ऑनलाइन कुंडली मिलान / राशिफल मिलान
कुंडली मिलान में गुण मिलान क्या होता है?
कुंडली मिलान के समय जो सबसे अधिक महत्वपूर्ण बातों पर गौर किया जाता हैं कि जातकों के कितने गुण मिलते हैं,इसी को गुण मिलान भी बोला जाता है। कुंडली मिलान की प्रक्रिया के दौरान लड़की और लड़के दोनों के गुण कुंडली में देखकर मिलाये जाते हैं। कुंडली में गुण की संख्या 36 बताई गई है यदि दो लोगों की कुंडली में 36 में से 18 गुण या 50 फ़ीसदी गुण मिल जाते हैं तो विवाह के भविष्य को लेकर के अच्छे संकेत मिलते हैं।
कुंडली में मांगलिक होना क्या होता है
कुंडली में एक बड़ी महत्वपूर्ण चीज देखी जाती है कि जिन दो लोगों के विवाह हो रहे हैं वह दोनों जातक क्या मांगलिक हैं या वह मांगलिक नहीं है? यदि दोनों जातक मांगलिक है तो उस स्थिति में गुणों का मिलान करने के बाद विवाह संपन्न किया जा सकता हैं और दोनों में से एक मांगलिक है और एक मांगलिक नहीं है तो उस विवाह को शुभ नहीं बोला गया है। इससे जुडी बहुत सी भ्रम-भ्रांतिया फैली हुयी हैं लेकिन ऐसा माना जाता हैं जिस व्यक्ति की कुंडली में मांगलिक दोष होता हैं उसका व्यव्यहार गुस्सैल प्रवृति का होता हैं जिसके चलते उसका तालमेल साथी के साथ बैठने में समय लगता हैं और कुछ का मानना हैं यह भी हैं कि मंगल ग्रह साथी के जीवन अवधि को कम देता हैं। मांगलिक दोष को देखने के लिए एक सामान्य सी बात यह भी बताई जाती है कि लग्न में यदि मंगल बैठा है तो उस स्थिति में अधिकतर जातक मांगलिक होते हैं मंगल दोष लगा होने के कारण उस जातक को मांगलिक व्यक्ति से ही शादी करनी होती है। कुंडली में यह एक महत्वपूर्ण चीज है जिसका अध्ययन किया जाता है। परन्तु मांगलिक का निर्धारण व्यक्ति के सभी ग्रहों को देखकर ही किया जाता हैं केवल एक ग्रह की स्थिति पर यह तय करना की लड़का या लड़की मांगलिक हैं यह सही नहीं होता।
कुंडली मिलान कैसे होता है?
जैसा कि हमने आपको ऊपर बताया कि कुंडली मिलाते समय जातकों के ग्रहों को मिलाया जाता है, जातकों की लगन को मिलाया जाता है, जातक के योगकारक ग्रह व मारक ग्रह को मिलाया जाता है उनके आधार पर गुणों को मिलाया जाता है। जातकों की कुंडली में कोई दोष ना हो इस चीज का मिलान किया जाता है। जातकों की कुंडली में एक और दोष अति महत्वपूर्ण होता है जिसके मौजूद होने पर विवाह नहीं किया जाता है वह दोष नाडी दोष होता है। नाड़ी दोष होने पर जातकों को विवाह न करने की सलाह दी जाती हैं। । कुंडली मिलान करते वक्त जातकों की कुंडली में लग्न से शुरुआत की जाती है फिर लगन के बाद अंक दिए जाते हैं। कुंडली मिलाते समय दोनों जातकों के वर्ण मिलाए जाते हैं, वैश्य मिलाए जाते हैं, तारा मिलाया जाता है, योनि मिलाई जाती है, मैत्री मिलाए जाते हैं, गुण मिलाए जाते हैं, भकूट मिलाया जाता है और अंत में नाड़ी को मिलाकर देखा जाता है कि दोनों के 36 में से कितने अंक बन रहे हैं।
"एस्ट्रो ओनली" की सेवा में आप आसानी से अपनी कुंडली के मिलान कर सकते हैं जिसकी मदद से आप देख सकते हैं कि जातकों के विवाह के योग उत्पन्न हो रहे हैं या नहीं हो रहे हैं। कुंडली मिलान करने के लिए आप “एस्ट्रो ओनली” के ज्योतिष आचार्यों की भी मदद ले सकते हैं। हमारे अनुभवी ज्योतिषाचार्य आपको, आपकी कुंडली मिलाकर बड़ी ही आसानी से बता सकते हैं कि जिस रिश्ते में आप जाने वाले हैं या जिस रिश्ते को आप देख रहे हैं क्या वह आपके और आपके बच्चे के लिए लाभदायक रहेगा और क्या बच्चों के जीवन में बड़ी उठापटक होती हुई नजर आ सकती है। शादी और विवाह, मात्र एक संबंध नहीं है बल्कि सालों तक चलने वाला एक रिश्ता है इसलिए जल्दबाजी में अपने बच्चों का विवाह करने वाले लोग अक्सर परेशान और निराश होते हुए नजर आए हैं। कुंडली मिलान करते समय हमें जन्मतिथि, जन्म का समय और जन्म स्थान के साथ किसी भी तरीके का खिलवाड़ नहीं करना चाहिए एक सही कुंडली ही दोनों जातकों के आने वाले भविष्य का निर्धारण करती हैं।