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बुध गोचर

कुंडली के अंदर बुध ग्रह काफी महत्वपूर्ण ग्रह बताया गया है। सूर्य के नजदीक होने के कारण यह ग्रह बहुत अधिक प्रकाशमान होता है। बुध ग्रह की सबसे अधिक खास बात यह होती है कि यह ग्रह सूर्य के आसपास नजर आता है। ज्योतिष शास्त्र में इस बात का जिक्र किया गया है कि यह कभी भी सूर्य से 28 अंश से अधिक दूर नहीं जा सकता है। साथ ही साथ यह सौर ग्रह का यह सबसे छोटा ग्रह भी बताया गया है। किसी व्यक्ति की बुद्धि, विवेक, व्यवसाय, उसकी वाणी, सुंदरता, प्रसन्नता, सफलता यह सभी बातें बुध के ऊपर निर्भर करती हैं। यदि जातक की कुंडली में बुध ग्रह अच्छी जगह पर बैठे हुए हैं और यह सही राशि के साथ विराजमान हैं तो ऐसा जातक व्यावसायिक रूप से सफल होता हुआ नजर आता है। साथ ही साथ अपनी वाणी की मदद से बहुत अधिक सफलता प्राप्त करता हुआ दिखता है। मीठा बोलना ऐसे व्यक्ति का प्रमुख गुण होता है और अपने इसी गुण की मदद से यह सफल होते हुए नजर आते हैं। ऐसे जातक जिनकी कुंडली में बुध ग्रह शक्तिशाली होते हैं वह बुद्धिजीवी होते हैं, पंडित होते हैं, वेद शास्त्रों के ज्ञाता होते हैं और समाज में ऐसे जातकों को पूरा पूरा मान सम्मान प्राप्त होता नजर आता है।

बैंक, वित्तीय संस्थान, एकाउंटेंसी, पत्रकारिता, प्रिंटिंग प्रेस, शिल्प, कला भवन निर्माण, पुस्तक विक्रेता, डेयरी फार्मिंग, केमिकल उद्योग, वर्कशॉप, ऑटोमोबाइल पार्ट्स आदि से संबंधित काम इस ग्रह के बताये गए हैं। वैदिक ज्योतिष शास्त्र में बुध ग्रह को राजकुमार का पद भी दिया गया है।

कुंडली में मजबूत बुध ग्रह

किसी जातक की कुंडली में यदि बुध ग्रह बहुत अधिक शक्तिशाली और सही राशि के साथ मौजूद होता है तो ऐसा जातक सफल व्यवसायी बनता हुआ नजर आता है। साथ ही साथ व्यवसाय में भी ऐसा जातक सफलता प्राप्त करता हुआ नजर आता है। मीठा बोलना ऐसे जातकों का प्रमुख गुण होता है और ऐसे जातकों के दुश्मन बहुत कम होते हैं। कुंडली के अंदर यदि बुध ग्रह, गुरु, शुक्र और चंद्रमा के साथ होता है तो यह बहुत अधिक शुभ फल प्रदान करता हुआ नजर आता है लेकिन वहीँ मंगल, केतु, शनि, राहु और सूर्य के साथ होने पर यह बुध अशुभ फल भी देते हैं। बुध ग्रह मिथुन और कन्या राशि के स्वामी होते हैं। कन्या राशि इनकी उच्च राशि होती है और मीन राशि में यह नीच के होते हैं। बुध ग्रह को तर्क, संवाद का कारक माना गया है। सूर्य और शुक्र बुध के मित्र होते हैं जबकि चंद्रमा और मंगल इनके शत्रु बताए गए हैं।

बुध ग्रह का प्रभाव

लग्न में बुध का होना अच्छा बताया गया है। वह व्यक्ति शारीरिक रूप से काफी सुंदर होता है जिनकी लग्न में बुध मौजूद होते हैं। ऐसे जातकों की उम्र बहुत धीमे में बढ़ती हुई नजर आती है या फिर बोलें कि यह अपनी उम्र से छोटे नजर आते हैं, उनकी आंखें काफी चमकदार होती हैं। स्वभाव से ऐसे जातक काफी चालाक होते हैं। बौद्धिक रूप से यह काफी धनी और कुशल होते हैं। साथ ही यह मुश्किल कामों को भी आसानी से करते हुए नजर आते हैं। व्यापारिक रूप से भी ऐसे लोग सफल होते हुए दिखते हैं। एक से अधिक व्यापार करना इनका स्वभाव होता है और यह बहुत से स्रोतों से पैसा कमाते हुए नजर आते हैं।

कुंडली में मजबूत बुध

व्यक्ति की कुंडली में यदि बुध ग्रह पर बैठे होते हैं ऐसे जातक अपनी वाणी और अपने शब्दों के दम पर किसी का भी दिल जीते हुए नजर आते हैं। ऐसे जातक कम्युनिकेशन के अंदर काफी नाम कमाते हैं और सफल होते हुए दिखते हैं। इनकी बुद्धि तेजी से काम करती हुई नजर आती है। कुंडली में यदि बुध मजबूत हो तो व्यक्ति लंबी उम्र तक जीता है।

