स्वामी नारायण अक्षरधाम मंदिर, दिल्ली
स्वामी नारायण अक्षरधाम मंदिर दुनिया का सबसे विशाल हिंदू परिसर है। ये मंदिर नई दिल्ली में स्थित है बड़ा ही अनोखा सांस्कृतिक तीर्थ है। जिसे देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते है। अक्षरधाम मंदिर बाकि मंदिरों से बिल्कुल अलग है। इसकी कई विशेषताएं है जो इस मंदिर को अलग साबित करती हैं। आइए जो जानते हैं अक्षरधाम मंदिर के बारे में
अक्षरधाम मंदिर
अक्षरधाम मंदिर का परिसर 100 एकड़ भूमि में फैला हुआ। अक्षरधाम को दुनिया का सबसे बड़ा विशाल हिंदू मंदिर परिसर होने के नाते 26 दिसंबर 2007 तो गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्डस् में शामिल किया गया है। अक्षरधाम गुलाबी पत्थर, बलुआ पत्थरों का मिश्रण और सफेद संगमरमर से बनाया गया है। इस मंदिर को स्टील, लोहे और कंक्रीट के इस्तेमाल के बिना बना है।
5 साल में तैयार हुआ अक्षरधाम मंदिर
अक्षरधाम मंदिर को बनाने के लिए 5 साल का समय लगा था। इसे श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था के प्रमुख स्वामी महाराज के नेतृत्व में बनाया गया। मंदिर को 11 हजार से भी ज्यादा कारीगरों की मदद से बनाया गया।
मंदिर में स्वामीनारायण की 11 फुट ऊंची मूर्ति है। साथ ही सीता-राम, राधा-कृष्ण, लक्ष्मी-नारायण और शिव पार्वती की मूर्तियां भी मंदिर में स्थापित है। मंदिर में सभी मूर्ति पंच धातु से बनी है। अक्षरधाम मंदिर बहुत है दिव्य है इसमें बेहद आर्कषक 234 स्तंभ और नौ गुंबद बने है जिनकी बारिकी से नक्काशी की गई है। आपको जानकर आश्चर्य होगा अक्षरधाम को 20000 मूर्तियों के साथ सजाया गया है। यहीं नहीं अक्षरधाम में 3000 टन वजन वाले 148 हाथियों की मूर्तियां भी स्थापित है। क्षेत्रफल की दृष्टि से मंदिर 86342 वर्ग फुट परिसर में फैला है। ये 356 फुट लंबा और 316 फुट चौड़ा जबकि 141 फुट ऊंचा है।
मंदिर परिसर में दर्शन स्थल
मंदिर में देखने योग्य बहुत ही अद्भुत चीजें हैं जो इस मंदिर को सबसे विचित्र बनाती है। मंदिर परिसर में दर्शनीय स्थल अभिषेक मंडप, सहज आनंद वाटर शो और एक उद्यान है और यहां तीन हॉल, भारत का बगीचा, नीलकंठ दर्शन, संगीतमय फव्वारा, संस्कृत दर्शन और सहजानंद दर्शन भी है।
मंदिर में इनके अलावा भी कुछ दर्शनीय स्थल जिसमें शामिल है दस गेट, भक्ति द्वार, मयूर द्वार मंडोवर, पैरों के निशान और गजेंद्र पीठ
अक्षरधाम मंदिर की विशेषताएं
नीलकंठ दर्शन
नीलकंठ दर्शन के नाम से अक्षरधाम मंदिर के थिएटर में एक शो किया जाता है। मंदिर का थिएटर दिल्ली की पहली और सबसे बड़ी स्क्रीन है। जिसकी माफ 85 फुट लंबी और 65 फुट चौड़ी है। इस शो में स्वामीनारायण जी की किशोरावस्था के दौरान पूरे भारत में कई गई सात साल की तीर्थयात्रा केवल 40 मिनट में दिखाई जाती है। बता दें कि इस फिल्म को भारत में 108 जगहों पर शूट किया था और इसकी शूटिंग में 45 हजार लोगों ने भाग लिया था।
सहजानंद दर्शन
सहजानंद दर्शन या हॉल ऑफ वैल्यूज में रोबोटिक्स और डायोरमास द्वारा स्वामीनारायण के जीवन की घटनाओं का प्रदर्शन किया जाता है।
संस्कृत विहार
इसमें में बोट राइड में 12 मिनट की यात्रा में भारत के 10 हजार साल के इतिहास के बारे में बताया जाता है। जो भारत के पारिवारिख जीवन, विज्ञान, योग, कला और साहित्य आदि को दर्शाता है।
संगीतमय फव्वारा
मंदिर में हर शाम को दर्शनीय फव्वारे का आयोजन किया जाता है। ये शो 24 मिनट का होता है। जिसमें मल्टी-कलर लेज़र, पानी के नीचे की लपटें, ध्वनि का मनोरम संगम और जन्म-मृत्यु चक्र का भी उल्लेख किया जाता है।
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