 1446 विक्रम संवत में इस मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हुआ था। जो 50 साल से भी ज्यादा सालों तक चला। मंदिर की भव्यता को सभी आश्चर्य में डाल देती है इस मंदिर के निर्माण में 99 लाख रुपए का खर्च हुआ था।
रणकपुर जैन मंदिर की अद्भुत संरचना
इस मंदिर में चार प्रवेश द्वार है। मुख्य ग्रह में तीर्थंकर आदिनाथ की संगमरमर की चार विशाल मूर्तियां है। जो 72 इंच ऊंची है। ये चारों मूर्तियां अलग-अलग दिशाओं की ओर उन्मुख है। यही कारण है कि इसे चतुर्मुख मंदिर कहा गया है। इस मंदिर में प्रमुख विशेषता के सैकड़ों खंभे हैं। जिनकी संख्या करीब 1444 है। मंदिर की बड़ी सुंदरता से नक्काशी की गई है। मंदिर में 76 छोटी बड़ी गुंबदनुमा पवित्र स्थान बने हैं। साथ ही चार बड़े प्रार्थना कक्ष और चार बड़े पूजा स्थल भी मंदिर में स्थित है।
मंदिर के निर्माताओं मंदिर में कुछ ऐसे तहखाने बनाए हैं। जिनमें संकट के समय पवित्र मूर्ति को सुरक्षित रखा जा सकता है। मंदिर के उत्तर में रायन पेड़ स्थित है और संगमरमर के टुकड़े पर भगवान ऋषभदेव के पदचिन्ह भी बने हुए हैं। रणकपुर जैन मंदिर के परिसर में नेमीनाथ और पार्शवनाथ जी के दो मंदिर भी स्थापित हैं। जिन्हें बेहद अद्भुत तरीके नक्काशा गया है। यहां मां अंबे का भी एक मंदिर बना है। जो जैन मंदिर से 1 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
मंदिर खुलने का समय
मंदिर हर रोज पर्यटकों के लिए दोपहर 12:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक खोला जाता है। यहां पर लाखों की संख्या में पर्यटक आते हैं। इस मंदिर की खुबसूरती को देखकर दंग रह जाते हैं।
कैसे पहुंचे
रणकुर पहुंचने के लिए आप रेल,सड़क और हवाई मार्ग से जा सकते हैं।
रेल मार्ग- यहां सबसे नजदीकी रेल स्टेशन उदयपुर में है। साथ ही रणकपुर के सभी मार्गों पर रेल सुविधा भी उपलब्ध है।
सड़क मार्ग- हर जगह से उदयपुर के लिए बस सुविधा दी जाती है। उदयपुर से रणकपुर पहुंचने के लिए टैक्सी और बस भी चलती है।
हवाई मार्ग- यहां का नजदीकी हवाई अड्डा उदयपुर है। दिल्ली, मुंबई जैसे बड़े शहरों से उदयपुर के नियमित हवाई यात्रा उपलब्ध रहती है।
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