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चंद्रमा गोचर

चंद्रमा की बात करें तो चंद्रमा कुंडली के अंदर और राशिफल से बेहद ही महत्वपूर्ण ग्रह बताया गया है। चंद्रमा सबसे अधिक तेज गति से अपनी जगह बदलता हुआ नजर आता है। चंद्रमा एक राशि से दूसरी राशि में पहुंचने से काफी तीव्र गति का प्रयोग करता है और यह सवा 2 दिन अपनी राशि परिवर्तित करता हुआ नजर आता है। यही कारण है कि इसीलिए ज्योतिष शास्त्र में बोला गया है कि चंद्रमा का प्रभाव व्यक्ति के मानसिक स्तर पर सबसे अधिक पड़ता है। इसलिए चंद्रमा का प्रयोग राशिफल से सबसे अधिक किया जाता है। सूर्य और चंद्रमा दो ऐसे ग्रह हैं जिनका प्रयोग राशि से किया जाता है। चंद्रमा और सूर्य की यह गति ही तिथि का निर्धारण करती हुई नजर आती है जिसका प्रयोग पंचांग में होता है। चंद्रमा को एक जलीय ग्रह बोला गया है जिसका प्रभाव जातक की आंखों पर पड़ता है। बड़प्पन में सूर्य के बाद चंद्रमा का ही स्थान आता है। ज्योतिष में बोला गया है कि सूर्य यदि ग्रहों का राजा है तो चंद्रमा ग्रहों की रानी है।

सूर्य को पुरुष ग्रह बोला गया है तो वहीं चंद्रमा को स्त्री ग्रह माना गया है। चंद्रमा ही एक मात्र ऐसा ग्रह है जो कि सभी दूसरे ग्रहों का मित्र होता है। जन्म कुंडली में किसी शुभ भाव का स्वामी होकर यदि चंद्रमा बलवान होता है या फिर उच्च का होता है तो वह उस घर को बहुत अधिक लाभ प्रदान करता हुआ नजर आता है। शर्त यही है कि वह सूर्य के साथ बैठकर केवल कुंडली में अस्त नहीं हो। सूर्य के प्रभाव में आने के बाद चंद्रमा बहुत जल्दी अस्त होता हुआ नजर आता है जिसके कारण वह अपना प्रभाव और अपने लाभ किसी व्यक्ति को प्रदान नहीं कर पाता है।

लग्न में यदि चंद्रमा बलवान होकर बैठा है और उसका संबंध चौथे घर के स्वामी से बन रहा हो तो ऐसा जातक जनता का काफी प्रिय साबित होता है और वह राजनीति के क्षेत्र में काफी सफल बन सकता है। कुंडली में चंद्रमा और चौथे घर के बीच में अच्छा संबंध जातक से बहुत अधिक लाभदायक साबित होता है। चंद्रमा कुंडली में यदि बलवान है तो जातक लंबी आयु जीता हुआ नजर आता है वही वह स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी बहुत कम दुख प्राप्त करता है।

कुंडली के अंदर चंद्रमा को मन का कारक बोला गया है। चंद्रमा की महादशा और अंतर्दशा शुभ फलदायक साबित होती है वहीं अगर चंद्रमा अपनी दशा और अंतर्दशा में अत्यधिक कमजोर होता है तो वह दुख प्रदान करता हुआ भी नजर आता है। चंद्रमा लग्नेश है और उसके ऊपर पाप दृष्टि है तो मनुष्य को खून संबंधी रोग प्रदान करता हुआ नजर आता है। चंद्रमा यदि मंगल, शनि के कुप्रभाव में हो तो मनुष्य को खांसी व फेफड़े संबंधी बीमारियां होती हुई नजर आती है। चन्द्रमा राशियों में कर्क और नक्षत्रों में रोहिणी, हस्त और श्रवण नक्षत्र का स्वामी होता है। कुंडली के अंदर व्यक्ति के जन्म के समय चंद्रमा जिस घर में मौजूद होता है वह उस जातक की चंद्र राशि मानी जाती है।

