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जानिए, मंगल दोष के लक्षण, कारण और निवारण


Kundaliजन्म कुंडली से मनुष्य को भविष्य का ज्ञात होता है। इससे पता चलता है कि हमारी कुंडली में क्या शुभ और क्या अशुभ है यानि कौन-से गुण है और कौन-कौन से दोष है। किसी की कुंडली में कोई दोष है तो उसे दूर करना बहुत आवश्यक होता है वरना जीवन में बाधा कामयाबी का रास्ता रोक देती है। दोष सभी अशुभ ही होते हैं मगर एक दोष ऐसा है जो शुभ और अशुभ दोनों फल देते हैं। वो दोष है मंगल दोष। जन्मकुंडली में जब मंगल 1, 4, 7, 8 और 12 वें घर में उपस्थित हो तो जातक को मंगल दोष लग जाता है। मंगल दोष सबसे ज्यादा शादीशुदा जीवन को प्रभावित करता है या कुंवारों की शादी में अड़चन डालता है। इस दोष से मनुष्य कई और भी प्रकार के दुखों से गुजरना पड़ता है।

मंगल दोष एक ऐसा दोष है जो शुभ और अशुभ दोनों प्रकार के फल देता है। जिस मनुष्य की कुंडली में मंगल दोष लगा रहता है, उसे मांगलिक कहा जाता है या मांगलिक दोष कुंडली माना जाता है।जो मांगलिक होते हैं उन्हें विवाह के समय बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कहा जाता है यदि मांगलिक का विवाह मांगलिक से नहीं होता तो शादीशुदा जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है। मांगलिक बच्चों के लिए माता-पिता बहुत से उपाय कराते हैं ताकि बच्चे को कोई परेशानी ना हो।

मंगल शुभ तब होता है जब मंगल मेष राशि का होकर लग्न में सूर्य के साथ या चौथे भाव में होकर शनि के साथ हो। ऐसी स्थिति में मंगल व्यक्ति को धन, संपत्ति और सभी सुखों को प्रदान करता है। मांगलिक दोष के लक्षण और उपाय

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मंगल दोष के कारण

जब किसी व्यक्ति की कुंडली में प्रथम भाव में मंगल और शनि हो, साथ ही राहु श्रीण चंद्रमा के साथ हो, शत्रु राशि कुंभ, मकर में हो तो समझ लीजिए कि वह जातक मांगलिक दोष से पीड़ित है।
मंगल के साथ केतु को भी अशुभ माना जाता है और यदि मंगल के साथ बुध हो तो इसका प्रभाव बड़ा ही हानिकारक होता है।
यदि जातक की कुंडली में चौथे और अष्टम भाव में मंगल हो तो जातक को बहुत ज्यादा क्रोध आता है।
सूर्य और शनि मिलकर मंगल बन जाते हैं।

मंगल दोष के अशुभ लक्षण

मंगल दोष लगने से पति पत्नी के बीच झगड़ा रहता है।
कुंवारो के विवाह में देरी हो जाती है।
मंगल ग्रह का असर सबसे ज्यादा आंखों को प्रभावित करता है। मांगलिक व्यक्ति की पुतलियां ऊपर की ओर चुकी होती हैं। कई बार आंखों से देखना भी कम हो जाता है।
मंगल के साथ केतु या बुध हो तो इसका असर और भी ज्यादा खतरनाक हो जाता है।
मंगल दोष से प्रभावित लोगों में कमजोरी आने लगती है और शरीर के जोड़ काम नहीं करते।
इस दोष के कारण अविवाहित के लिए शादी का रिश्ता नहीं मिल पाता है और रिश्ता होता भी है तो टूट जाने का डर रहता है।
मंगल दोष से प्रभावित दंपति शादी के बाद एक दूसरे का सम्मान नहीं करते।
जिनका मंगल विवाह दोष उत्पन्न करता है उनके सर में दर्द रहता है।
मंगल दोष जातक के जीवन को इस प्रकार प्रभावित करता है कि शरीर में खून की कमी आ जाती है।
इस दोष के कारण माता-पिता को संतान संबंधित अड़चनों का सामना करना पड़ता है। कई बार तो संतान होने के बाद तुरंत मर जाती हैं।
जातक बड़ा शांत रहता है और यदि वह किसी से बोलता भी है तो क्रोध ज्यादा करता है।
मंगल दोष से व्यक्ति पर वित्तीय नुकसान जैसे भी प्रभाव पड़ते हैं।