कुंडली के अंदर कमजोर बुध

व्यक्ति की कुंडली में कमजोर बुध के कारण कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे व्यक्ति व्यावसायिक रूप से सफल नहीं हो पाते हैं और बार-बार घाटों का सामना करते रहते हैं। नौकरी के क्षेत्र में भी इन लोगों को संघर्ष करना पड़ता है। भाषा पर इनकी पकड़ कमजोर होती है और यह मानसिक रूप से भी कमजोर नजर आते हैं।

धनु से मकर 05 जनवरी 2021 04:04 पूर्वाह्न
मकर से कुंभ 25 जनवरी 2021 04:46 पूर्वाह्न
कुंभ से मकर वक्री चाल 04 फरवरी 2021 10:46 पूर्वाह्न
मकर सेे कुंभ मार्गी- सीधी चाल 11 मार्च 2021 12:47 अपराह्न
कुंभ से मीन 01 अप्रैल 2021 12:52 अपराह्न
मीन से मेष 16 अप्रैल 2021 09:05 पूर्वाह्न
मेष से वृषभ 01 मई 2021 05:49 पूर्वाह्न
वृषभ से मिथुन 26 मई 2021 09:26 पूर्वाह्न
मिथुन से वृषभ वक्री 03 जून 2021 01:34 पूर्वाह्न
वृषभ से मिथुन मार्गी 07 जुलाई 2021 11:26 पूर्वाह्न
मिथुन से कर्क 25 जुलाई 2021 11:49 पूर्वाह्न
मिथुन से सिंह राशि 09 अगस्त 2021 01:40 पूर्वाह्न
सिंह से कन्या राशि 26 अगस्त 2021 11:28 पूर्वाह्न
कन्या से तुला 22 सितम्बर 2021 08:42 पूर्वाह्न
तुला से कन्या वक्री 02 अक्तूबर 2021 02:32 पूर्वाह्न
कन्या से तुला मार्गी 02 नवम्बर 2021 10:05 पूर्वाह्न
तुला से वृश्चिक 21 नवम्बर 2021 04:59 पूर्वाह्न
वृश्चिक से धनु 10 दिसम्बर 2021 06:15 पूर्वाह्न
धनु से मकर 29 दिसम्बर 2021 11:40 पूर्वाह्न
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ग्रह गोचर

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क्या आप अपने जीवन में आ रही परेशानियों को लेकर एक सही और अच्छा समाधान खोज रहे हैं। क्या आप अपने व्यवसाय को लेकर परेशान हैं, काफी मेहनत करने के बाद भी, आपका व्यवसाय उस तरीके से मुनाफा नहीं कर रहा है जिस तरीके से आप चाहते हैं। क्या आपको लगातार नौकरी के क्षेत्र में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। क्या आपका पारिवारिक जीवन सही नहीं चल रहा है। ?

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बुध गोचर

कुंडली के अंदर बुध ग्रह काफी महत्वपूर्ण ग्रह बताया गया है। सूर्य के नजदीक होने के कारण यह ग्रह बहुत अधिक प्रकाशमान होता है। बुध ग्रह की सबसे अधिक खास बात यह होती है कि यह ग्रह सूर्य के आसपास नजर आता है। ज्योतिष शास्त्र में इस बात का जिक्र किया गया है कि यह कभी भी सूर्य से 28 अंश से अधिक दूर नहीं जा सकता है। साथ ही साथ यह सौर ग्रह का यह सबसे छोटा ग्रह भी बताया गया है।

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बृहस्पति गोचर

धन, न्याय, संतान, पुत्र, धर्म और लक्ष्मी के कारक के रूप में बृहस्पति ग्रह को जाना जाता है। बृहस्पति ग्रह को गुरु भी बोला जाता है और यह कुंडली के एक महत्वपूर्ण ग्रह में गिने जाते हैं। बृहस्पति, धनु और मीन राशि के स्वामी हैं और कर्क में यह उच्च राशि के होते हैं तथा मकर इनकी नीच राशि होती है।

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शुक्र ग्रह

सूर्य और चंद्रमा को छोड़कर अगर सौर परिवार का सबसे चमकदार एवं तेजस्वी ग्रह का जिक्र करें तो वह ग्रह शुक्र ग्रह बोला गया है। शास्त्रों में शुक्र ग्रह को कला, प्रेम सौंदर्य एवं आकर्षण की देवी बोला गया है। शुक्र एक और जहां पर मनुष्य को कामवासना में लिप्त होने के लिए उत्तेजित करता हुआ नजर आता है वहीं दूसरी ओर यह माता के समान निस्वार्थ प्रेम का भी एक सूचक बोला गया है।

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शनि ग्रह गोचर

शनि ग्रह के बारे में ज्योतिष शास्त्र कहा जाता है कि यह ग्रह सबसे धीमी गति से चलता है और अपने प्रभाव और फल देने में समय लेता है. अन्य ग्रहों की तुलना में इस ग्रह को क्रूर और पापी ग्रह की श्रेणी में रखा जाता है.हालांकि शनि को न्याय प्रिय न्याय के देवता के रूप में भी जाना जाता है.