चंद्रमा का मनुष्य जीवन पर प्रभाव

चंद्रमा का मनुष्य जीवन पर काफी गहरा प्रभाव होता है। यह शारीरिक बनावट एवं स्वभाव से महत्वपूर्ण कारक बोला गया है जिस व्यक्ति के लग्न में चंद्रमा मौजूद होता है वह व्यक्ति देखने में सुंदर और आकर्षक होता है और उस व्यक्ति का स्वभाव भी काफी रिस्क लेने वाला होता है। ऐसे जातक जिनकी लग्न में चंद्रमा मौजूद है वह यात्रा करने के काफी शौकीन होते हैं और उनकी कल्पनाशीलता काफी अधिक प्रबल होती है। यह जातक काफी संवेदनशील और भावुक भी होते हैं। साथ ही साथ आर्थिक जीवन में भी इन लोगों को धन संचय करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।

कुंडली में मजबूत चंद्रमा

कुंडली के अंदर यदि चंद्रमा बलवान है तो ऐसा जातक कला के क्षेत्र में काफी सफल होता हुआ नजर आता है। इनकी कल्पनाशीलता काफी अधिक होती है और यह लगातार कल्पनाएँ करते रहते हैं। बलवान चंद्रमा जातक को मानसिक रूप से स्वस्थ बनाता है और ऐसे जातक सदा अपने से बड़ों का आदर करते हुए नजर आते हैं। बलवान चंद्रमा के कारण ही धर्म और आस्था के प्रति इनका झुकाव लगातार बना रहता है। वहीं यह जातक आर्थिक रूप से संघर्ष करने के बाद सफल होते हुए नजर आ जाते हैं।

कुंडली में कमजोर चंद्रमा

कुंडली के अंदर यदि चंद्रमा कमजोर होता है तो ऐसे जातक मानसिक रूप से काफी परेशान रहते हुए नजर आते हैं और हमेशा डरे डरे रहते हैं। कार्यक्षेत्र में भी इनका यही डर इन को सफल नहीं होने देता है। साथ ही साथ ऐसे जातकों को खून संबंधी रोग होते हुए नजर आते हैं।

