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भारत के प्रमुख व्रत पर्व और त्यौहारों की सूची | Indian Festival 2022, 2023 Dates In Hindi


Tuesday, 05 October 2021
 Indian Festival 2022, 2023

भारत के प्रमुख व्रत पर्व और त्यौहारों की सूची, इंडियन फेस्टिवल लिस्ट 2022 (Indian Festival, 2022, 2022 Dates In Hindi)

 

भारत त्योहारों का देश बोला जा सकता है। हिन्दू धर्म के त्योहारों की वजह से ही भारतीय लोगों के जीवन में खुशियां आती हुई नजर आती हैं। त्यौहार एक तरफ जहां जीवन में हरियाली लेकर आते हैं तो वहीं दूसरी तरफ से ईश्वर के साथ साक्षात रूप से जुड़ने का भी यह एक मौका प्रदान करते हुए नजर आते हैं। त्यौहार ना सिर्फ बाहरी रूप से सजने सवरने का एक मौका होता है बल्कि आंतरिक रूप से भी सजने का और अपने आप को सकारात्मक करने का एक अच्छा मौका होता है। भारत में हर महीने त्यौहार और पर्व पड़ते हुए नजर आते हैं। एस्ट्रोओनली आपके लिए लेकर आया है साल 2022 और 2023 के त्यौहार। 

 

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हिन्दू कैलेंडर 2022-2023 | Hindu Calendar 2022-2023


 

हिन्दू कैलेंडर की मदद से आप आसानी से ज्ञात कर सकते हैं कि किस दिन कौन सा त्यौहार पड़ने वाला है ताकि आप किसी भी त्योहार या मुख्य व्रत को भूल न जाए। भारत के प्रमुख व्रत और पर्व त्योहारों की यह सूची आपके लिए बड़ी ही महत्वपूर्ण सूची है। आप पहले से ही अपने कार्यक्रम तय कर सकते हैं और पहले से ही जान सकते हैं कि किस दिन कौन सा व्रत त्यौहार पड़ता हुआ नजर आएगा। हिंदू कैलेंडर आपकी मदद करेगा जिसकी मदद से आप कोई भी व्रत और उपवास को मिस करते हुए नजर नहीं आएंगे।

 

भारत के मुख्य त्यौहार लिस्ट | Important Indian Festival List

 

भारत के प्रमुख त्यौहार- हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों की बात करें तो इसमें बहुत सारे त्योहारों का नाम लिया जा सकता है लेकिन इसमें दिवाली, दशहरा, होली, जन्माष्टमी, गणेश चतुर्थी, रक्षाबंधन आदि प्रमुख त्योहार बोले जा सकते हैं। साल की शुरुआत में जहां एक तरफ होली पड़ती हुई नजर आती है और यह होली जीवन में रंग भरने वाली साबित होती है। होली के त्यौहार पर भक्त प्रहलाद की कहानी याद की जाती है कि किस तरीके से ईश्वर का भक्त बना जाता है। होली का त्यौहार हम सभी को समझाता है कि यदि हम अपना सब कुछ ईश्वर के ऊपर छोड़ देते हैं तो उसके बाद हमें कोई भी चिंता करने की आवश्यकता नहीं होती। केवल भगवान का चिंतन करने से ही सभी कार्य बनते हुए नजर आते हैं और तब ईश्वर हमारे कार्य बनाता हुआ नजर आता है। 

 

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जन्माष्टमी का त्योहार मुख्य रूप से उत्तरी भारत में मनाया जाता है लेकिन इस पर्व पर भगवान श्री कृष्ण की पूजा उपासना की जाती है। जन्माष्टमी का सामान्य अर्थ है जिस दिन भगवान श्री कृष्ण ने जन्म लिया, उस दिन को जन्माष्टमी बोला गया। कृष्ण जन्म के अवसर पर भारतीय घरों में बच्चों को कृष्ण के आभूषण बनाए जाते हैं और कृष्ण के जीवन को याद किया जाता है। भगवान श्री कृष्ण की मदद से हमारे जीवन में सुख का आगमन होता हुआ नजर आता है। 

 

इसी तरीके से अगर दिवाली की बात करें तो दिवाली पर लक्ष्मी माता की पूजा की जाती है और उसके साथ-साथ भगवान राम को याद किया जाता है। बोला जाता है कि भगवान राम इसी दिन रावण से युद्ध करके वापस अयोध्या लौटते हुए इधर आए थे और इसी खुशी में दिवाली का आयोजन किया गया था और तभी से दिवाली का आयोजन प्रतिदिन किया जाता रहा है। 

