आज हम आपको चंद्र ग्रहण के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें बताएंगे कि आखिर चंद्र ग्रहण क्यों लगता है और इस ग्रहण का हमारे सामान्य जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है। साथ ही में इस साल पड़ने वाले चंद्र ग्रहण के बारे में भी आपको विस्तार से बताएंगे। आइए जानते हैं चंद्र ग्रहण क्या होता है-
चंद्र ग्रहण उस स्थिति में लगता है जब सूर्य और चंद्रमा के बीच में पृथ्वी आ जाती है तो चंद्रमा तक सूर्य की किरणें नहीं पहुंच पाती ऐसी स्थिति चंद्र ग्रहण लग जाता है। ज्योतिष के अनुसार चंद्र ग्रहण को एक अशुभ घटना माना गया है जिसके बारे में बताया गया है कि इसका मनुष्य के जीवन पर बहुत बुरा असर पड़ता है। ग्रहण के दौरान सूतक लगने पर किसी भी तरह का शुभ कार्य करने पर भी रोक लगा दी जाती है। वहीँ आपको वैज्ञानिक दृष्टि से बताएं तो यह एक खगोलीय दृष्टिकोण है जिसमें सूर्य और चंद्रमा के बीच में पृथ्वी के आ जाने के कारण सूर्य की रोशनी चंद्रमा तक नहीं जा पाती।
चंद्र ग्रहण हमेशा पूर्णिमा पर लगता है इसके पीछे कारण है कि पूर्णिमा के दिन ही पृथ्वी परिक्रमा करते वक्त सूर्य और चंद्रमा के बीच में आती है। ज्योतिष में ऐसा बताया गया है कि चन्द्रमा पर ग्रहण एक ऋषि के श्राप की वजह से लगता है। साथ ही साथ एक दूसरी कहानी के अनुसार राहु केतु की वजह से चंद्रमा पर ग्रहण लगता हुआ नजर आता है। समुद्र मंथन में जो अमृत निकला था उसको राहु ने भी पीया था लेकिन चंद्रमा ने भगवान विष्णु को इसके बारे में बताया था तथा विष्णु ने अपने चक्र से राहु को दो भागों में काट दिया था किंतु अमृत पीने के बाद राहु अमर हुआ तो तभी से यह है सूर्य और चंद्रमा दोनों को ही ग्रहण लगाता हुआ नजर आता है।
ज्योतिष के अनुसार चंद्र ग्रहण का हमारे जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इस दौरान हमें बचकर रहने की बहुत आवश्यकता होती है। इसके कारण मनुष्य के जीवन में कई बाधाएं आती हैं।
1. चंद्र ग्रहण के कारण व्यक्ति को काल्पनिक और मानसिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है जिससे वो उलझन में उलझा रहता है।
2. कुछ व्यक्तियों को स्वस्थ रहने के बावजूद भी, बीमार होने का शक जैसा रहता है। वह किसी भी काम को मन लगाकर नहीं कर पाते हैं।
3. वैवाहिक जीवन में संकट आने लगते हैं, एक दूसरे से लड़ाई होनी शुरू हो जाती हैं।
4. गर्भवती महिलाओं पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है जिससे शिशु को कोई समस्या हो सकती है।
5. घरेलू खर्च में इजाफा होने लगता है और कई बार जमीन जायदाद से जुड़े कार्य अटक जाते हैं।
6. चंद्र ग्रहण का सकारात्मक प्रभाव होने से किसी व्यक्ति के लिए शुभ कार्य होने प्रारंभ हो जाते हैं।
7. चंद्र ग्रहण पहले सूतक लग जाता है जिसमें किसी भी शुभ कार्य को नहीं किया जाता और मंदिर आदि भी बंद करा दिए जाते हैं।
8. माना जाता है कि ग्रहण के समय सोने से व्यक्ति बीमार पड़ जाता है।
9. ग्रहण के समय भोजन करने से मनुष्य जितने अन्न के दाने खाता है उसे इतने सालों तक नर्क में वास करना पड़ता है।
चंद्र ग्रहण आरंभ समय | 26 मई 2021 02:18 अपराह्न |
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चंद्र ग्रहण समाप्ती समय | 26 मई 2021 07:19 अपराह्न |
चंद्र ग्रहण आरंभ समय | 19 नवंबर 2021 11:34 पूर्वाह्न |
चंद्र ग्रहण समाप्ती समय | 19 नवंबर 2021 05:33 अपराह्न |
क्या आप अपने जीवन में आ रही परेशानियों को लेकर एक सही और अच्छा समाधान खोज रहे हैं। क्या आप अपने व्यवसाय को लेकर परेशान हैं, काफी मेहनत करने के बाद भी, आपका व्यवसाय उस तरीके से मुनाफा नहीं कर रहा है जिस तरीके से आप चाहते हैं। क्या आपको लगातार नौकरी के क्षेत्र में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। क्या आपका पारिवारिक जीवन सही नहीं चल रहा है। ?