कुंभ राशि से मीन बुधवार, 01 जनवरी, 2021, सुबह 9:37 बजे
मेष से मीन शनिवार, 04 जनवरी, 2021
मेष से वृषभ सोमवार, 06 जनवरी, 2021, 8:35 बजे
वृषभ से मिथुन गुरुवार, 09 जनवरी, 2021, 3:48 पूर्वाह्न
मिथुन से कर्क शनिवार, 11 जनवरी, 2021, सुबह 7:51 बजे
सिंह को कर्क सोमवार, 13 जनवरी 2021, सुबह 9:54 बजे
सिंह राशि कन्या राशि से बुधवार, 15 जनवरी, 2021, सुबह 11:27 बजे
तुला राशि से कन्या राशि शुक्रवार, 17 जनवरी, 2021, 1:48 बजे
तुला को वृश्चिक राशि रविवार, 19 जनवरी, 2021, शाम 5:47 बजे
वृश्चिक से धनु तक मंगलवार, 21 जनवरी, 2021,11: 42 बजे
धनु से मकर तक शुक्रवार, 24 जनवरी, 2021, 7: 39 बजे
मकर से कुंभ रविवार, 26 जनवरी, 2021, 5: 38 बजे
कुंभ राशि से मीन राशि तक बुधवार, 29 जनवरी, 2021, 5: 29 बजे
मेष से मीन शुक्रवार, 31 जनवरी, 2021,6: 09 बजे
मेष से वृषभ सोमवार, 03 फरवरी, 2021,5: 39 बजे
वृषभ से मिथुन बुधवार, 05 फरवरी, 2021,1: 59 बजे
मिथुन से कर्क शुक्रवार, 07 फरवरी, 2021,6: 23 बजे
सिंह से कर्क रविवार, 09 फरवरी, 2021,7: 42 बजे
सिंह राशि कन्या राशि से मंगलवार, 11 फरवरी, 2021,7: 42 बजे
तुला राशि से कन्या राशि गुरुवार, 13 फरवरी, 2021,8: 22 बजे
तुला को वृश्चिक राशि शनिवार, 15 फरवरी, 2021,11: 18 बजे
वृश्चिक से धनु तकs मंगलवार, 18 फरवरी, 2021,5: 13 बजे
धनु से मकर तक गुरुवार, 20 फरवरी, 2021,1: 51 बजे
मकर से कुंभ रविवार, 23 फरवरी, 2021,12: 28 बजे
कुंभ राशि से मीन मंगलवार, 25 फरवरी, 2021,12: 56 बजे
मेष से मीन शुक्रवार, 28 फरवरी, 2021,1: 07 बजे
मेष से वृषभ रविवार, 01 मार्च, 2021,1: 17 बजे
वृषभ से मिथुन मंगलवार, 03 मार्च, 2021,11: 02 बजे
मिथुन से कर्क शुक्रवार, 06 मार्च, 2021,4: 54 बजे
सिंह को कर्क रविवार, 08 मार्च, 2021,6: 51 बजे
सिंह राशि कन्या राशि से मंगलवार, 10 मार्च, 2021,6: 21 AM
तुला राशि से कन्या राशि गुरुवार, 12 मार्च, 2021,5: 34 बजे
तुला को वृश्चिक राशि शनिवार, 14 मार्च, 2021,6: 40 AM
वृश्चिक से धनु तक सोमवार, 16 मार्च, 2021,11: 11 बजे
धनु से मकर तक बुधवार, 18 मार्च, 2021,7: 24 बजे
मकर से कुंभ शनिवार, 21 मार्च, 2021,6: 19 AM
कुंभ राशि से मीन सोमवार, 23 मार्च, 2021,6: 36 बजे
मेष से मीन गुरुवार, 26 मार्च, 2021,7: 15 बजे
मेष से वृषभ शनिवार, 28 मार्च, 2021,7: 29 बजे
वृषभ से मिथुन मंगलवार, 31 मार्च, 2021,6: 05 AM
मिथुन से कर्क गुरुवार, 02 अप्रैल, 2021,1: 32 बजे
सिंह से कर्क शनिवार, 04 अप्रैल, 2021,5: 07 बजे
सिंह राशि से कन्या राशि सोमवार, 06 अप्रैल, 2021,5: 31 बजे
तुला राशि से कन्या राशि बुधवार, 08 अप्रैल, 2021,4: 33 बजे
तुला से वृश्चिक राशि शुक्रवार, 10 अप्रैल, 2021,4: 25 बजे
वृश्चिक से धनु तक रविवार, 12 अप्रैल, 2021,7: 12 बजे
धनु से मकर तक बुधवार, 15 अप्रैल, 2021,1: 56 बजे
मकर से कुंभ शुक्रवार, 17 अप्रैल, 2021,12: 17 बजे
कुंभ राशि से मीन राशि तक सोमवार, 20 अप्रैल, 2021,12: 37 बजे
मेष से मीन बुधवार, 22 अप्रैल, 2021,1: 17 बजे
मेष से वृषभ शनिवार, 25 अप्रैल, 2021,1: 14 बजे
वृषभ से मिथुन सोमवार, 27 अप्रैल, 2021,11: 45 बजे
मिथुन से कर्क बुधवार, 29 अप्रैल, 2021,7: 57 बजे
सिंह को कर्क शनिवार, 02 मई, 2021,1: 04 बजे
