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Daridra Yoga - जन्मकुंडली में दरिद्र योग कैसे बनता है? - AstroOnly.com


Friday, 09 July 2021
Daridra Yoga

Daridra Yoga - जन्मकुंडली में दरिद्र योग 

आजकल दरिद्रता बढ़ती हुई नजर आ रही है और गरीबों की संख्या अब अमीरों की संख्या से ज्यादा होती हुई दिख रही है। बहुत सारे व्यक्ति लगातार दुखी रहते हुए नजर आते हैं और वह प्रयास करते हैं कि उस कारण का पता कर पाए कि वह कौन सा कारण है जिसकी वजह से उनकी दरिद्रता गरीबी दूर नहीं हो पा रही।

ज्योतिष शास्त्र में उन कारणों का जिक्र किया गया है कि आखिर किन कारणों से गरीबी व्यक्ति को परेशान करती है और व्यक्ति परेशान होता हुआ नजर आता रहता है। इस बात को दरिद्र योग या फिर ज्योतिष शास्त्र में दुखदाई योग भी बोला जाता है। तो आइए जानते हैं कि किन ग्रहों के कारण ऐसी परिस्थितियां बनती है कि व्यक्ति गरीब रहता है और लक्ष्मी का वास ऐसे व्यक्ति के पास नहीं पाया जाता है। एस्ट्रोलॉजर पंडित चंद्रकांत सारस्वत आपको बता रहे हैं दरिद्र योग का निर्माण कुंडली में कैसे होता है। (यहाँ क्लिक करके बात कीजिये एस्ट्रोलॉजर जी से घर बैठे हुए)

 

कुंडली में दरिद्र योग | गरीबी का योग

कारण नंबर 1- कुंडली में यदि सूर्य मेष राशि के साथ हो यानी की मेष राशि का सूर्य हो और इसके साथ-साथ नवमांश कुंडली में यही सूर्य तुला राशि का हो जाए तब यह दरिद्र योग बनता है। ऐसे व्यक्ति के पास पैसा तो आता है लेकिन वह रूक नहीं पाता या फिर लक्ष्मी बिल्कुल रूठी हुई नजर आती हैं।

कारण नंबर 2- कुंडली में यदि सूर्य परम नीच के होते हैं तो उस स्थिति में भी वह व्यक्ति दरिद्र योग से पीड़ित होता है। उससे लक्ष्मी रूठी हुई रहती है और कर्जा बहुत अधिक बढ़ता हुआ नजर आता है। सूर्य यदि केवल नीच के हो तो भी उस स्थिति में व्यक्ति धन की वजह से परेशान होता हुआ दिखता है। 

कारण नंबर 3- शास्त्र बताते हैं कि यदि कुंडली में सूर्य और चंद्रमा सातवें स्थान पर बैठे हो और उनके ऊपर कहीं ना कहीं से शनि का संबंध बन रहा हो या फिर शनि से दृष्टि हो तो ऐसा व्यक्ति भी दरिद्रता रहता हुआ नजर आता है। उस व्यक्ति के हिस्से में लक्ष्मी कभी नहीं आ पाती हैं। 

कारण नंबर 4- व्यक्ति की कुंडली में यदि चंद्रमा और मंगल मेष राशि में हो और उसके ऊपर सूर्य पूरी तरीके से दृष्टि डाल रहे हो तो उस स्थिति में भी दरिद्र योग का निर्माण कुंडली में होता हुआ नजर आता है। ऐसा व्यक्ति दुखदाई भी साबित होता है।

कारण नंबर 5- यदि व्यक्ति की कुंडली में शनि केंद्र में हो केंद्र के स्थान 1,4, 10 में हो, चंद्रमा लग्न में हो और बृहस्पति द्वादश स्थान पर बैठे हुए हो तो भी ऐसा व्यक्ति दरिद्र होता हुआ नजर आता है। ऐसे व्यक्ति के पास अचानक से ही पैसा गायब होता हुआ दिखता है।

कारण नंबर 6- कुंडली में यदि दशम स्थान, दसवें स्थान पर पाप ग्रहों और उसके ऊपर किसी भी अच्छे शुभ ग्रह की दृष्टि नहीं पड़ती हो तो भी उसी स्थिति में दुखदाई योग का निर्माण कुंडली में होता हुआ दिखता है।

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