आगे पढ़ेकुंडली के अंदर बुध ग्रह काफी महत्वपूर्ण ग्रह बताया गया है। सूर्य के नजदीक होने के कारण यह ग्रह बहुत अधिक प्रकाशमान होता है। बुध ग्रह की सबसे अधिक खास बात यह होती है कि यह ग्रह सूर्य के आसपास नजर आता है। ज्योतिष शास्त्र में इस बात का जिक्र किया गया है कि यह कभी भी सूर्य से 28 अंश से अधिक दूर नहीं जा सकता है। साथ ही साथ यह सौर ग्रह का यह सबसे छोटा ग्रह भी बताया गया है।
आगे पढ़ेधन, न्याय, संतान, पुत्र, धर्म और लक्ष्मी के कारक के रूप में बृहस्पति ग्रह को जाना जाता है। बृहस्पति ग्रह को गुरु भी बोला जाता है और यह कुंडली के एक महत्वपूर्ण ग्रह में गिने जाते हैं। बृहस्पति, धनु और मीन राशि के स्वामी हैं और कर्क में यह उच्च राशि के होते हैं तथा मकर इनकी नीच राशि होती है।
आगे पढ़ेसूर्य और चंद्रमा को छोड़कर अगर सौर परिवार का सबसे चमकदार एवं तेजस्वी ग्रह का जिक्र करें तो वह ग्रह शुक्र ग्रह बोला गया है। शास्त्रों में शुक्र ग्रह को कला, प्रेम सौंदर्य एवं आकर्षण की देवी बोला गया है। शुक्र एक और जहां पर मनुष्य को कामवासना में लिप्त होने के लिए उत्तेजित करता हुआ नजर आता है वहीं दूसरी ओर यह माता के समान निस्वार्थ प्रेम का भी एक सूचक बोला गया है।
आगे पढ़ेशनि ग्रह के बारे में ज्योतिष शास्त्र कहा जाता है कि यह ग्रह सबसे धीमी गति से चलता है और अपने प्रभाव और फल देने में समय लेता है. अन्य ग्रहों की तुलना में इस ग्रह को क्रूर और पापी ग्रह की श्रेणी में रखा जाता है.हालांकि शनि को न्याय प्रिय न्याय के देवता के रूप में भी जाना जाता है.
आगे पढ़ेविज्ञान, राहु ग्रह को नहीं मानता है लेकिन वहीं दूसरी तरफ ज्योतिष के अंदर राहु ग्रह का अस्तित्व नजर आता है। ज्योतिष ग्रह के अनुसार राहु और केतु दो ग्रह और भी हैं जिनको की खगोलीय दुनिया में नकार दिया गया है।
आगे पढ़ेज्योतिष शास्त्र में सूर्य ग्रह का महत्व अतुलनीय है। सूर्य को सभी ग्रहों के राजा के रूप में भी जाना जाता है। व्यक्ति अपने जीवन में कैसे कार्य करेगा और कैसे सफलता की सीढ़ियां चढ़ सकता है यह सब कुंडली में सूर्य की दशा को देखकर जाना जा सकता है।
आगे पढ़ेचंद्रमा की बात करें तो चंद्रमा कुंडली के अंदर और राशिफल से बेहद ही महत्वपूर्ण ग्रह बताया गया है। चंद्रमा सबसे अधिक तेज गति से अपनी जगह बदलता हुआ नजर आता है। चंद्रमा एक राशि से दूसरी राशि में पहुंचने से काफी तीव्र गति का प्रयोग करता है और यह सवा 2 दिन अपनी राशि परिवर्तित करता हुआ नजर आता है। यही कारण है कि इसीलिए ज्योतिष शास्त्र में बोला गया है कि चंद्रमा का प्रभाव व्यक्ति के मानसिक स्तर पर सबसे अधिक पड़ता है।
आगे पढ़ेकेतु को भी छाया ग्रह बोला गया है. इसका भी अस्तित्व नजर नहीं आता है लेकिन ज्योतिष में केतु का भी विशेष महत्व है. जातक की कुंडली में यदि केतु बलवान होकर बैठा हुआ है तो यह भी जातक को बहुत अधिक धन लाभ देता हुआ नजर आता है. ऐसा जातक सरकारी नौकरी में सफलता प्राप्त करता है या फिर खेल के क्षेत्र में यह सफल होता हुआ दिखता है. केतु के बारे में एक चीज बहुत प्रसिद्ध है कि केतू हमेशा लाभ प्रदान नहीं करता है लेकिन जब भी यह व्यक्ति को लाभ देता है तो वह बड़ी चीजों के रूप में नजर आता है यानी कि कि केतु हमेशा ही अकस्मात रूप से बड़ा लाभ प्रदान करने का कार्य करता है.
