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कांची कैलाशनाथ मंदिर, तमिलनाडु


Friday, 19 March 2021
कांची कैलाशनाथ मंदिर, तमिलनाडु

कांची कैलाशनाथ मंदिर, तमिलनाडु

भगवान शंकर दुनिया के हर कोने में रहते हैं। शंकर जी की महिमा भारत में सबसे ज्यादा कही जाती है। यहां पर बड़ी संख्या में भगवान भोल के मंदिर हैं। कई मंदिर तो ऐसे हैं जिनकी वास्तुकला और अद्भुत संरचना देखने लायक है। उन्हीं में से एक मंदिर के बारे में हम आपको बता रहे हैं... उस मंदिर का नाम है कांची कैलाशनाथ... आइए जानते हैं

कांची कैलाशनाथ मंदिर तमिलनाडु के कांचीपुरम में वेदवती नदी के तट पर बना हुआ है। मंदिर भगवान शंकर को समर्पित है। यहां पर शंकर जी 16 शिव लिंगम में विराजमान है। मंदिर की सुंदरता बेहद आकर्षक है। मंदिर की दीवारों को मूर्तियों से कुछ इस प्रकार सजाया है कि हर कोई देखता रह जाता है।

कांची कैलाशनाथ मंदिर के इतिहास
मंदिर के इतिहास के बारे में माना जाता है कि सम्राट नरसिंहवर्मन प्रथम ने इस मंदिर का निर्माण कराया था। उन्होंने अपने समय में बहुत से मंदिर बनवाए लेकिन उन सबमें सबसे आकर्षक मंदिर यही कांची कैलाशनाथ मंदिर है। इस मंदिर का निर्माण 685 ईस्वी 705 ईस्वी के दौरान हुआ था। इसे राजसिम्हा पल्लवेश्वर के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि राजा नरसिंहवर्मन पल्लव वंश के राजा थे। पीढ़ी दर पीढ़ी मंदिर में पल्लव वंश के राजाओं ने निर्माण कार्य को जारी रखा। नरसिंहवर्मन बेटे महेंद्रवर्मन ने मंदिर के सामने के हिस्से में टॉवर का निर्माण कराया था।

कैलाशनाथ मंदिर की अद्भुत संरचना
कांची कैलाशनाथ मंदिर की नींव ग्रेनाइट से बनी हुई है।  मंदिर की बाहरी संरचना की नक्काशी में बलुआ पत्थरों का इस्तेमाल हुआ है। मंदिर का निर्माण द्रविड़ शैली में किया गया है। यहां भगवान शिव पार्वती के नृत्यक रूपों की मूर्तियां बनाई गई है। जो मंदिर की सबसे बड़ी शोभा है। मुख्य मंदिर के  अलावा यहां पर 58 छोटे-छोटे मंदिर भी बने हुए हैं। मुख्य मंदिर की गर्भ गृह में काले ग्रेनाइट में बने 16 शिवलिंग है। जिनके दर्शन मात्र से ही नैया भवसागर से पार उतर जाती है।
मंदिर परिसर में प्रवेश के लिए दो द्वार बने हुए हैं। जिसमें से पूर्व में बने द्वार से आने-जाने की इजाजत नहीं है। मगर दक्षिण दिशा में जो द्वार हैं वहां से श्रद्धालु मंदिर में दर्शन के लिए आते जाते हैं। मंदिर के स्तंभ पर शेर की मूर्तियों की नक्काशी की गई। मंदिर के पिलर पर बनी शेर की मूर्ति ऐसे शोभा देती है जैसे यह भगवान शिव और माता पार्वती के लिए पहरेदार खड़े किए हैं।

मंदिर के खुलने का समय

मंदिर दर्शनों के लिए सुबह 6 बजे खोल दिया जाता है और दोपहर 12 बजे बंद किया जाता है। शाम के समय में 4 बजे से 7 बजे दर्शन किए जा सकते हैं।  

कैलाशनाथ मंदिर के उत्सव

कांची कैलाशनाथ मंदिर में शिव का सबसे प्रिय त्यौहार महाशिवरात्रि को बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। यहां पर इस समय लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं और महाशिवरात्रि के मौके पर भव्य उत्सव में शामिल होते हैं। माना जाता है कि शिवरात्रि पर कैलाशनाथ मंदिर में जो भी भोलेनाथ की 16 शिवलिंग के दर्शन करता है वह जीवन में कभी भी दुखों को नहीं देखता। यदि आप भी अपने जीवन को खुशियों से भरना चाहते हैं तो तमिलनाडु के कांचीपुरम कैलाशनाथ मंदिर में जाएं और शिवलिंग के दर्शन करके आए।

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