शनि की साढ़ेसाती के लक्षण-
जिस राशि पर शनि की साढ़ेसाती होती है उसे आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
आमदनी कम हो जाती और खर्चा बढ़ने के कारण बजट डगमगा जाता है।
नींद कम आती है और दिन प्रतिदिन चिताएं बढ़ती जाती हैं।
भविष्य की योजनाएं स्वत: ही असफल हो जाती हैं।
पति-पत्नी में लड़ाई झगड़े बढ़ने के कारण दांपत्य जीवन अव्यवस्थित हो जाता है।
मानसिक चिंताएं बढ़ने के कारण स्वास्थ्य खराब रहने लगता है।
युवाओं को घर से दूर रहने के लिए मजबूर होना पड़ता है।
शनि के प्रकोप के कारण लंबी-लंबी यात्राओं पर जाना पड़ता है।
अपने मित्र सहायता करने के लिए मना कर देते हैं और रिश्तेदार भी साथ छोड़ देते हैं।
संतान की ओर से सुख मिलने की बजाएं दुखों का पहाड़ टूटने लगता है।
साढ़ेसाती दोष के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें-
जब किसी मनुष्य पर साढ़ेसाती दोष लग जाता है तो इन कार्यों से बिल्कुल दूर हो जाना चाहिए।
कभी भी अकेले यात्रा करने ना जाएं और वाहन सावधानी से चलाएं।
बुरे काम और शराब आदि से दूर रहें।
विवादों के समय अपना मत रखने से बचें।
धार्मिक गतिविधियों में भाग लें और भजन कीर्तन में ध्यान लगाएं।
साढ़ेसाती दूर करने के उपाय
इस दोष को दूर करने के लिए शनिदेव को प्रसन्न करना आवश्यक है।
हर शनिवार को शनि की शिला पर तेल चढ़ाएं और सूर्य उगने से पहले और सूर्य उगने के बाद पीपल पर तेल की जोत जलाएं। साथ पीपल पर साबुत उड़द और गुड भी चढ़ाएं।
शनिवार को गरीब और जरूरतमंदों को भोजन खिलाएं। सरसों का तेल, कपड़े, कंबल, लोहे का सामान आदि चीजों का दान करें।
शनि चालीसा और शनि स्त्रोत का पाठ प्रतिदिन अपने परिवार के साथ करें।
भगवान शिव को खुश करने से शनिदेव भी खुश हो जाते हैं इसलिए भगवान शिव को खुश करने का प्रयास करें।
गाय को भोजन कराएं और चीटियों को शहद और चीनी से जिमाएं।
बड़ों का सम्मान करें और माता पिता की सेवा करें।
41 दिन तक सच्ची श्रद्धा और भक्ति से श्री शनिदेव के व्रत रखें।
हर रोज 101 बार ओम श: शनिश्चराय नमः का जाप करें।
जिस मनुष्य की कुंडली में ये दोष हो उसे शनिवार के दिन काले रंग के चमड़े के जूता या चप्पल मंदिर में छोड़कर आना चाहिए।
मंदिर चप्पल छोड़ते समय भूल कर भी मुड़ कर पीछे ना देखें।
इन उपायों को करने से भगवान शनिदेव आप पर जरूर प्रसन्न होंगे और आपकी कुंडली से साढ़ेसाती दोष दूर होकर खुशियां फिर से आपके घर लौट आएंगी।