आगे पढ़ेज्योतिष शास्त्र के अंदर मंगल ग्रह को बल और पराक्रम का ग्रह बताया गया है। जातक की कुंडली में यदि मंगल सही स्थिति में मौजूद है और मंगल बलवान है तो ऐसे जातक में पराक्रम पूरी तरह से नजर आता है और ऐसा जातक बहुत ही मुश्किल कामों को आसानी से करता हुआ नजर आता है। उदाहरण के लिए जैसे कि हम देखते हैं कि प्रधानमंत्री जी की कुंडली में मंगल बलवान रहा तो इन्होंने कठिन परिस्थितियों में भी अपना रास्ता तय किया और एक आम परिवार से होते हुए भी यह प्रधानमंत्री बनते हुए नजर आए हैं। मंगल यदि कुंडली में बलवान है और शक्तिशाली है तो ऐसा जातक किसी भी तरीके का असंभव काम भी करता हुआ नजर आता है और ऐसा व्यक्ति कभी रिस्क लेने से घबराता नहीं है।
आगे पढ़ेग्रहों का हमारे जीवन पर अनुकूल और प्रतिकूल दोनों प्रकार का प्रभाव पड़ता है। ग्रह किस चाल और दिशा में चल रहे हैं, उसी से ही हमारे भविष्य और वर्तमान में होने वाली गतिविधियों पर प्रभाव पड़ता है। सभी ग्रह अपनी एक अलग विशेषता रखते हैं लेकिन सबसे महत्वपूर्ण ग्रह सूर्य ग्रह को माना जाता है। सूर्य ग्रह का प्रभाव मनुष्य के जीवन पर सबसे ज्यादा पड़ता है। आज हम आपको सूर्य ग्रह से जुड़ा सूर्य ग्रहण के बारे में बताने जा रहे हैं
आगे पढ़ेचंद्र ग्रहण उस स्थिति में लगता है जब सूर्य और चंद्रमा के बीच में पृथ्वी आ जाती है तो चंद्रमा तक सूर्य की किरणें नहीं पहुंच पाती ऐसी स्थिति चंद्र ग्रहण लग जाता है। ज्योतिष के अनुसार चंद्र ग्रहण को एक अशुभ घटना माना गया है जिसके बारे में बताया गया है कि इसका मनुष्य के जीवन पर बहुत बुरा असर पड़ता है। ग्रहण के दौरान सूतक लगने पर किसी भी तरह का शुभ कार्य करने पर भी रोक लगा दी जाती है
आगे पढ़ेज्योतिष के क्षेत्र में शानदार सेवाओं के कारण एस्ट्रो ओनली एक तेजी से प्रगतिशील नाम है। एस्ट्रो केवल ज्योतिष के क्षेत्र में दिन-प्रतिदिन लोकप्रियता की नई ऊंचाइयों को प्राप्त कर रहा है। प्रामाणिक और सटीक भविष्यवाणियों और अन्य सेवाओं के कारण इस क्षेत्र में हमारा ब्रांड प्रमुख होता जा रहा है। आपकी संतुष्टि हमारा उद्देश्य है। अपने जीवन में सकारात्मकता और उत्साह को बढ़ाकर आपकी सेवा करना हमारा प्रमुख लक्ष्य है। ज्योतिष के मूल्यवान ज्ञान की मदद से हमें आपकी सेवा करने का मौका मिलने पर खुशी होगी।