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राहु ग्रह

विज्ञान, राहु ग्रह को नहीं मानता है लेकिन वहीं दूसरी तरफ ज्योतिष के अंदर राहु ग्रह का अस्तित्व नजर आता है। ज्योतिष ग्रह के अनुसार राहु और केतु दो ग्रह और भी हैं जिनको की खगोलीय दुनिया में नकार दिया गया है।

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सूर्य गोचर

ज्योतिष शास्त्र में सूर्य ग्रह का महत्व अतुलनीय है। सूर्य को सभी ग्रहों के राजा के रूप में भी जाना जाता है। व्यक्ति अपने जीवन में कैसे कार्य करेगा और कैसे सफलता की सीढ़ियां चढ़ सकता है यह सब कुंडली में सूर्य की दशा को देखकर जाना जा सकता है।

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चंद्रमा गोचर

चंद्रमा की बात करें तो चंद्रमा कुंडली के अंदर और राशिफल से बेहद ही महत्वपूर्ण ग्रह बताया गया है। चंद्रमा सबसे अधिक तेज गति से अपनी जगह बदलता हुआ नजर आता है। चंद्रमा एक राशि से दूसरी राशि में पहुंचने से काफी तीव्र गति का प्रयोग करता है और यह सवा 2 दिन अपनी राशि परिवर्तित करता हुआ नजर आता है। यही कारण है कि इसीलिए ज्योतिष शास्त्र में बोला गया है कि चंद्रमा का प्रभाव व्यक्ति के मानसिक स्तर पर सबसे अधिक पड़ता है।

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केतु ग्रह

केतु को भी छाया ग्रह बोला गया है. इसका भी अस्तित्व नजर नहीं आता है लेकिन ज्योतिष में केतु का भी विशेष महत्व है. जातक की कुंडली में यदि केतु बलवान होकर बैठा हुआ है तो यह भी जातक को बहुत अधिक धन लाभ देता हुआ नजर आता है. ऐसा जातक सरकारी नौकरी में सफलता प्राप्त करता है या फिर खेल के क्षेत्र में यह सफल होता हुआ दिखता है. केतु के बारे में एक चीज बहुत प्रसिद्ध है कि केतू हमेशा लाभ प्रदान नहीं करता है लेकिन जब भी यह व्यक्ति को लाभ देता है तो वह बड़ी चीजों के रूप में नजर आता है यानी कि कि केतु हमेशा ही अकस्मात रूप से बड़ा लाभ प्रदान करने का कार्य करता है.

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मंगल गोचर

ज्योतिष शास्त्र के अंदर मंगल ग्रह को बल और पराक्रम का ग्रह बताया गया है। जातक की कुंडली में यदि मंगल सही स्थिति में मौजूद है और मंगल बलवान है तो ऐसे जातक में पराक्रम पूरी तरह से नजर आता है और ऐसा जातक बहुत ही मुश्किल कामों को आसानी से करता हुआ नजर आता है। उदाहरण के लिए जैसे कि हम देखते हैं कि प्रधानमंत्री जी की कुंडली में मंगल बलवान रहा तो इन्होंने कठिन परिस्थितियों में भी अपना रास्ता तय किया और एक आम परिवार से होते हुए भी यह प्रधानमंत्री बनते हुए नजर आए हैं। मंगल यदि कुंडली में बलवान है और शक्तिशाली है तो ऐसा जातक किसी भी तरीके का असंभव काम भी करता हुआ नजर आता है और ऐसा व्यक्ति कभी रिस्क लेने से घबराता नहीं है।

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सूर्य ग्रहण

ग्रहों का हमारे जीवन पर अनुकूल और प्रतिकूल दोनों प्रकार का प्रभाव पड़ता है। ग्रह किस चाल और दिशा में चल रहे हैं, उसी से ही हमारे भविष्य और वर्तमान में होने वाली गतिविधियों पर प्रभाव पड़ता है। सभी ग्रह अपनी एक अलग विशेषता रखते हैं लेकिन सबसे महत्वपूर्ण ग्रह सूर्य ग्रह को माना जाता है। सूर्य ग्रह का प्रभाव मनुष्य के जीवन पर सबसे ज्यादा पड़ता है। आज हम आपको सूर्य ग्रह से जुड़ा सूर्य ग्रहण के बारे में बताने जा रहे हैं

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चन्द्र ग्रहण

चंद्र ग्रहण उस स्थिति में लगता है जब सूर्य और चंद्रमा के बीच में पृथ्वी आ जाती है तो चंद्रमा तक सूर्य की किरणें नहीं पहुंच पाती ऐसी स्थिति चंद्र ग्रहण लग जाता है। ज्योतिष के अनुसार चंद्र ग्रहण को एक अशुभ घटना माना गया है जिसके बारे में बताया गया है कि इसका मनुष्य के जीवन पर बहुत बुरा असर पड़ता है। ग्रहण के दौरान सूतक लगने पर किसी भी तरह का शुभ कार्य करने पर भी रोक लगा दी जाती है

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