प्रीमियम ज्योतिषियों से बात करें
अभी कॉल करे
Mars Banner

वक्री मंगल

अक्सर आपने सुना होगा की कुंडली में बैठे ग्रह वक्री हो जाते हैं जो मनुष्य के जीवन को बर्बाद कर देते हैं तो कुछ ग्रह आबाद भी करते हैं। आज हम आपको सबसे पहले यह बताएँगे कि वक्री ग्रह होता क्या है साथ ही बताएँगे कि मंगल ग्रह के वक्री होने पर मनुष्य के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है।

ग्रह के वक्री होने का मतलब

जब राशि में स्थित ग्रह उल्टी दिशा में चलने लगता है तो ऐसे ग्रह का व्यवहार उग्र हो जाता है। और ग्रह की इसी अवस्था को उल्टी दिशा में गति करने की स्थिति को वक्री कहा जाता है।

मंगल ग्रह के वक्री होने पर मनुष्य के जीवन पर प्रभाव

जब किसी राशि में मंगल वक्री हो जाता है तो मनुष्य के जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। मनुष्य बहुत ज्यादा वहम करने वाला, क्रोधी, उग्र और चिड़चिड़े स्वभाव का हो जाता है।

मंगल वक्री होने पर व्यक्ति पर आलस्य हावी होने लगता है। वह अपने काम को अच्छी प्रकार से नहीं कर पाता साथ ही , उसके जीवन में बुरा समय शुरू हो जाता है क्यूंकि उसका खुद पर नियंत्रण नहीं रहता है।

मंगल ग्रह की वक्री होने पर कुंडली के 12 घरों पर अलग-अलग प्रकार से असर डालता है आइए जानते हैं सभी 12 भाव पर वक्री मंगल का प्रभाव

कुंडली का पहले घर में वक्री मंगल

जब प्रथम भाव में मंगल वक्री होता है तो ऐसे व्यक्ति झूठ बोलने लगता हैं। विपरीत लिंग के प्रति उसका आकर्षण बढ़ता है। ऐसे व्यक्ति में अहंकार उत्पन्न हो जाता है और स्वयं को सब कुछ समझने की भूल करने लगता है।

कुंडली का दूसरे घर में वक्री मंगल

जब मंगल वक्री द्वितीय भाव में स्थित होता है तो व्यक्ति को गलत काम को करने के लिए प्रेरित होने लगता हैं। ऐसे में वह व्यक्ति पराई स्त्रियों से संबंध रखने लगता है और बिना वजह के भौतिक सुखों में पड़ जाता है। इतना ही नहीं, अपने परिवार के सदस्यों का भी सम्मान नहीं करता।

कुंडली के तीसरे घर में वक्री मंगल

तृतीय भाव में बैठा वक्री मंगल जातक को परिवार जनों का ही सम्मान करना भूल जाता है और एक दूसरे से लड़ाई झगड़ा करने लगता है। परिजनों से मनमुटाव रखता है। ऐसा व्यक्ति अनुशासन को भूल कर अपने आप में घमंडी होने लगता है।

कुंडली के चौथे घर में वक्री मंगल

चतुर्थ भाव में मंगल होने से क्रोधी और हठी हो जाता है। माता-पिता से लड़ाई झगड़ा करना उसका स्वभाव बन जाता है। ऐसा व्यक्ति अपने दोस्तों से बातचीत नहीं करता क्यूंकि उसमें घमंड आ जाता है और वह लोगों को नीचा दिखाने के लिए अग्रसर रहता है।

कुंडली के पांचवे घर में वक्री मंगल

पंचम भाव में, जब मंगल वक्री होता है तो सबसे ज्यादा खतरनाक माना जाता है क्योंकि ऐसी स्थिति में मनुष्य गलत कामों में मन लगाने लगता है। ऐसे व्यक्ति जीवन के सबसे बुरे दिनों से गुजरता है और कई बार तो उसकी पूरी बनाई हुई मान प्रतिष्ठा खराब हो जाती है।

कुंडली के छठे घर में वक्री मंगल

षष्टम भाव का वक्री मंगल की मनुष्य की सेहत संबंधित परेशानियां बढ़ाने लगता हैं। कई बार बड़ी बीमारियों से घिर जाता हैं।

कुंडली के सातवे घर में वक्री मंगल

जब कुंडली में सप्तम भाव में मंगल वक्री होता है तो मनुष्य को आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। साझेदारी में किया गया व्यापार नुकसान देने लगता है। कई बार पार्टनरशिप में धोखा मिलता है और आर्थिक नुकसान हो जाता है। जातक कोर्ट कचहरी के चक्कर में फंस जाता है और मुकदमों से नहीं निकल पाता।