मंगल दोष के निवारण

मंगल दोष से ग्रसित व्यक्ति को कभी भी लाल मिर्च का सेवन नहीं करना चाहिए।
तांबे के छल्ले को अनामिका उंगली में पहनना चाहिए।
एक मटके में 5 ईंट डालकर उसे निर्जल जगह पर उसे दबा दें। हर 2 महीने बाद ऐसा करें। मंगल दोष समाप्त हो जाएगा।
अकेले यात्रा ना करें। कोशिश करें कि हमेशा किसी ना किसी के साथ रहें।
मांगलिक का विवाह मांगलिक से ही कराएं। यदि गुण ना मिले तो बिल्कुल विवाह ना करें।
गले में चांदी की कोई गोली पहने।
श्री हनुमान जी की चालीसा का पाठ करें और हनुमान मंदिर में चोला चढ़ाएं। भगवान हनुमान की मूर्ति से टीका लेकर अपने माथे पर लगाएं।
भाई और मित्रों से अच्छे संबंध रखें। जरूरत के समय अपने मित्रों और भाइयों का साथ दें।
अपने पिता और गुरु का सम्मान करें।
बाहर जाते समय गुड़ खाएं और नकारात्मक लोगों से दूर रहें।
यदि मांगलिक लड़के के लिए मांगलिक लड़की नहीं मिलती है तो फिर उसका एक उपाय ही है कि मांगलिक लड़के या लड़की की शादी पहले के लिए केले या पीपल के पेड़ के साथ करा देनी चाहिए।
किसी भी स्थिति में क्रोध ना करें
बंदरों को गुड़ और चना खिलाएं। अपने घर में लाल फूल वाला पौधा लगाएं।
लाल कपड़े में दो मुट्ठी मसूर की दाल बांधकर मंगलवार के दिन किसी भिखारी को दान करें।
जिस कमरे में आप सोते हैं। उस कमरे में लाल रंग के कपड़े में सौंफ बांधकर रख दें।
मंगल दोष से पीड़ित व्यक्ति को अपने घर में लाल रंग के फूल वाला पौधा लगाना चाहिए।
मंगल दोष से बचने के लिए भगवान श्री गणेश भी सहायता करते हैं इसलिए गणेश वंदना करनी चाहिए। ओम श्री गणेशाय नमः का दिन 108 बार जाप करें।
यदि आपकी कुंडली में पंचम भाव में मंगल बैठा हो तो अपने बेड के पास पानी रखकर सोए और सुबह उठते ही पानी को किसी पेड़ में डाल दें।
यदि विवाह संबंधित आपको कोई अड़चन का सामना करना पड़ रहा है तो उसके उपाय के लिए केले के वृक्ष के साथ विवाह कर लेना चाहिए और उसके बाद शालिग्राम का पूजन करके वर वधु शादी कर सकते हैं।
मंगलवार के दिन शिवलिंग पर लाल कुमकुम चढ़ाएं। मगर कभी भी लाल रंग का फूल भगवान शिव की शिवलिंग पर अर्पित ना करें।
सुंदरकांड का पाठ करने से भी मंगल दोष से छुटकारा पाया जा सकता है।
मंगल दोष से पीड़ित व्यक्ति को मंगलवार के दिन व्रत करना चाहिए
मंगल दोष के अशुभ फल को दूर करने के लिए ये उपाय जरूर करें।

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