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वक्री शनि

वैदिक ज्योतिषी के अनुसार शनि ग्रह को बड़ा ही प्रभावशाली ग्रह माना गया है। शनि को न्याय के देवता के रूप में जाना जाता है। मगर ऐसा भ्रम है कि कुंडली में शनि के प्रभाव से जातक के जीवन में परेशानियां बढ़ती हैं। हालांकि यह तथ्य सही नहीं है क्योंकि शनि की शुभ और अशुभ दृष्टि इस बात पर निर्भर करती है कि शनि कुंडली के कौन से भाव में और किस स्थिति में विराजमान है इस लेख के माध्यम से हम आपको बताएंगे कि कुंडली में उल्टी गति में भ्रमण करने पर यानी वक्री शनि होने पर जातक के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है।

वक्री शनि के प्रभाव

यह बात तो स्पष्ट है कि जब शनि वक्री होता है तो जातक के जीवन में कुछ ना कुछ नकारात्मक प्रभाव तो जरूर डालता है लेकिन किस घर में किस भाव में बैठने पर नकारात्मक और सकारात्मक प्रभाव डालता है आइए आपको बताते हैं

कुंडली के प्रथम भाव में वक्री शनि

प्रथम घर में शनि की वक्री स्थिति होने पर कुछ शुभ फल और कुछ अशुभ फल मिलते हैं। कई स्थिति में जातक को अच्छे फल मिलते है तो कई बार दुख का पहाड़ भी फूटता है। प्रथम भाव में वक्री शनि रोग उत्पन्न भी करता है।

कुंडली के द्वितीय भाव में वक्री शनि

दूसरे भाव में वक्री होने पर जातक धर्म के प्रति अपनी निष्ठा और भाव प्रकट करता है। उसके जीवन में आर्थिक लाभ होते हैं। जातक सभी काम के प्रति ईमानदार हो जाता है और वह दयालु और निष्ठावान बनता है।

कुंडली के तृतीय भाव में वक्री शनि

तृतीय भाव या घर में शनि वक्री होता है तो जरूरी काम करने में बाधा आती है। उसे ज्यादातर काम में असफलता प्राप्त होने से मन दुखी और निराश रहता है। तृतीय भाव में अशुभ फल देने वाला वक्री शनि होता है।

कुंडली के चतुर्थ भाव में वक्री शनि

चौथे भाव में शनि के वक्री होने पर शारीरिक दुख मिलते हैं जातक रोगों से ग्रस्त हो जाता है इतना ही नहीं संतान और जीवनसाथी पर भी कष्टों के बादल छा जाते हैं। पारिवारिक जीवन में कष्ट सहने पड़ते हैं और उसका आत्मविश्वास कम होने लगता है।

कुंडली के पंचम भाव में वक्री शनि

इस स्थिति में भी वक्री शनि जातक को अशुभ फल देता है। जातक को प्रेम संबंधों में धोखा मिलने की संभावना बन जाती है उसे कुछ लोग दोस्त बन कर ठगने का प्रयास करते हैं हालांकि इस स्थिति में परिवारिक जीवन पर ज्यादा असर नहीं पड़ता परिवार में सब कुछ कुशल मंगल रहता है।

कुंडली के छठें भाव में वक्री शनि

छठे भाव में शनि के वक्री होने पर शनि बहुत प्रभावशाली हो जाता है। वह जातक को सकारात्मक फल प्रदान करता है। जातक अपने विरोधियों पर फतह प्राप्त कर पाता है। उसे कई जगह यात्राओं पर जाना पड़ता है जो काफी सफल रहती हैं और पारिवारिक जीवन में सुख मिलता है।

कुंडली के सप्तम भाव में वक्री शनि

सप्तम भाव में शनि के वक्री होने पर जातक के माता-पिता को कष्ट मिलता है और उसके माता-पिता की तबीयत खराब रहने लगती है।

कुंडली के अष्टम भाव में वक्री शनि

अष्टम भाव में शनि के वक्री होने पर जातक धर्म के कार्यों से दूर हटने लगता है उसका मन विचलित और परेशान हो जाता है। माता पिता का आशीर्वाद नहीं मिलने से भी जीवन में कई बाधाओं का सामना करना पड़ता है।

कुंडली के नवम भाव में वक्री शनि

शनि के नौवें भाव में वक्री हो जाने से जातक को सुखमय जीवन मिलता है। जातक ईमानदार और परोपकारी बनता है। वह दूसरों की सहायता करने के लिए हमेशा अग्रसर रहता है। पुण्य कार्य करने के कारण भविष्य सुधरता है।

