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ग्रह दोष के कारण विवाह में हो रही है देरी तो इन उपायों से आपकी शादी के उत्पन्न हो सकते हैं अच्छे योग 


Friday, 19 March 2021
ग्रह दोष के कारण विवाह में हो रही है देरी तो इन उपायों से आपकी शादी के उत्पन्न हो सकते हैं अच्छे योग

  ग्रह दोष के कारण विवाह में हो रही है देरी तो इन उपायों से आपकी शादी के उत्पन्न हो सकते हैं अच्छे योग 

 

  ग्रह दोष के कारण

 

 कई बार जातक या किसी व्यक्ति के साथ ऐसा होता है कि उसका विवाह नहीं हो पा रहा होता है, विवाह में लगातार देरी हो रही होती है या फिर लगातार रिश्ते टूटते हुए नजर आते हैं जब किसी व्यक्ति के जीवन में ऐसा होता है तो वह काफी निराश और हताश हो जाता है लेकिन आपको बता दें कि यह सब ग्रहों की चाल और दशा के कारण हो रहा होता है।  यदि व्यक्ति को सही ज्ञान हो और सही समय पर ज्योतिषाचार्य या एस्ट्रोलॉजर मिल जाएं तो वह ग्रह दोष से उत्पन्न हो रही दिक्कतों को आसानी से दूर करवा सकता है।  कोई भी लड़का या लड़की जो पढ़े लिखे और योग्य होने के बावजूद उनकी शादी नहीं हो पा रही हैं तो समझिये उनकी कुंडली में दोष मौजूद हैं।  ज्योतिष विद्या में ऐसे कई योग बताए गए हैं जिनसे की विवाह में देरी हो रही होती है या शादी लगातार टूटती हुई नजर आती हैं या फिर विवाह के समय बाधाएं उत्पन्न होती रहती हैं।  

 

कुंडली के इन योग या दोष के कारण होती हैं विवाह में देरी 

 

कुंडली में सातवें भाव में अगर बुध और शुक्र दोनों हो तो विवाह की बातें होती रहती है लेकिन विवाह की यह बातें जल्द ही टूटती हुई नजर आती है।  जातक के पास रिश्ते तो आते हैं लेकिन यह रिश्ते बनते हुए नजर नहीं आते हैं लगातार ऐसा होने से जातक को अपने अंदर कमियां दिखने लगती हैं। लेकिन यह सब सातवें घर में  बुध और शुक्र के बैठे होने के कारण आने वाली  दिक्कतें होती हैं।  

 

लग्न भाव जो कि लग्न कुंडली में पहला घर है उसके अंदर यदि मंगल बैठे हो या चौथे भाव में मंगल बैठे हो अथवा सातवें भाव में शनि हो तो उस व्यक्ति के जीवन में शादी विवाह से जुड़ी हुई समस्याएं लगातार बनी हुई रहती हैं। अच्छे अच्छे रिश्ते भी टूटते हुए दिखते हैं जहां पर ऐसा लगेगा कि अब बात बन जाएगी तो वहां पर भी बात बिगड़ती हुई नजर आएगी।  लग्न में यदि मंगल बैठा हो तो ऐसे जातक के विवाह में काफी दिक्कतें आती हैं।  

 

लग्न में सातवें घर के अंदर यदि शनि और बृहस्पति बैठे हो तो शादी बहुत देर से होती हुई दिखती है।  सातवें घर में शनि और बृहस्पति को भी शुभ नहीं माना गया है लेकिन शादी के बाद वैवाहिक जीवन में दिक्कतों का आना कम हो जाता है लेकिन शादी बहुत देर से होती हुई दिखती है।  

 

कुंडली में जिस घर में चंद्रमा बैठे हो उससे सप्तम भाव में यदि बृहस्पति बैठे हो तो शादी में देरी होती हुई नजर आती है या जातकों के विवाह संबंधी जो भी कार्य हो रहे होते हैं उनमें समस्याओं का सामना करना पड़ता है।  

 

कुंडली में सातवें घर के अंदर यदि कोई शुभ ग्रह नहीं हो या योग कारक ग्रह नहीं बैठा हो तो विवाह में देरी होती हुई नजर आती है।  

 

सूर्य, मंगल या बुध लग्न में बैठे हो या फिर यह ग्रह लग्न के स्वामी पर दृष्टि डाल रहे हो अथवा बारहवें घर में बृहस्पति बैठे हो तो भी जातक के विवाह में बहुत देरी होती है।  जातक का विवाह बड़ी मुश्किल से होता हुआ नजर आता है।  

 

पहला भाव , सातवां भाव और बारहवें भाव में बृहस्पति बैठे हो और उसके साथ में कोई भी शुभ ग्रह योग कारक ना हो अथवा चंद्रमा कमजोर हो, तो भी जातक का विवाह काफी देरी से होता है। 

 

महिला की कुंडली में यदि सातवां घर यह सातवां भाव शनि से पीड़ित हो तो भी विवाह बहुत मुश्किल से होता हुआ नजर आता है।  

 

सातवां घर यदि राहु से पीड़ित हो या राहु की दशा हो तो उस स्थिति में भी जातक के शादी से जुड़े मामलें और रिश्ते टूटते नज़र आते हैं। 

 

यदि आपके साथ भी ऐसा हो रहा है तो आपको ग्रह दोष दूर करने के लिए कुछ उपाय करने चाहिए।  यह उपाय “एस्ट्रो पंडित जी” के ज्योतिषाचार्य कुछ उपाय बता रहे हैं जिनको करने से आपको राहत मिलेगी। 

 

विवाह संबंधी जो भी दिक्कतें आपके जीवन में आ रही हो उनके लिए कुछ उपाय हैं जैसे शिव जी के साथ माता पार्वती जी की लगातार पूजा करनी चाहिए।  ऐसी स्त्रियां या लड़कियां जिनकी शादी लगातार टूट रही हो या फिर शादी के रिश्ते नहीं बन पा रहे हो तो उनको माता पार्वती की भगवान शिव के साथ पूजा करने से लाभ प्राप्त होता है।  

 

भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी जी की एक साथ पूजा करना और लगातार उनके व्रत करना भी जातक के लिए लाभकारी साबित हो सकता है और उनकी मनोकामनाएं पूरी होती हुई नजर आ सकती हैं।  

 

ऐसे जातकों को बृहस्पति, सूर्य और मंगल इन तीनों ग्रहों की लगातार पूजा करनी चाहिए जिनकी कुंडली में विवाह के योग नहीं बन रहे हो समय-समय पर इनके उपाय करने से लाभ प्राप्त होता हुआ नजर आता है।  

 

भगवान गणेश की नित्य रोज पूजा करना, बुधवार के दिन भगवान गणेश के लिए व्रत करना और  गणेश जी को लगातार 21 बुधवार को, मंदिर जाकर नारियल और लड्डू का भोग लगाने से भी जातक को विशेष लाभ प्राप्त हो सकता है। 

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