कुंडली के आठवे घर में वक्री मंगल

अष्टम भाव में स्थित वक्री मंगल जातक को मानसिक रूप से कमजोर करता है। छोटी छोटी बातों पर जातक परेशान हो जाता है। दुख की स्थिति का सामना करने की भी उसमें क्षमता नहीं रहती। समाज में मान प्रतिष्ठा की कमी हो जाती है।इतना ही नहीं ,नौकरी और व्यवसाय आदि के काम में मन नहीं लग पाता।

कुंडली के नौवे घर में वक्री मंगल

नवम भाव में वक्री मंगल मनुष्य को छल कपट वाला बनाता है, वह साधु बनकर लोगों को ठगना सिखाता हैं। जातक को उनके लक्ष्य से भटकाने का प्रयास करता है।

कुंडली के दसवे घर में वक्री मंगल

दशम भाव का वक्री मंगल जातक को लक्ष्य से भटकता है। यदि कोई अपना करियर बनाना चाहे तो भी उसमें रुकावट कड़ी कर देता हैं। उसका मन अपनी पढ़ाई में नहीं लग पाता है गुरुजनों से भी वैचारिक मतभेद होने लगता है जिससे उसका करियर बर्बादी की तरफ जाने लगता है।

कुंडली के ग्यारहवे घर में वक्री मंगल

एकादश भाव में वक्री मंगल, जातक की दोस्ती अच्छे लोगों से नहीं करता और जिन लोगों से वह दोस्ती करता है उसका वह कभी साथ नहीं देते और दोस्त बुरा चाहते हैं।ऐसा जातक लोगों से घुलना मिलना पसंद करता हैं किन्तु इसमें उसका नुकसान ही होता हैं।

कुंडली के बाहरवें घर में वक्री मंगल

द्वादश भाव का वक्री मंगल, मनुष्य की जीवन शैली को बिगाड़ देता है। क्रोध करने पर उसे मजबूर करता है। लड़ाई झगड़े बढ़ने लगते हैं और इसका प्रभाव उसके स्वास्थ पर पड़ता हैं। ऐसा व्यक्ति अपनी मनमानी करने पर उतारू रहता है।

Banner1
Banner1
Ad

वक्री बुध ग्रह

picture

ज्योतिषियों से बात करे

क्या आप अपने जीवन में आ रही परेशानियों को लेकर एक सही और अच्छा समाधान खोज रहे हैं। क्या आप अपने व्यवसाय को लेकर परेशान हैं, काफी मेहनत करने के बाद भी, आपका व्यवसाय उस तरीके से मुनाफा नहीं कर रहा है जिस तरीके से आप चाहते हैं। क्या आपको लगातार नौकरी के क्षेत्र में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। क्या आपका पारिवारिक जीवन सही नहीं चल रहा है। ?

आगे पढ़े
picture

वक्री बुध

बुध ग्रह को बुद्धि का ग्रह माना जाता है। इस ग्रह के वक्री होने पर मनुष्य की मानसिकता पर बुरा प्रभाव पड़ता है ।यह ग्रह पूरी तरह से हमारी बुद्धि से संबंधित है। बुध ग्रह के वक्री होने को बड़ा ही अशुभ माना जाता है क्योंकि इससे मानसिकता पर असर पड़ता है और यदि मनुष्य की मानसिकता ही खराब हो जाए तो उसका जीवन बर्बाद हो जाता है आइए जानते हैं वक्री बुध बारे में

आगे पढ़े
picture

वक्री बृहस्पति

किसी भी जातक की कुंडली में बैठे ग्रह की स्थिति यह निर्धारित करती है कि उस जातक के भाग्य में क्या होने वाला है। सामान्य तौर पर सभी ग्रह शुभ और अशुभ दोनों फल देते हैं किन्तु कई ग्रह ऐसे होते हैं जो वक्री होने पर मनुष्य की खुशियां बर्बाद कर देते हैं। मगर वही कुछ ग्रह ऐसे होते हैं यदि वह वक्री हो जाए तो किसी भी मनुष्य को भिकारी से राजा बना सकते हैं। आज हम आपको ग्रहों के गुरु बृहस्पति ग्रह के वक्री होने के प्रभाव के बारे में बताने जा रहे हैं आइए जानते हैं

आगे पढ़े
picture

शुक्र वक्री

ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों का वक्री होना एक महत्वपूर्ण घटना कहलाती है। इस अवस्था में ग्रह आगे की ओर न चलकर पीछे की ओर चलते हैं जिसको वक्री कहा जाता है। शुक्र ग्रह का वक्री होना ज्योतिष शास्त्र के लिए अनूठा रूप होता हैं। इस दौरान शुक्र ग्रह अपनी सामान्य गति से बढ़कर तेजी से कार्य करता है। वैवाहिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इस ग्रह की दशा देखकर है किसी भी व्यक्ति की कुंडली में दांपत्य जीवन का सुख कब और कैसा रहेगा इसका अनुमान लगाया जा सकता है।