सिंह राशि कन्या राशि से सोमवार, 04 मई, 2021,3: 08 बजे
तुला राशि से कन्या राशि बुधवार, 06 मई, 2021,14 पूर्वाह्न
तुला को वृश्चिक राशि शुक्रवार, 08 मई, 2021,3: 12 बजे
वृश्चिक से धनु तक रविवार, 10 मई, 2021,5: 01 बजे
धनु से मकर तक मंगलवार, 12 मई, 2021,10: 15 बजे
मकर से कुंभ गुरुवार, 14 मई, 2021,7: 21 बजे
कुंभ राशि से मीन रविवार, 17 मई, 2021,7: 13 बजे
मेष से मीन मंगलवार, 19 मई, 2021,7: 52 बजे
मेष से वृषभ शुक्रवार, 22 मई, 2021,7: 36 बजे
वृषभ से मिथुन रविवार, 24 मई, 2021,5: 33 बजे
मिथुन से कर्क बुधवार, 27 मई, 2021,1: 23 बजे
सिंह को कर्क शुक्रवार, 29 मई, 2021,6: 57 बजे
सिंह राशि कन्या राशि से रविवार, 31 मई, 2021,10: 18 बजे
तुला राशि से कन्या राशि मंगलवार, 02 जून, 2021,11: 59 बजे
तुला को वृश्चिक राशि गुरुवार, 04 जून, 2021,1: 06 बजे
वृश्चिक से धनु तक शनिवार, 06 जून, 2021,3: 11 बजे
धनु से मकर तक सोमवार, 08 जून, 2021,7: 44 बजे
मकर से कुंभ गुरुवार, 11 जून, 2021,3: 41 बजे
कुंभ राशि से मीन शनिवार, 13 जून, 2021,2: 15 बजे
मेष से मीन मंगलवार, 16 जून, 2021,3: 16 AM
मेष से वृषभ गुरुवार, 18 जून, 2021,3: 02 बजे
वृषभ से मिथुन रविवार, 21 जून, 2021,12: 34 बजे
मिथुन से कर्क मंगलवार, 23 जून, 2021,7: 34 बजे
सिंह को कर्क गुरुवार, 25 जून, 2021,12: 26 बजे
सिंह राशि कन्या राशि से शनिवार, 27 जून, 2021,3: 50 बजे
तुला राशि से कन्या राशि सोमवार, 29 जून, 2021,6: 26 बजे
तुला को वृश्चिक राशि बुधवार, जुलाई 01, 2021,8: 55 बजे
वृश्चिक से धनु तक शनिवार, 04 जुलाई, 2021,12: 07 बजे
धनु से मकर तक सोमवार, 06 जुलाई, 2021,5: 00 पूर्वाह्न
मकर से कुंभ बुधवार, 08 जुलाई, 2021,12: 30 बजे
कुंभ राशि से मीन शुक्रवार, 10 जुलाई, 2021,10: 54 बजे
मेष से मीन सोमवार, 13 जुलाई, 2021,11: 13 बजे
मेष से वृषभ बुधवार, 15 जुलाई, 2021,11: 18 बजे
वृषभ से मिथुन शनिवार, 18 जुलाई, 2021,9: 00 पूर्वाह्न
मिथुन से कर्क सोमवार, 20 जुलाई, 2021,3: 28 बजे
सिंह को कर्क बुधवार, 22 जुलाई, 2021,7: 16 बजे
सिंह राशि कन्या राशि से शुक्रवार, 24 जुलाई, 2021,9: 36 बजे
तुला राशि से कन्या राशि रविवार, 26 जुलाई, 2021,11: 48 बजे
तुला को वृश्चिक राशि बुधवार, 29 जुलाई, 2021,2: 48 बजे
वृश्चिक से धनु तक शुक्रवार, 31 जुलाई
धनु से मकर तक रविवार, 02 अगस्त, 2021,12: 56 बजे
मकर से कुंभ मंगलवार, 04 अगस्त, 2021,8: 46 बजे
कुंभ राशि से मीन शुक्रवार, 07 अगस्त, 2021,6: 56 पूर्वाह्न
मेष से मीन रविवार, 09 अगस्त, 2021,7: 05 बजे
मेष से वृषभ बुधवार, 12 अगस्त, 2021,7: 36 बजे
वृषभ से मिथुन शुक्रवार, 14 अगस्त, 2021,6: 04 बजे
मिथुन से कर्क सोमवार, 17 अगस्त, 2021,12: 52 बजे
सिंह को कर्क बुधवार, 19 अगस्त, 2021,4: 07 बजे
सिंह राशि कन्या राशि से शुक्रवार, 21 अगस्त, 2021,5: 15 बजे
तुला राशि से कन्या राशि रविवार, 23 अगस्त, 2021,6: 06 बजे
तुला को वृश्चिक राशि मंगलवार, 25 अगस्त, 2021,8: 16 बजे
वृश्चिक से धनु तक गुरुवार, 27 अगस्त, 2021,12: 36 बजे
धनु से मकर तक शनिवार, 29 अगस्त, 2021,7: 12 बजे
मकर से कुंभ मंगलवार, 01 सितंबर, 2021,3: 47 AM
कुंभ राशि से मीन गुरुवार, 03 सितंबर, 2021,2: 14 बजे
मेष से मीन रविवार, 06 सितंबर, 2021,2: 20 बजे
