Hanuman Aarti Lyrics Hindi : Hnuman Aarti Lyrics - कलयुग के भगवान हनुमान की आरती (Hanuman Ji Aarti) और स्तुति का नित्य रोज प्रतिदिन जाप करने से व्यक्ति के बड़े से बड़े दुख और क्लेश भी दूर होने लगते हैं। घर में यदि लंबे समय से कोई व्यक्ति बीमार है या फिर नकारात्मक शक्ति आपको लगातार परेशान कर रही है तो आपको प्रतिदिन घर में हनुमान जी की आरती (Hanuman Ji Ki Aarti) और स्तुति का जाप करना चाहिए। भगवान हनुमान को यह आशीर्वाद प्राप्त है कि वह जब तक पृथ्वी रहेगी तब तक अपने भक्तों की साक्षात मदद करते रहेंगे और वह पृथ्वी पर ही वास करने वाले हैं। इसी कारण से भगवान हनुमान की कलयुग में उपयोगिता और भी बढ़ जाती है। राम जी के भक्त हनुमान जी (Hanuman Ji) सदैव अपने भक्तों के निकट रहते हैं और कोई भक्त सच्चे दिल से भगवान हनुमान (Hanuman) को बुलाए तो वह कुछ ही समय में अपने भक्तों की मदद के लिए उपस्थित हो जाते हैं। भगवान को प्रसन्न करने और उनको याद करने का एक तरीका आरती भी होती है। मुसीबत के समय भगवान हनुमान की आरती करने से विशेष लाभ प्राप्त होता हुआ नजर आता है।
भगवान हनुमान पराक्रम और बल के देवता रहे हैं। आत्मविश्वास और मनोबल के लिए भी इनकी पूजा करना विशेष फलदाई होता है। ऐसे जातक जिनके अंदर आत्मबल की विशेष कमी रहती है, उनको हर रोज भगवान हनुमान जी की आरती करनी चाहिए और इस आरती के परिणाम स्वरूप भी जातक को मनोबल प्राप्त होता हुआ नजर आता है। ऐसा व्यक्ति जो प्रतिदिन हनुमानजी की पूजा करें वह कभी भी जीवन में हार नहीं मान सकता है। किसी भी तरीके के संघर्ष के लिए वह सदैव तैयार रहेगा। रामायण में भगवान श्री हनुमान ने दिखाया भी है कि किसी भी तरीके के संघर्ष से वह हारे नहीं हैं बल्कि उन संघर्षों का सामना किया है। हनुमान जी की पूजा करने से व्यक्ति को बल प्राप्त होता है और उसी बल की मदद से वह संसार में विजय प्राप्त करता हुआ नजर आता है।
एस्ट्रो ओनली (Download Astroonly Mobile App) आपके लिए भगवान हनुमान जी की आरती लेकर आया है, इस आरती को प्रतिदिन आप पढ़ें और अपने बच्चों को भी पढायें। आरती को सुनने से नहीं बल्कि जाप करने से ही फल प्राप्त होते हैं।
आरती कीजै हनुमान लला की ।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥
जाके बल से गिरवर काँपे ।
रोग-दोष जाके निकट न झाँके ॥
अंजनि पुत्र महा बलदाई ।
संतन के प्रभु सदा सहाई ॥
दे वीरा रघुनाथ पठाए ।
लंका जारि सिया सुधि लाये ॥
लंका सो कोट समुद्र सी खाई ।
जात पवनसुत बार न लाई ॥
लंका जारि असुर संहारे ।
सियाराम जी के काज सँवारे ॥
लक्ष्मण मुर्छित पड़े सकारे ।
लाये संजिवन प्राण उबारे ॥
पैठि पताल तोरि जाग कारे ।
अहिरावण की भुजा उखारे ॥
बाईं भुजा असुर संहारे ।
दाईं भुजा सब संत उबारें ॥
सुर नर मुनि जन आरती उतरें ।
जय जय जय हनुमान उचारें ॥
कचंन थाल कपूर की बाती ।
आरती करत अंजनी माई ॥
जो हनुमानजी की आरती गावे ।
बसहिं बैकुंठ परम पद पावे ॥
लंक विध्वंस किये रघुराई ।
तुलसीदास स्वामी कीर्ति गाई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥
Aarti Kije Hanuman Lala Ki (x2)
Aarti Kije Hanuman Lala Ki (x2)
Dusht Dalan Ragunath Kala Ki
Aarti Kije Hanuman Lala Ki....(x2)
Ja Ke Bal Se Giriver Kaanpe
Rog Dosh Ja Ke Nikat Na Jhaanke
Anjani Putrr Mahabaldayi
Santan Ke Prabhu Sada Suhayi
Aarti Kije Hanuman Lala Ki....(x2)
De Beeraa Raghunath Pathaye
Lanka Jaari Siya Sudhi Laiye
Lanka 100 Kott Samundra Se Khayi
Jaat Pavan Sut Baar Na Layi
Lanka Jaari Asur Sanghare
Siya Ramji Ke Kaaj Sanvare
Aarti Kije Hanuman Lala Ki....(x2)
Lakshman Moorchit Parhe Sakare
Aan Sajivan Pran Ubhaare
Paith Pataal Tori Yamkare
Ahiravan Ke Bhuja Ukhaare
Baayen Bhuja Asur Dal Mare
Dahini Bhuja Sant Jan Taare
Aarti Kije Hanuman Lala Ki....(x2)
Surnar Muni Aarti Utare
Jai Jai Jai Hanuman Uchaare
Kanchan Thaar Kapur Lo thari
Aarti Karat Aajana Mai
Jo Hanuman Ki Aarti Gaave
Basi Baikuntha param Padh Pave
Aarti Kije Hanuman Lala Ki....(x2)
Aarti Kije Hanuman Lala Ki....(x2).
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