 

भारत के प्रमुख व्रत पर्व और त्यौहारों की सूची | Indian Festival 2022, 2023 Dates In Hindi



 

त्यौहार का नाम

2023

2022

दिवाली

12 नवंबर

24 अक्टूबर

दशहरा

24 अक्टूबर

5 अक्टूबर

होली

8 मार्च

18 मार्च

जन्माष्टमी

6 सितम्बर

18 अगस्त

गणेश चतुर्थी

19 सितम्बर

31 अगस्त

रक्षाबंधन

30 अगस्त

11 अगस्त

ईद

21 अप्रैल

9 जुलाई

क्रिसमस

25 दिसंबर

25 दिसंबर

गुरु नानक जयंती

27 नवंबर

8 नवंबर


 

भारत के प्रमुख व्रत पर्व और त्यौहार (Indian Festival 2021 Dates List )

 

भारत में जहां एक तरफ त्यौहार हर महीने आते हुए नजर आते हैं और उसी तरीके से भारत में बहुत सारे व्रत का भी बड़ा ही महत्व बताया गया है। इन व्रत पर भगवान का व्रत किया जाता है, उपवास रखा जाता है और भगवान से जीवन में शांति की प्रार्थना की जाती है। व्रत-उपवास का भी हमारे जीवन में बड़ा ही विशेष महत्व बताया गया है। हिंदू धर्म की बात करें तो हिंदू धर्म में भी उपवास को ईश्वर से सक्षात्कार का आसान माध्यम बताया गया है। जब व्रत आते ही तो सही विधि विधान से हमें अपने इष्ट देव या जिस भी देवता का व्रत होता है उसकी पूजा-अर्चना करनी चाहिए।


 

भगवान की पूजा करने से, जिस भी देवता का व्रत है उसकी पूजा करने से हमें उसी तरीके की शक्तियां प्राप्त होती ही नजर आती हैं। हमारे शास्त्रों में भी इस तरीके का जिक्र आता है कि व्रतों का विशेष महत्त्व और व्रत वाले दिन यदि कोई व्यक्ति ईश्वर को प्रसन्न करता है तो उसको ईश्वर का आशीर्वाद प्राप्त होता है। 


 

साल के कुछ प्रमुख व्रतोंकी बात कर तो सबसे पहले नवरात्रों का ही नाम आता है। नवरात्रि साल में दो बार आते हैं। इन दोनों ही बाहर माता के नौ रूपों की पूजा होती हुई नजर आती है। माता के 9 रूप हमारे जीवन को विशेष रूप से शक्ति प्रदान करते हुए नजर आते हैं। इस तरह से महाशिवरात्रि का व्रत आता है। महाशिवरात्रि के उपलक्ष्य में भगवान शिव को याद किया जाता है और भगवान शिव हमारे जीवन से सभी तरीके के कष्ट दूर करते हुए नजर आते हैं। विशेष रूप से और विधि विधान पूर्वक की महाशिवरात्रि का व्रत करना चाहिए। इसके अतिरिक्त कुछ अन्य व्रत की बात करें तो रामनवमी, बुद्ध पूर्णिमा, गंगा दशहरा, रंग पंचमी, अक्षय तृतीया, नाग पंचमी, हरियाली तीज, कजरी तीज, शरद पूर्णिमा, गोवर्धन पूजा, भैयादूज, छठ पूजा, गोपाष्टमी, तुलसी विवाह आदि बहुत सारे महत्वपूर्ण व्रत हैं। तो एस्ट्रो ओनली आपको 2022 और 2023 के अनुसार प्रमुख तत्वों की तारीख बता रहा है ताकि हिंदू कलैंडर की मदद से आप जान जाएँ कि किस दिन कौन सा व्रत और उपवास होने वाला है- 


 