मेष से वृषभ मंगलवार, 08 सितंबर, 2021,3: 09 बजे
वृषभ से मिथुन शुक्रवार, 11 सितंबर, 2021, 2:36 पूर्वाह्न
मिथुन से कर्क रविवार, 13 सितंबर, 2021, 10:35 पूर्वाह्न
सिंह को कर्क मंगलवार, 15 सितंबर, 2021, 2:24 PM
सिंह राशि कन्या राशि से गुरुवार, 17 सितंबर, 2021, दोपहर 3:06 बजे
तुला राशि से कन्या राशि शनिवार, 19 सितंबर, 2021, 2:41 बजे
तुला को वृश्चिक राशि सोमवार, 21 सितंबर, 2021, 3:16 बजे
वृश्चिक से धनु तक बुधवार, 23 सितंबर, 2021, शाम 6:24 बजे
धनु से मकर तक शनिवार, 26 सितंबर, 2021, 12:41 पूर्वाह्न
मकर से कुंभ सोमवार, 28 सितंबर, 2021, सुबह 9:40 बजे
कुंभ राशि से मीन बुधवार, 30 सितंबर, 2021, 8:36 बजे
मेष से मीन शनिवार, 03 अक्टूबर, 2021, सुबह 8:50 बजे
मेष से वृषभ सोमवार, 05 अक्टूबर, 2021, 9:41 बजे
वृषभ से मिथुन गुरुवार, 08 अक्टूबर, 2021, सुबह 9:46 बजे
मिथुन से कर्क शनिवार, 10 अक्टूबर, 2021, शाम 7:09 बजे
सिंह को कर्क मंगलवार, 13 अक्टूबर 2021, दोपहर 12:29 बजे
सिंह राशि से कन्या राशि तक गुरुवार, 15 अक्टूबर, 2021, 2:01 पूर्वाह्न
तुला राशि से कन्या राशि शनिवार, 17 अक्टूबर, 2021, 1:24 पूर्वाह्न
तुला को वृश्चिक राशि सोमवार, 19 अक्टूबर, 2021, 12:46 पूर्वाह्न
वृश्चिक से धनु तक बुधवार, 21 अक्टूबर, 2021, 2:11 बजे
धनु से मकर तक शुक्रवार, 23 अक्टूबर, 2021, सुबह 7:01 बजे
मकर से कुंभ रविवार, 25 अक्टूबर, 2021, 3:25 बजे
कुंभ राशि से मीन बुधवार, 28 अक्टूबर, 2021, 2:30 पूर्वाह्न
मीन राशि से लेकर मेष राशि शुक्रवार, 30 अक्टूबर, 2021, 2:56 अपराह्न
मेष से वृषभ सोमवार, 02 नवंबर, 2021, 3:40 AM
वृषभ से मिथुन बुधवार, 04 नवंबर, 2021, 3:42 बजे
मिथुन से कर्क शनिवार, 07 नवंबर, 2021, 1:47 पूर्वाह्न
सिंह को कर्क सोमवार, 09 नवंबर, 2021, सुबह 8:41 बजे
सिंह राशि कन्या राशि से बुधवार, 11 नवंबर, 2021, दोपहर 12:00 बजे
तुला राशि से कन्या राशि शुक्रवार, 13 नवंबर, 2021, दोपहर 12:31 बजे
तुला को वृश्चिक राशि रविवार, 15 नवंबर, 2021, सुबह 11:57 बजे
वृश्चिक से धनु तक मंगलवार, 17 नवंबर, 2021, दोपहर 12:20 बजे
धनु से मकर तक गुरुवार, 19 नवंबर, 2021, 3:29 बजे
मकर से कुंभ शनिवार, 21 नवंबर, 2021, 10:26 बजे
कुंभ राशि से मीन मंगलवार, 24 नवंबर, 2021, सुबह 8:51 बजे
मेष से मीन गुरुवार, 26 नवंबर, 2021, सुबह 9:19 बजे
मेष से वृषभ रविवार, 29 नवंबर, 2021, सुबह 10:00 बजे
वृषभ से मिथुन मंगलवार, 01 दिसंबर, 2021, सुबह 9:36 बजे
मिथुन से कर्क शुक्रवार, 04 दिसंबर, 2021, 7:21 AM
सिंह को कर्क रविवार, 06 दिसंबर, 2021, 2:45 बजे
सिंह राशि कन्या राशि मंगलवार, 08 दिसंबर, 2021,7: 31 बजे
तुला को वृश्चिक राशि शनिवार, 12 दिसंबर, 2021, सुबह 9:51 बजे
वृश्चिक से धनु तक सोमवार, 14 दिसंबर, 2021, 11:26 बजे
मकर को गुरुवार, 17 दिसंबर, 2021, 1:46 पूर्वाह्न
मकर से कुंभ शनिवार, 19 दिसंबर, 2021, 7:15 AM
कुंभ राशि से मीन सोमवार, 21 दिसंबर, 2021, 4:28 बजे
मेष से मीन गुरुवार, 24 दिसंबर, 2021, 4:44 पूर्वाह्न
मेष से वृषभ शनिवार, 26 दिसंबर, 2021, शाम 5:19 बजे
वृषभ से मिथुन मंगलवार, 29 दिसंबर, 2021, सुबह 4:38 बजे
मिथुन से कर्क गुरुवार, 31 दिसंबर, 2021, दोपहर 1:37 बजे
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ग्रह गोचर