आगे पढ़े
picture

वक्री शनि

वैदिक ज्योतिषी के अनुसार शनि ग्रह को बड़ा ही प्रभावशाली ग्रह माना गया है। शनि को न्याय के देवता के रूप में जाना जाता है। मगर ऐसा भ्रम है कि कुंडली में शनि के प्रभाव से जातक के जीवन में परेशानियां बढ़ती हैं। हालांकि यह तथ्य सही नहीं है क्योंकि शनि की शुभ और अशुभ दृष्टि इस बात पर निर्भर करती है कि शनि कुंडली के कौन से भाव में और किस स्थिति में विराजमान है इस लेख के माध्यम से हम आपको बताएंगे कि कुंडली में उल्टी गति में भ्रमण करने पर यानी वक्री शनि होने पर जातक के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है।

आगे पढ़े
picture

वक्री राहु

सभी ग्रहों में राहु को सबसे ज्यादा नीच और अशुभ ग्रह माना जाता है। यह जिस भी राशि में प्रवेश करता है उसके भाग्य में दुख का कारण बन जाता है और उसके सभी काम इतने बिगड़ जाते हैं कि वह कभी भी संवर नहीं पाते। जातक के जीवन में अंधेरा सा छा जाता है और वह किसी भी काम को मन लगाकर नहीं कर पाता । हालांकि हर चीज का उपाय होता है इसलिए राहु की अशुभ दृष्टि से बचने की भी बहुत से उपाय बताए गए हैं। आज हम आपको वर्की राहु के प्रभाव के बारे में बताएंगे

आगे पढ़े
picture

वक्री केतु

राहु के भांति ही केतु को भी बड़ा ही क्रूर ग्रह माना जाता है। यह दोनों ग्रह जीवन में अशुभ दृष्टि डालते हैं। यह दोनों ग्रह वक्री स्थिति में ही कुंडली में मौजूद रहते हैं जिससे जीवन में अशुभ दृष्टि तो पड़ती ही है मगर कई भाव ऐसे होते हैं जिनमें यह शुभ फल प्रदान भी करते हैं। आज हम आपको वक्री केतु के जातक पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में बताने जा रहे हैं।

आगे पढ़े
picture

वक्री मंगल

अक्सर आपने सुना होगा की कुंडली में बैठे ग्रह वक्री हो जाते हैं जो मनुष्य के जीवन को बर्बाद कर देते हैं तो कुछ ग्रह आबाद भी करते हैं। आज हम आपको सबसे पहले यह बताएँगे कि वक्री ग्रह होता क्या है साथ ही बताएँगे कि मंगल ग्रह के वक्री होने पर मनुष्य के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है।

आगे पढ़े
picture

त्यौहार

त्यौहार को अंग्रेजी में फेस्टिवल्स के नाम से जाना जाता है। त्यौहार हिंदू धर्म में और भारतवर्ष में सभी धर्मों के लिए महत्वपूर्ण स्थान निभाते हैं। त्यौहार खुशियों का सूचक हैं और जीवन में खुशियां लेकर आते हैं। त्यौहार जब भी आते हैं तो इसका एक ही अर्थ लगाया जाता है कि अब हमारे जीवन में खुशियां और सुख व समृद्धि आने वाली हैं। हम त्यौहार पर भगवान का आशीर्वाद लेते हैं और उनको इस बात के लिए धन्यवाद अर्पित करते हैं कि उन्होंने हमें अभी तक जिस तरीके का भी जीवन दिया है जो भी खुशियां या दुख हमारे जीवन में दिए हैं यह सब उन्हीं की कृपा है।

आगे पढ़े
Astro Only Logo

ज्योतिष के क्षेत्र में शानदार सेवाओं के कारण एस्ट्रो ओनली एक तेजी से प्रगतिशील नाम है। एस्ट्रो केवल ज्योतिष के क्षेत्र में दिन-प्रतिदिन लोकप्रियता की नई ऊंचाइयों को प्राप्त कर रहा है। प्रामाणिक और सटीक भविष्यवाणियों और अन्य सेवाओं के कारण इस क्षेत्र में हमारा ब्रांड प्रमुख होता जा रहा है। आपकी संतुष्टि हमारा उद्देश्य है। अपने जीवन में सकारात्मकता और उत्साह को बढ़ाकर आपकी सेवा करना हमारा प्रमुख लक्ष्य है। ज्योतिष के मूल्यवान ज्ञान की मदद से हमें आपकी सेवा करने का मौका मिलने पर खुशी होगी।

PayTM PayU Paypal
whatsapp