त्यौहारों का नाम

2023

2022

महाशिव रात्रि

18 फरवरी

1 मार्च

फुलेरा दूज

21 फरवरी

4 मार्च

गुड फ्राइडे

7 अप्रैल

15 अप्रैल

ईस्टर 

9 अप्रैल

17 अप्रैल

रंग पंचमी

12 मार्च

22 मार्च

गुड़ी पड़वा

22 मार्च

2 अप्रैल

राम नवमी

30 मार्च

10 अप्रैल

गणगौर

8 मार्च

18 मार्च

अक्षय तृतीया

22 अप्रैल

3 मई

बुद्ध पूर्णिमा

5 मई

16 मई

गंगा दशहरा

24 अक्टूबर

6 जून

मिथुना संक्राती

15 जून

15 जून

जगन्नाथ रथ यात्रा

19 जून

1 जुलाई

जयापार्वती व्रत

1 जुलाई

11 जुलाई

हरियाली तीज

19 अगस्त

31 जुलाई

नाग पंचमी

21 अगस्त

2 अगस्त

उपाकर्म

29 अगस्त

कजरी तीज

2 सितंबर

14 अगस्त

बहुला चौथ

3 सितंबर

15 अगस्त

हर छठ

5 सितंबर

17 अगस्त

पर्युषण

11 सितंबर

हरतालिका तीज

18 सितंबर

30 अगस्त

ऋषि पंचमी

20 सितंबर

1 सितंबर

संतान सप्तमी

 

4 सितंबर

राधा अष्टमी/ महालक्ष्मी व्रत

22 सितंबर

17 सितंबर

अनंत चतुर्दशी

29 सितंबर

30 अगस्त

श्राद्ध

29 सितंबर – 14 अक्टूबर

10 सितंबर – 25 सितंबर

जीवित्पुत्रिका

6 अक्टूबर

नवरात्री

15 अक्टूबर - 24 अक्टूबर

26 सितंबर

बठुकम्मा महोत्सव

14 अक्टूबर

नवपत्रिका पूजा

21 अक्टूबर

2 अक्टूबर

सरस्वती पूजा

26 जनवरी

5 फरवरी

शरद पूर्णिमा / कोजागरी व्रत

28 अक्टूबर

9 अक्टूबर

करवाचौथ

31 अक्टूबर

13 अक्टूबर

अहौई अष्टमी

5 नवंबर

17 अक्टूबर

धनतेरस

10 नवंबर

23 अक्टूबर

नरक चतुर्दशी

12 नवंबर

24 अक्टूबर

आद्य काली पूजा

12 नवंबर

24 अक्टूबर

गोवर्धन पूजा/ अन्नकूट

14 नवंबर

26 अक्टूबर

भैया दूज/ यम द्वितीया

14 नवंबर

26 अक्टूबर

छठ पूजा

19 नवंबर

30 अक्टूबर

गोपाष्टमी

20 नवंबर

1 नवम्बर

अक्षय आँवला नवमी

21 नवंबर

24 नवम्बर

जगद्धात्री पूजा

21 नवंबर

तुलसी विवाह

24 नवंबर

20 नवम्बर

वैकुण्ठ चतुर्दशी

25 नवंबर

27 नवम्बर

मणि कर्णिका स्नान

 

विवाह पंचमी

17 दिसंबर

28 नवम्बर

मंडला पूजा

 

27 दिसम्बर





 

भारत के महत्वपूर्ण सांस्कृतिक त्यौहार  (Indian Cultural Festival Dates)

 

भारत के अंदर सांस्कृतिक त्यौहार भी आते हुए नजर आते हैं। इन सांस्कृतिक त्योहारों का महत्व भारत के अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग तरीके से नजर आता है। सांस्कृतिक त्योहारों में मुख्य रूप से एकादशी आती है। यह एकादशी विशेष रूप से फलदाई बताई गई है और व्यक्ति को विधि-विधान रूप से इन एकादशी के ऊपर व्रत करना चाहिए। शास्त्रों में ऐसा बताया गया है कि एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति के बड़े से बड़े दुख कष्ट कटते हुए नजर आते हैं। एकादशी के व्रत की अपनी अलग ही महिमा शास्त्रों में लिखी गई है। एकादशी का व्रत यदि कोई व्यक्ति शुरू करता है तो इसको निरंतर जीवन में जारी रखना होता है या फिर कोई व्यक्ति जब एकादशी के व्रत छोड़ता है तो परिवार के किसी दूसरे व्यक्ति को इसे अपनाते हुए अपने साथ रखना चाहिए। एकादशी के व्रत पूरे किए जाते हैं तो अंत में उद्यापन किया जाता है। ईश्वर को इस बात के लिए खबर दी जाती है कि उसने जो एकादशी के व्रत शुरू किए थे वह अब वह उनको पूर्ण कर रहा है। तो आइये जानते हैं साल 2022 में आने वाली सभी एकादशी कब हैं-