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ज्योतिषियों से बात करे

क्या आप अपने जीवन में आ रही परेशानियों को लेकर एक सही और अच्छा समाधान खोज रहे हैं। क्या आप अपने व्यवसाय को लेकर परेशान हैं, काफी मेहनत करने के बाद भी, आपका व्यवसाय उस तरीके से मुनाफा नहीं कर रहा है जिस तरीके से आप चाहते हैं। क्या आपको लगातार नौकरी के क्षेत्र में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। क्या आपका पारिवारिक जीवन सही नहीं चल रहा है। ?

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बुध गोचर

कुंडली के अंदर बुध ग्रह काफी महत्वपूर्ण ग्रह बताया गया है। सूर्य के नजदीक होने के कारण यह ग्रह बहुत अधिक प्रकाशमान होता है। बुध ग्रह की सबसे अधिक खास बात यह होती है कि यह ग्रह सूर्य के आसपास नजर आता है। ज्योतिष शास्त्र में इस बात का जिक्र किया गया है कि यह कभी भी सूर्य से 28 अंश से अधिक दूर नहीं जा सकता है। साथ ही साथ यह सौर ग्रह का यह सबसे छोटा ग्रह भी बताया गया है।

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बृहस्पति गोचर

धन, न्याय, संतान, पुत्र, धर्म और लक्ष्मी के कारक के रूप में बृहस्पति ग्रह को जाना जाता है। बृहस्पति ग्रह को गुरु भी बोला जाता है और यह कुंडली के एक महत्वपूर्ण ग्रह में गिने जाते हैं। बृहस्पति, धनु और मीन राशि के स्वामी हैं और कर्क में यह उच्च राशि के होते हैं तथा मकर इनकी नीच राशि होती है।

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शुक्र ग्रह

सूर्य और चंद्रमा को छोड़कर अगर सौर परिवार का सबसे चमकदार एवं तेजस्वी ग्रह का जिक्र करें तो वह ग्रह शुक्र ग्रह बोला गया है। शास्त्रों में शुक्र ग्रह को कला, प्रेम सौंदर्य एवं आकर्षण की देवी बोला गया है। शुक्र एक और जहां पर मनुष्य को कामवासना में लिप्त होने के लिए उत्तेजित करता हुआ नजर आता है वहीं दूसरी ओर यह माता के समान निस्वार्थ प्रेम का भी एक सूचक बोला गया है।

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शनि ग्रह गोचर

शनि ग्रह के बारे में ज्योतिष शास्त्र कहा जाता है कि यह ग्रह सबसे धीमी गति से चलता है और अपने प्रभाव और फल देने में समय लेता है. अन्य ग्रहों की तुलना में इस ग्रह को क्रूर और पापी ग्रह की श्रेणी में रखा जाता है.हालांकि शनि को न्याय प्रिय न्याय के देवता के रूप में भी जाना जाता है.

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राहु ग्रह

विज्ञान, राहु ग्रह को नहीं मानता है लेकिन वहीं दूसरी तरफ ज्योतिष के अंदर राहु ग्रह का अस्तित्व नजर आता है। ज्योतिष ग्रह के अनुसार राहु और केतु दो ग्रह और भी हैं जिनको की खगोलीय दुनिया में नकार दिया गया है।

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सूर्य गोचर

ज्योतिष शास्त्र में सूर्य ग्रह का महत्व अतुलनीय है। सूर्य को सभी ग्रहों के राजा के रूप में भी जाना जाता है। व्यक्ति अपने जीवन में कैसे कार्य करेगा और कैसे सफलता की सीढ़ियां चढ़ सकता है यह सब कुंडली में सूर्य की दशा को देखकर जाना जा सकता है।