कुंडली के दशम भाव में वक्री शनि

यदि दशम भाव में शनि वक्री हो जाए तो जातक व्यवसाय में फायदा उठा पाता है। उसके द्वारा लगाए हुए धन का लाभ पहुंचाता है और वह निडर और निर्भय बनता है। कई स्थितियों में अशुभ फल की प्राप्ति होती है।

कुंडली के एकादश भाव में वक्री शनि

एकादश भाव में शनि के वक्री हो जाने से शनि धनवान व्यक्ति को भी घमंडी और दुराचारी बना देता है। जातक अपने ही परिवार के लोगों को धोखा देता है। वह हमेशा अपने ही हित के बारे में सोचता रहता है।

कुंडली के द्वादश भाव में वक्री शनि

कुंडली के अंतिम भाव में शनि के वक्री हो जाने से जातक हमेशा भौतिक सुख की तलाश में रहता है। उसे अपने जीवन में कई चीजों की कमी महसूस होती है और वह असन्तुस्टि के कारण हमेशा परेशान रहता है।

शनि के वक्री होने पर उपाय

शनि के वक्री होने पर कुछ महत्वपूर्ण उपाय बताएं गए हैं जिन्हें करने से वक्री शनि अशुभ की जगह शुभ फल देने लगता है

शनिवार के दिन सूर्य उगने से पहले पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाने से अशुभ प्रभावों में कमी आती है।

भगवान शनि के मंदिर में झाड़ू लगाएं और गरीबों को दान दे।

सुबह और शाम हर शनिवार को ओम शं शैनश्चराय नमः मंत्रों का 108 बार जाप करें इससे शनिदेव प्रसन्न होकर शुभ फल प्रदान करेंगे।

शनिवार के दिन काले वस्त्र पहने काले वस्त्रों का दान करें और लोहे की चीज खरीदने से परहेज करें।

शनि देव के साथ-साथ भगवान हनुमान की भी पूजा अर्चना करने से शनि की शुभ दृष्टि मिलती है।

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वक्री बुध ग्रह

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ज्योतिषियों से बात करे

क्या आप अपने जीवन में आ रही परेशानियों को लेकर एक सही और अच्छा समाधान खोज रहे हैं। क्या आप अपने व्यवसाय को लेकर परेशान हैं, काफी मेहनत करने के बाद भी, आपका व्यवसाय उस तरीके से मुनाफा नहीं कर रहा है जिस तरीके से आप चाहते हैं। क्या आपको लगातार नौकरी के क्षेत्र में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। क्या आपका पारिवारिक जीवन सही नहीं चल रहा है। ?

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वक्री बुध

बुध ग्रह को बुद्धि का ग्रह माना जाता है। इस ग्रह के वक्री होने पर मनुष्य की मानसिकता पर बुरा प्रभाव पड़ता है ।यह ग्रह पूरी तरह से हमारी बुद्धि से संबंधित है। बुध ग्रह के वक्री होने को बड़ा ही अशुभ माना जाता है क्योंकि इससे मानसिकता पर असर पड़ता है और यदि मनुष्य की मानसिकता ही खराब हो जाए तो उसका जीवन बर्बाद हो जाता है आइए जानते हैं वक्री बुध बारे में

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वक्री बृहस्पति

किसी भी जातक की कुंडली में बैठे ग्रह की स्थिति यह निर्धारित करती है कि उस जातक के भाग्य में क्या होने वाला है। सामान्य तौर पर सभी ग्रह शुभ और अशुभ दोनों फल देते हैं किन्तु कई ग्रह ऐसे होते हैं जो वक्री होने पर मनुष्य की खुशियां बर्बाद कर देते हैं। मगर वही कुछ ग्रह ऐसे होते हैं यदि वह वक्री हो जाए तो किसी भी मनुष्य को भिकारी से राजा बना सकते हैं। आज हम आपको ग्रहों के गुरु बृहस्पति ग्रह के वक्री होने के प्रभाव के बारे में बताने जा रहे हैं आइए जानते हैं

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शुक्र वक्री

ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों का वक्री होना एक महत्वपूर्ण घटना कहलाती है। इस अवस्था में ग्रह आगे की ओर न चलकर पीछे की ओर चलते हैं जिसको वक्री कहा जाता है। शुक्र ग्रह का वक्री होना ज्योतिष शास्त्र के लिए अनूठा रूप होता हैं। इस दौरान शुक्र ग्रह अपनी सामान्य गति से बढ़कर तेजी से कार्य करता है। वैवाहिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इस ग्रह की दशा देखकर है किसी भी व्यक्ति की कुंडली में दांपत्य जीवन का सुख कब और कैसा रहेगा इसका अनुमान लगाया जा सकता है।

