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मुरुदेश्वर मंदिर, कर्नाटक


Friday, 19 March 2021
मुरुदेश्वर मंदिर, कर्नाटक

मुरुदेश्वर मंदिर, कर्नाटक

महादेव जी के अनेकों रूप में मुरुदेश्वर रूप भी शामिल है। जो बड़ा ही शक्तिशाली और चमत्कारी है। इस रूप में भगवान कर्नाटक में स्थित है और उनका मंदिर मुरुदेश्वर मंदिर से नाम से विश्व में प्रसिद्ध है। मुरुदेश्वर महादेव जी कर्नाटक में कंडुका पहाड़ी पर स्थित है। इस मंदिर की बहुत सी विशेषताएं हैं ये मंदिर तीनों ओर से अरब सागरर से घिरा हुआ है। मंदिर में श्री मृद्या लिंग में शिव विराजमान है जो मूल आत्मलिंग है।  मुरुदेश्वर मंदिर में स्थित भगवान शिव की प्रतिमा दुनिया की दूसरी सबसे भव्य प्रतिमा है। जिसे देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। आइए जानते हैं मुरुदेश्वर महादेव जी मंदिर का इतिहास और महिमा

मुरुदेश्वर मंदिर का इतिहास

इस मंदिर का निर्माण एक व्यापारी ने कराया था जिसका नाम आर एन शेट्टी था। वो बड़ा ही परोपकारी और शिव भक्त था। उस व्यापारी ने मंदिर में बड़ी ही भव्य प्रतिमा बनवाई। जिसे बहुत ज्यादा दूरी से भी साफ देखा जा सकता है। शिव प्रतिमा को बनवाने में 700 दिन से ज्यादा का समय लगा था।

मुरुदेश्वर मंदिर की पौराणिक कथा

मुरुदेश्वर मंदिर को रामायण काल का माना जाता है। एक बार शिव भक्त और राक्षकों का राजा रावण अमृततत्व को प्राप्त करने के लिए शिव का आत्मलिंग अपने साथ लंका ले जा रहा था। रावण ने आत्मलिंग का वजन सहन ना हुआ और उसने उसे इसी स्थान पर रख दिया। जिससे शिव का वो आत्मलिंग इसी स्थान पर विस्थापित हो गया। जब रावण ने आत्मलिंग को दोबारा उठाने की कोशिश की तो वो हिल भी ना सका। इस कारण यहां पर आज भी आत्मलिंग स्थापित है।

मुरुदेश्वर मंदिर की संरचना

इस मंदिर की ऊंचाई 123 फीट है। मंदिर के मुख्य द्वार को गोपुर कहा जाता है। द्वार पर दो विशाल हाथियों की मूर्तियां भी लगी है। जो मंदिर को और भी सुंदर और आकर्षित बनाती है। मुरुदेश्वर जी का मंदिर की पूरी सतह को जटिल और विशाल नक्काशीदार बनाया गया और गर्भग्रह को भी बड़े ही सुंदरता के साथ बनाया गया है।

मंदिर में पूजन और यात्रा का समय

मुरुदेश्वर मंदिर में जाने के लिए सबसे उचित समय मई से अक्टूबर तक माना जाता है। हालांकि फरवरी में शिवरात्री में यहां बहुत धूमधाम रहती है। शिवरात्री पर भारी संख्या में भक्त आते हैं और पूरा मुरुदेश्वर बम भोले की जयकार से गूंज उठता है। यहां सुबह 6 बजे से 1 बजे तक दर्शनों के लिए मंदिर को खोला जाता है। सुबह 6.30 से 7.30 तक पूजन किया जाता है और रूद्राभिषेक के लिए 6 बजे 12 बजे तक का समय निर्धारित किया गया है। शाम में 3 बजे से 8 बजे तक दर्शन कराएं जाते हैं और शाम की आरती 7 बजे की जाती है।  

सबसे आर्कषण पर्यटन स्थल

मुरुदेश्वर मंदिर सबसे आर्कषण पर्यटन स्थल है। यहां लाखों की संख्या में लोग पिकनिक मनाने और महादेव जी की विशाल प्रतिमा के दर्शन करने के लिए जाते हैं। यहां पर घुमने के लिए और भी बहुत-सी जगह है। जिसमें स्टेचू पार्क, मुरुदेश्वर किला, भटकल बीच, नेत्रानी द्वीप और मुरुदेश्वर मस्जिद शामिल है। आप कभी भी कर्नाटक जाएं तो मुरुदेश्वर मंदिर में महादेव जी के दर्शन करने जरूर जाएं। बाबा भोलेनाथ अपने भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण करते हैं।

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