भारत में असंख्य चमत्कारी मंदिर मौजूद हैं। सभी मंदिर की कहानियां एक से एक बढ़कर होती हैं। आज हम आपको माता के एक ऐसे ही चमत्कारी मंदिर की कहानी बताने वाले हैं जिसके आगे अंग्रेजी हुकूमत भी हार मानती हुई नजर आई थी। अंग्रेजों ने पूरी कोशिश की थी कि इस मंदिर का निर्माण ना हो पाए और माता के इस मंदिर को रोकने का पूरा प्रयास किया गया था लेकिन माता के चमत्कार ने अंग्रेजी हुकूमत को भी अपने आगे झुकने पर मजबूर कर दिया था।
इस मंदिर की कहानी इतिहास में दर्ज है। हम बात कर रहे हैं दिलदार नगर रेलवे स्टेशन की जो कि गाजीपुर में स्थित है। यहाँ प्लेटफार्म चार के आसपास रेलवे लाइन के बीच एक मदिर बना हुआ है। इस मंदिर का नाम, सायर माता का एक मंदिर है। मंदिर में दर्शन और माता का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए हजारों की संख्या में दूर-दूर से लोग आते हैं। गाजीपुर का यह मंदिर आस्था का मुख्य केंद्र बोला जा सकता है। माता की महिमा भी यह फलदायी बताई जाती है।
जानिये आपका भविष्यफल, क्या बोल रहे हैं आपके सितारे
यहां आने पर बड़ी से बड़ी मुराद भी पूरी होती हुई दिखती हैं इसीलिए दूर-दूर से लोग यहां पर आते हैं और माता का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। रेल लाइनों के बीच में सायर माता की चमत्कारी कहानियां काफी प्रचलित हैं। बोला जाता है जब अंग्रेजी शासनकाल भारत में था उस समय प्लेटफार्म संख्या 4 पर लाइनें बिछाने का काम चल रहा था। अंग्रेज रेल इंजीनियर यहां पर काम करा रहे थे। इस अंग्रेज इंजीनियर का नाम प्लेटियर साहब था। वह कुछ लोगों को ले जाकर रेलवे स्टेशन के आसपास की जंगली झाड़ियों को साफ करा रहा था। यहां पर रेल लाइन बिछाई जानी थी इसीलिए कटीले पेड़ पौधों की कटाई चल रही थी तभी यहां पर एक विशालकाय नीम का पेड़ नजर आया जिसके नीचे एक छोटी सी मिट्टी की पिंडी बनी हुई थी। इस बात की जानकारी मजदूरों ने अपने अधिकारी को दी थी। मजदूरों की बात अनसुनी करते हुए पेड़ को काटने का आदेश दिया गया था। मजदूरों ने पेड़ काटने के लिए कुल्हाड़ी चलाई तो उस तने से खून जैसा लाल द्रव्य पदार्थ निकलता हुआ सभी ने देखा था और मजदूर वहां से भाग खड़े हुए थे।
अगले दिन खबर मिलती है कि जिन मजदूरों ने पेड़ काटने का प्रयास किया था वह बिना किसी कारण के ही अगले दिन मरे हुए मिले थे। यह बात आसपास के लोगों में फैल चुकी थी और लोग समझ चुके थे कि इस पेड़ पर निश्चित रूप से कोई दैवीय शक्ति विराजमान है लेकिन अंग्रेज उस समय इस बात को अंधविश्वास मानकर पेड़ को काटना चाहते थे।
अंग्रेज अधिकारी ने अंधविश्वास मानकर अगले दिन पेड़ काटने का प्रयास तो किया लेकिन तभी खबर मिलती है कि उसके 5 वर्षीय पुत्र की मौत हो चुकी है। इसके बाद दूसरे दिन मां ने उस अंग्रेज अधिकारी को स्वप्न में दर्शन दिए और पेड़ पर अपना वास होने का सपने में बताया। अंग्रेज अधिकारी ने सारी बात अपनी पत्नी को बताई और पत्नी के काफी बोलने के बाद पेड़ को नहीं काटा गया था।
रेलवे लाइन को यहाँ पेड़ से टेड़ा करके बिछाया गया और बाद में यहाँ सायर माता का मंदिर बनाया गया, आप भी अगर कभी यहाँ जाए तो माता के मंदिर में माथा जरूर टेकर आये।
जानिये आपका भविष्यफल, क्या बोल रहे हैं आपके सितारे
एस्ट्रो ओनली की मोबाइल ऐप डाउनलोड करें- Clink on This Link
अन्य सम्बंधित लेख
एशिया का सबसे ऊँचा शिव मंदिर, बिगड़ी बनाने वाला शिव के अलावा कौन है
ज्योतिष के क्षेत्र में शानदार सेवाओं के कारण एस्ट्रो ओनली एक तेजी से प्रगतिशील नाम है। एस्ट्रो केवल ज्योतिष के क्षेत्र में दिन-प्रतिदिन लोकप्रियता की नई ऊंचाइयों को प्राप्त कर रहा है। प्रामाणिक और सटीक भविष्यवाणियों और अन्य सेवाओं के कारण इस क्षेत्र में हमारा ब्रांड प्रमुख होता जा रहा है। आपकी संतुष्टि हमारा उद्देश्य है। अपने जीवन में सकारात्मकता और उत्साह को बढ़ाकर आपकी सेवा करना हमारा प्रमुख लक्ष्य है। ज्योतिष के मूल्यवान ज्ञान की मदद से हमें आपकी सेवा करने का मौका मिलने पर खुशी होगी।