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चंद्रमा गोचर

चंद्रमा की बात करें तो चंद्रमा कुंडली के अंदर और राशिफल से बेहद ही महत्वपूर्ण ग्रह बताया गया है। चंद्रमा सबसे अधिक तेज गति से अपनी जगह बदलता हुआ नजर आता है। चंद्रमा एक राशि से दूसरी राशि में पहुंचने से काफी तीव्र गति का प्रयोग करता है और यह सवा 2 दिन अपनी राशि परिवर्तित करता हुआ नजर आता है। यही कारण है कि इसीलिए ज्योतिष शास्त्र में बोला गया है कि चंद्रमा का प्रभाव व्यक्ति के मानसिक स्तर पर सबसे अधिक पड़ता है।

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केतु ग्रह

केतु को भी छाया ग्रह बोला गया है. इसका भी अस्तित्व नजर नहीं आता है लेकिन ज्योतिष में केतु का भी विशेष महत्व है. जातक की कुंडली में यदि केतु बलवान होकर बैठा हुआ है तो यह भी जातक को बहुत अधिक धन लाभ देता हुआ नजर आता है. ऐसा जातक सरकारी नौकरी में सफलता प्राप्त करता है या फिर खेल के क्षेत्र में यह सफल होता हुआ दिखता है. केतु के बारे में एक चीज बहुत प्रसिद्ध है कि केतू हमेशा लाभ प्रदान नहीं करता है लेकिन जब भी यह व्यक्ति को लाभ देता है तो वह बड़ी चीजों के रूप में नजर आता है यानी कि कि केतु हमेशा ही अकस्मात रूप से बड़ा लाभ प्रदान करने का कार्य करता है.

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मंगल गोचर

ज्योतिष शास्त्र के अंदर मंगल ग्रह को बल और पराक्रम का ग्रह बताया गया है। जातक की कुंडली में यदि मंगल सही स्थिति में मौजूद है और मंगल बलवान है तो ऐसे जातक में पराक्रम पूरी तरह से नजर आता है और ऐसा जातक बहुत ही मुश्किल कामों को आसानी से करता हुआ नजर आता है। उदाहरण के लिए जैसे कि हम देखते हैं कि प्रधानमंत्री जी की कुंडली में मंगल बलवान रहा तो इन्होंने कठिन परिस्थितियों में भी अपना रास्ता तय किया और एक आम परिवार से होते हुए भी यह प्रधानमंत्री बनते हुए नजर आए हैं। मंगल यदि कुंडली में बलवान है और शक्तिशाली है तो ऐसा जातक किसी भी तरीके का असंभव काम भी करता हुआ नजर आता है और ऐसा व्यक्ति कभी रिस्क लेने से घबराता नहीं है।

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सूर्य ग्रहण

ग्रहों का हमारे जीवन पर अनुकूल और प्रतिकूल दोनों प्रकार का प्रभाव पड़ता है। ग्रह किस चाल और दिशा में चल रहे हैं, उसी से ही हमारे भविष्य और वर्तमान में होने वाली गतिविधियों पर प्रभाव पड़ता है। सभी ग्रह अपनी एक अलग विशेषता रखते हैं लेकिन सबसे महत्वपूर्ण ग्रह सूर्य ग्रह को माना जाता है। सूर्य ग्रह का प्रभाव मनुष्य के जीवन पर सबसे ज्यादा पड़ता है। आज हम आपको सूर्य ग्रह से जुड़ा सूर्य ग्रहण के बारे में बताने जा रहे हैं

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चन्द्र ग्रहण

चंद्र ग्रहण उस स्थिति में लगता है जब सूर्य और चंद्रमा के बीच में पृथ्वी आ जाती है तो चंद्रमा तक सूर्य की किरणें नहीं पहुंच पाती ऐसी स्थिति चंद्र ग्रहण लग जाता है। ज्योतिष के अनुसार चंद्र ग्रहण को एक अशुभ घटना माना गया है जिसके बारे में बताया गया है कि इसका मनुष्य के जीवन पर बहुत बुरा असर पड़ता है। ग्रहण के दौरान सूतक लगने पर किसी भी तरह का शुभ कार्य करने पर भी रोक लगा दी जाती है

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