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ग्यारस या एकादशी व्रत तिथी  ( Ekadashi vrat dates):

 

 एकादशी तिथि

 

हिंदू पंचांग की 11वीं तिथि को एकादशी तिथि कहते हैं। यह तिथि महीने में दो बार आती हुई नजर आती है। पूर्णिमा के बाद और अमावस्या के बाद यह तिथि आती है। पूर्णिमा के बाद आने वाली एकादशी को कृष्ण पक्ष की एकादशी बोला जाता है और अमावस्या के बाद आने वाली एकादशी को शुक्ल पक्ष की एकादशी बोलते हैं। इन दोनों प्रकार की एकादशी पर भारतीय हिंदू सनातनी लोग व्रत और पूजा पाठ रखते हुए नजर आते हैं।



 

एकादशी नाम

पक्ष

2023

2022

सफला

कृष्ण

8 जनवरी

19 दिसम्बर

पौष पुत्रदा

शुक्ल

2 जनवरी

13 जनवरी

षष्ठीला

कृष्ण

18 जनवरी

28 जनवरी

जया

शुक्ल

1 फरवरी

12 F

विजया

कृष्ण

16 फरवरी

27

आमलकी

शुक्ल

2 मार्च

14 मार्च

पापमोचिनी

कृष्ण

18 मार्च

28 मार्च

कामदा

शुक्ल

1 अप्रैल

12 अप्रैल

वरुठिनी

कृष्ण

16 अप्रैल

26 अप्रैल

मोहिनी

शुक्ल

1 मई

12 मई

अपरा

कृष्ण

15 मई

26 मई

निर्जला

शुक्ल

31 मई

11 जून

योगिनी

कृष्ण

14 जून

24 जून

देव शयनी

शुक्ल

29 जून

10 जुलाई

कामिका

कृष्ण

11 अगस्त

24 जुलाई

पुत्रदा

शुक्ल

27 अगस्त

8 अगस्त

अजा

कृष्ण

10 सितम्बर

23 अगस्त

परिवर्तिनी/ डोल ग्यारस

शुक्ल

25 सितम्बर

 

इंदिरा

कृष्ण

10 अक्टूबर

21 सितंबर

पापांकुशा

शुक्ल

25 अक्टूबर

6 अक्टूबर

रमा

कृष्ण

9 नवंबर

21अक्टूबर

प्रबोधिनी/ देव उठनी

शुक्ल

23 नवंबर

4 नवम्बर

उत्पन्ना

कृष्ण

8 दिसंबर

20 नवम्बर

मोक्षदा

शुक्ल

23 दिसंबर

3 दिसम्बर

पद्मिनी (अधिक मास)

कृष्ण

29 जुलाई

परमा (अधिक मास)

शुक्ल

12 अगस्त



 

भारत के अन्य धार्मिक त्यौहार (Indian religious festivals)-

 

इसके अतिरिक्त भी भारत में बहुत तरीके के व्रत त्यौहार होते हुए नजर आते हैं सभी त्योहारों को एक तरफ और एक तरह से नहीं देखा जा सकता है सभी त्योहारों के प्रति अलग-अलग दृष्टिकोण रखना बेहद ही आवश्यक होने जाता है अभी तक हमने जो आपको त्यौहार बताएं हैं या व्रत बताएं हैं उसके अतिरिक्त पूर्णिमा व्रत भी हर मां आते हुए नजर आते हैं यह पूर्णिमा व्रत हर महीने आते हैं। 

 

पूर्णिमा व्रत ( Purnima Vrat Date):

 

 पूर्णिमा

 

पूर्णिमा एक संस्कृत शब्द है। पूर्णिमा हर महीने में आती हुई नजर आती है। हिंदू पंचांग के अनुसार जब दिन तीथ आता है तब पूर्णिमा आती हुई दिखती है और प्रत्येक महीने में दो नक्षत्रों के बीच के विभाजन को यह चिन्हित करती हुई दिखती है। 

 

