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विनायक चतुर्थी व्रत का महत्व


Saturday, 20 March 2021
विनायक चतुर्थी व्रत का महत्व

विनायक चतुर्थी 2021
हिंदू धर्म में किसी भी शुभ काम की शुरुआत से पहले भगवान गणेश जी का पूजन किया जाता है। दरअसल, भगवान गणेश को प्रथम पूजनीय माना जाता है क्योंकि उन्हें भगवान विष्णु ने वरदान दिया था कि जब भी कोई शुभ कार्य या पूजन किया जाएगा तो श्री गणेश का प्रथम पूजन होगा और जो भी गणेश जी का प्रथम पूजन करेगा उसके सभी काम पूर्ण होंगे। आज हम आपको श्री गणेश भगवान के विनायक चतुर्थी व्रत के बारे में बताने जा रहे हैं। आइए जानते हैं विनायक चतुर्थी 2021 के बारे में...

आपको बता दें कि 1 महीने में दो बार गणेश चतुर्थी आती है। पूर्णिमा के बाद आने वाली पहली गणेश चतुर्थी कृष्ण पक्ष में आती है। जिसे संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है और अमावस्य के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं। विनायक चतुर्थी के बारे में आज हम आपको विस्तार से बताएंगे कि इसका किस प्रकार से व्रत आदि किया जाता है।

श्रावण मास विनायक चतुर्थी 2021
जैसा कि हमने आपको बताया कि विनायक चतुर्थी हर महीने मनाई जाती है और हम आपको 2021 में श्रावण मास की विनायक चतुर्थी के बारे में बताने जा रहे हैं। सावन मास में विनायक चतुर्थी 12 अगस्त को मनाई जाएगी।

विनायक चतुर्थी  व्रत मुहूर्त
विनायक चतुर्थी का व्रत करने के लिए शुभ समय सुबह 11:06 बजे से दोपहर 1:45 बजे तक है।


कैसे करें विनायक चतुर्थी का व्रत
विनायक चतुर्थी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर शौच आदि से निवृत्त होकर स्नान  करके लाल वस्त्र धारण करें।

मंदिर में या घर पर ही भगवान श्री गणेश की मूर्ति स्थापित करें और भगवान श्री गणेश को चांदी की थाल में बैठाएं।

श्री गणेश के पूजन के लिए थाली में नारियल, मोदक, दुर्वा, चावल, ज्योति और रोली आदि रखें।

सबसे पहले भगवान श्री गणेश का लाल रंग की रोली का तिलक करें और उनका तिलक करने के बाद अपने माथे पर तिलक लगाएं।

उसके बाद भगवान गणेश को नारियल चढ़ाएँ और दुर्वा भी अर्पित करें। आपको बता दें कि दुर्वा दूव घास को कहते हैं। जो भगवान गणेश को अति प्रिय है इसीलिए ही विनायक चतुर्थी को दुर्वा गणपति व्रत भी कहते हैं।

पूजन करते समय ओम गण गणपतए नमः मंत्र से 101 बार जाप करें।

 

श्री गणेश की चालीसा पढ़ें और उसके बाद पूजा पाठ संपन्न करके आरती करें।

आरती के पश्चात भगवान श्री गणेश को मोदक का भोग लगाएं और उसके बाद मोदक के प्रसाद को सभी को बांट दें।

यदि आप अपने परिवार के साथ भगवान श्री गणेश का पूजन करते हैं तो आप की हर एक मनोकामना पूर्ण होती है और भगवान श्री गणेश प्रसन्न हो जाते हैं।

व्रत के दिन शाम को भगवान श्री गणेश की आरती करके उन्हें भोग लगाएं और खुद भी भोजन करें।

इस दिन गाय माता को भोजन कराने  का बड़ा ही महत्व बताया गया है इसलिए आप भी गाय माता को भोजन खिलाएं।

गरीबों को अन्न दान करने से भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं और दीर्घायु करते हैं।

 

विनायक चतुर्थी व्रत का महत्व
भगवान श्री गणेश को विघ्नहर्ता कहा जाता है क्योंकि भगवान गणेश सभी के दिन दुख हर लेते हैं और जो इनका व्रत सच्चे दिल से करता है। उसकी हर एक मनोकामना पूर्ण होती है।

यदि आप कोई मन्नत मांगते हैं तो भगवान गणेश के व्रत करने के लिए बोल दें और फिर मन्नत पूरी होने के बाद व्रत को श्रद्धा पूर्वक करें।

श्री गणेश का व्रत करने से मनोवांछित फल मिलता है और किसी भी काम में कोई रुकावट नहीं उत्पन्न होती।

विनायक चतुर्थी के व्रत का बड़ा ही महत्व माना गया है। कहा जाता है कि इस व्रत के करने मात्र से ही जीवन में आने वाले संकटों का संकेत मिल जाता है और भगवान गणेश उन संकटों को खुद ही टाल देते हैं।

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