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वक्री शनि

वैदिक ज्योतिषी के अनुसार शनि ग्रह को बड़ा ही प्रभावशाली ग्रह माना गया है। शनि को न्याय के देवता के रूप में जाना जाता है। मगर ऐसा भ्रम है कि कुंडली में शनि के प्रभाव से जातक के जीवन में परेशानियां बढ़ती हैं। हालांकि यह तथ्य सही नहीं है क्योंकि शनि की शुभ और अशुभ दृष्टि इस बात पर निर्भर करती है कि शनि कुंडली के कौन से भाव में और किस स्थिति में विराजमान है इस लेख के माध्यम से हम आपको बताएंगे कि कुंडली में उल्टी गति में भ्रमण करने पर यानी वक्री शनि होने पर जातक के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है।

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वक्री राहु

सभी ग्रहों में राहु को सबसे ज्यादा नीच और अशुभ ग्रह माना जाता है। यह जिस भी राशि में प्रवेश करता है उसके भाग्य में दुख का कारण बन जाता है और उसके सभी काम इतने बिगड़ जाते हैं कि वह कभी भी संवर नहीं पाते। जातक के जीवन में अंधेरा सा छा जाता है और वह किसी भी काम को मन लगाकर नहीं कर पाता । हालांकि हर चीज का उपाय होता है इसलिए राहु की अशुभ दृष्टि से बचने की भी बहुत से उपाय बताए गए हैं। आज हम आपको वर्की राहु के प्रभाव के बारे में बताएंगे

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वक्री केतु

राहु के भांति ही केतु को भी बड़ा ही क्रूर ग्रह माना जाता है। यह दोनों ग्रह जीवन में अशुभ दृष्टि डालते हैं। यह दोनों ग्रह वक्री स्थिति में ही कुंडली में मौजूद रहते हैं जिससे जीवन में अशुभ दृष्टि तो पड़ती ही है मगर कई भाव ऐसे होते हैं जिनमें यह शुभ फल प्रदान भी करते हैं। आज हम आपको वक्री केतु के जातक पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में बताने जा रहे हैं।

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वक्री मंगल

अक्सर आपने सुना होगा की कुंडली में बैठे ग्रह वक्री हो जाते हैं जो मनुष्य के जीवन को बर्बाद कर देते हैं तो कुछ ग्रह आबाद भी करते हैं। आज हम आपको सबसे पहले यह बताएँगे कि वक्री ग्रह होता क्या है साथ ही बताएँगे कि मंगल ग्रह के वक्री होने पर मनुष्य के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है।

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त्यौहार

त्यौहार को अंग्रेजी में फेस्टिवल्स के नाम से जाना जाता है। त्यौहार हिंदू धर्म में और भारतवर्ष में सभी धर्मों के लिए महत्वपूर्ण स्थान निभाते हैं। त्यौहार खुशियों का सूचक हैं और जीवन में खुशियां लेकर आते हैं। त्यौहार जब भी आते हैं तो इसका एक ही अर्थ लगाया जाता है कि अब हमारे जीवन में खुशियां और सुख व समृद्धि आने वाली हैं। हम त्यौहार पर भगवान का आशीर्वाद लेते हैं और उनको इस बात के लिए धन्यवाद अर्पित करते हैं कि उन्होंने हमें अभी तक जिस तरीके का भी जीवन दिया है जो भी खुशियां या दुख हमारे जीवन में दिए हैं यह सब उन्हीं की कृपा है।

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ज्योतिष के क्षेत्र में शानदार सेवाओं के कारण एस्ट्रो ओनली एक तेजी से प्रगतिशील नाम है। एस्ट्रो केवल ज्योतिष के क्षेत्र में दिन-प्रतिदिन लोकप्रियता की नई ऊंचाइयों को प्राप्त कर रहा है। प्रामाणिक और सटीक भविष्यवाणियों और अन्य सेवाओं के कारण इस क्षेत्र में हमारा ब्रांड प्रमुख होता जा रहा है। आपकी संतुष्टि हमारा उद्देश्य है। अपने जीवन में सकारात्मकता और उत्साह को बढ़ाकर आपकी सेवा करना हमारा प्रमुख लक्ष्य है। ज्योतिष के मूल्यवान ज्ञान की मदद से हमें आपकी सेवा करने का मौका मिलने पर खुशी होगी।

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