पूर्णिमा की रात को चंद्रमा पूर्ण होता हुआ नजर आता है या फिर यह बोले कि पूर्णिमा की रात को चंद्रमा पूर्ण दिखता हुआ नजर आता है क्योंकि इस दिन एक सीधी रेखा में पृथ्वी से दिखता है। सूर्य के पूर्ण प्रभाव के कारण ही चंद्रमा पूर्णिमा रात्रि को इतना प्रकाशमान नजर आता है। पृथ्वी से यह पूरा दिखने के कारण ही चंद्रमा को पूर्ण बोला जाता है। पूर्णिमा के दिन बहुत सारे पर्व त्यौहार पड़ते हुए नजर आते हैं। 

 

चैत्र की पूर्णिमा के दिन जैसे की हनुमान जयंती पड़ती है। 

चैत्र की पूर्णिमा के दिन प्रेम पूर्णिमा नजर आती है। 

वैशाख की पूर्णिमा के दिन बुध जयंती मनाई जाती है।

ज्येष्ठ की पूर्णिमा के दिन वट सावित्री व्रत पड़ता हुआ नजर आता है। 

आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा कहते हुए नजर आते हैं। 

सावन की पूर्णिमा के दिन रक्षाबंधन मनाया जाता है। 

भाद्रपद की पूर्णिमा के दिन उमामाहेश्वर व्रत बनाया जाता है। 

अश्विन की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा बोला जाता है। 

कार्तिक की पूर्णिमा के दिन पुष्कर मेला होता है और इसी दिन गुरु नानक जयंती मनाई जाती है। 

माघशीर्ष की पूर्णिमा के दिन दत्तात्रेय जयंती मनाई जाती है। 

इसी तरीके से फागुन की पूर्णिमा होली का पर्व मनाया जाता है।



 

मासिक पूर्णिमा

महत्व

2023

2022

चैत्र

हनुमान जयंती

6 अप्रैल

16 अप्रैल

वैशाख

बुद्ध जयंती

5 मई

16 मई

ज्येष्ठ

वट सावित्री

3 जून

29 मई

आषाढ़

गुरू पूर्णिमा

3 जुलाई

13 जुलाई

श्रावण पूर्णिमा

रक्षाबंधन

30 अगस्त

11 अगस्त

भाद्रपद पूर्णिमा

श्राद्ध/ पितृ

29  सितम्बर

9 सितंबर

आश्विन

शरद पूर्णिमा

28 अक्टूबर

9 अक्टूबर

कार्तिक पूर्णिमा

27 नवंबर

8 नवम्बर

अग्रहण्य पूर्णिमा

 

पौष पूर्णिमा

6 जनवरी

17 जनवरी

माघ

माघ मेला

5 फरवरी

फाल्गुन

होली

8 मार्च

18 मार्च



 

निम्न सारणी में पुरे वर्ष में आने वाली पूर्णिमा का महत्व बताया गया हैं :

 

मासिक अमावस्या व्रत –

 

अमावस्या हर महीने में आती हुई नजर आती है। अमावस्या के दिन चांद पूरी तरीके से छुप जाता है और एक अंधकार से भरी हुई रात हमारे सामने आती है। इसीलिए अमावस्या के दिन ईश्वर की विशेष रूप से पूजा की जाती है ताकि यह अंधेरा हमारे जीवन से दूर रहे। 


 

मासिक पूर्णिमा

महत्व

2023

2022

चैत्र

चैत्र अमावस्या

21 मई

31 मार्च

वैशाख

बैसाख अमावस्या

20 अप्रैल

30 अप्रैल

ज्येष्ठ

शनि जयंती

19 मई

30 मई

आषाढ़

सोमवती अमावस्या

17 जुलाई

28 जून

श्रावण

श्रावण अमावस्या

16 अगस्त

27 जुलाई

भाद्रपद

पिठोरी अमावस्या, चन्द्र ग्रहण

14 सितम्बर

आश्विन

सर्व पितृ अमावस्या

14 अक्टूबर

24 सितम्बर

कार्तिक

दीवाली

12 नवंबर

 

अग्रहण्य

मार्गशीर्ष अमावस्या

12 दिसंबर

24 नवम्बर

पौष

पौष अमावस्या

पौष

12 जनवरी

माघ

मौनी अमावस्या

21 जनवरी

12 फरवरी

फाल्गुन

सूर्य ग्रहण

20 फेब्रुवारी


 

किसान के कटाई त्यौहार (Seasonal and Harvesting festivals) –

 

किसान की कटाई को भी भारत में एक त्योहार के रूप में ही मनाया जाता है। किसान जिस दिन अपनी फसल की कटाई करते हैं तो उसी दिन त्यौहार पर ईश्वर का धन्यवाद करते हैं कि ईश्वर आपने हमारी फसल को जीवन दिया और हमें भोजन दिया इसके लिए आपका धन्यवाद और इसी दिन हम फसल की खुशी के उपलक्ष में त्यौहार मनाते हुए नजर आते हैं।

 

बात कीजिये भारत के प्रमुख ज्योतिषचार्य के साथ 10 रुपैय मात्र काल की शुरुआत

 

त्यौहार का नाम

2023

2022

लोहड़ी

13 जनवरी

5 फरवरी

मकर संक्रांति

15 जनवरी

14 जनवरी

बसंत पंचमी

26 फरवरी

5 फरवरी

बैसाखी

14 अप्रैल

14 अप्रैल

ओणम

20 अगस्त

8 सितंबर

पोला

14 सितंबर


 

अन्य महत्वपूर्ण मासिक त्यौहार एवम पवित्र माह :

 

नाम

विवरण

कालाष्टमी

कृष्ण पक्ष अष्टमी

प्रदोष

प्रति हिंदी माह त्रयोदशी

मासिक शिव रात्रि

प्रति हिंदी माह चतुर्दशी

संकष्टी चतुर्थी

हर माह कृष्ण पक्ष के चौथे दिन संकष्टी चतुर्थी आती है|

भानु सप्तमी

जब सप्तमी के दिन रविवार होता हैं

स्कन्दा षष्ठी

शुक्ल पक्ष पंचमी और षष्ठी एक साथ आये तब मनाई जाती हैं

रोहिणी व्रत

जब रोहिणी नक्षत्र सूर्योदय के बाद प्रबल होता हैं

सत्य नारायण पूजा

पूर्णिमा एवं उसके एक दिन पूर्व/ प्रति माह संक्रांति

मंगला गौरी / गौरी पूजा

सावन माह के हर मंगलवार को मंगला गौरी व्रत होता है

धनुर्मास

 

श्रावण/ सावन महत्व

पवित्र माह

अधिक मास महत्व

पवित्र माह जो तीन वर्ष में आता हैं

कोकिला व्रत

जब अधिक मास आषाढ़ में आता हैं यह योग 19 वर्षो में बनता हैं

कार्तिक माह महत्व

पवित्र माह

चातुर्मास/ चौमासा

अर्ध अषाढ़, श्रावण, भाद्रपद, अश्विन एवं अर्ध कार्तिक

महाकुम्भ नासिक

सूर्य,वृहस्पति जब सिंह राशि में प्रवेश करते हैं

महाकुम्भ उज्जैन

जब सूर्य एवम वृहस्पति वृश्चिक राशि में प्रवेश करता हैं |

 

इस्लामिक त्यौहार ( Islamic Festival Dates):

 

जिस तरीके से भारतवर्ष में हिंदुओं के त्यौहार मनाए जाते हैं उसी तरीके से मुस्लिम लोगों के भी त्यौहार आते हुए नजर आते हैं। भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है और सभी धर्म के लोग इस देश में रहते हुए नजर आते हैं। भारत में हिंदू मुस्लिम एकता शुरू से ही कार्य करती हुई नजर आई है। बीच में कई बार ऐसा हुआ कि जब हिंदू मुस्लिम एकता को तोड़ने का कार्य किया गया लेकिन यह एकता सदा से एक साथ भारत के विकास में भागीदारी करती हुई नजर आई है। साल में हिंदू के तरीके से इस्लामिक त्यौहार भी आते हैं। मुस्लिम त्यौहार भी विशेष महत्व रखते हुए नजर आते हैं। इन त्योहारों का सीधे मुस्लिम परिवार, मुस्लिम समाज और मुस्लिम लोगों के जीवन से जुड़ाव रहता है और यह मुस्लिम व्यक्ति के जीवन में खुशियां लाने वाले होते हैं। एस्ट्रो ओनली आपके लिए लेकर आया है इस्लामिक मुस्लिम त्यौहार की तिथि आइए देखते हैं-


 

नाम

2023

ईद

अप्रैल 22

रमजान

मार्च 23 - अप्रैल 21

बकरीद

29 जून

अल हिजरा इस्लामिक न्यू इयर

18-19 जुलाई

मुहर्रम/ आशुरा

29 जुलाईs

 

बात कीजिये भारत के प्रमुख ज्योतिषचार्य के साथ 10 रुपैय मात्र काल की शुरुआत

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